छपरा के प्राथमिक विद्यालय धरमासती गंडामन में हुए मिड डे मील कांड की 10वीं बरसी आज, ग्रामीणों ने दी श्रद्धांजलि h3>
छपरा: बिहार के सारण जिले के मशरख प्रखंड स्थित गंडामन गांव भला किसको याद नहीं होगा। बिहार के कोने-कोने में इस विद्यालय में हुई घटना पहुंच गई थी। स्थिति ये थी की वैश्विक मीडिया ने इस घटना की रिपोर्टिंग की थी। इस गांव में 10 साल पहले मिड डे मील खाने से 23 बच्चे काल के गाल में समा गए। मामले में स्कूल के प्राचार्य की लापरवाही का मामला सामने आया। आरोपी पर मुकदमा चला और सजा भी हुई। इस घटना को याद कर आज भी उस गांव के लोग सहम जाते हैं। 10वीं बरसी पर गांव के लोगों ने बच्चों की तस्वीरों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
बच्चों की याद में स्मारक
विद्यालय में बच्चों की याद में बने स्मारक के पास श्रद्धांजलि सभा की गई। स्वजनों समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने स्मारक पर पुष्पांजलि की और हवन पूजन में भाग लिया। उल्लेखनीय है कि आज से 10 वर्ष पहले 16 जुलाई 2013 को मशरक प्रखंड के जजौली पंचायत के गंडामन गांव के सामुदायिक भवन में चल रहे नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में बने जहरीले एमडीएम को खाने से 23 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। हालांकि खास बात यह रही कि कोई भी बड़ा अधिकारी मृत बच्चों को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा।
खाने में मिला दिया कीटनाशक
दरअसल 16 जुलाई, 2013 को रसोइए ने एक बच्चे को स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीना देवी के घर से सरसों तेल लाने को भेजा। सरसो तेल के डिब्बे के पास ही छिड़काव करने के लिए तैयार कीटनाशक लिक्विड रखा था। बच्चे ने तेल के बदले कीटनाशक का घोल ले जाकर दे दिया। जो बिल्कुल सरसों तेल जैसा ही था। रसोइया जब सोयाबीन तलने लगी तो उसमें से झाग निकलने लगा। उसने इसकी शिकायत मीना देवी से की। मीना देवी ने ध्यान नहीं दिया। उसके बाद जब खाना बनकर तैयार हो गया और बच्चों को परोसा गया तो बच्चों ने खाने का स्वाद खराब होने की शिकायत की।
बच्चों को श्रद्धांजलि
तब मीना देवी ने बच्चों को डांटकर भगा दिया। खाना खाने के बाद बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गयी। इसके बाद देखते ही देखते 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया। तो कई बच्चों की हालत खराब हो गई। एक रसोइया और 24 मासूम लंबे समय तक चले इलाज के बाद ठीक हुए थे। मृत बच्चों को स्कूल के कैंपस में ही दफन कर दिया गया था। जहां उनका स्मारक बनाया गया। इस मामले में आरोपी प्रिंसिपल मीना देवी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई, जो फिलहाल हाई कोर्ट से जमानत पर चल रही है। ग्रामीणों ने आज बच्चों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
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बच्चों की याद में स्मारक
विद्यालय में बच्चों की याद में बने स्मारक के पास श्रद्धांजलि सभा की गई। स्वजनों समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने स्मारक पर पुष्पांजलि की और हवन पूजन में भाग लिया। उल्लेखनीय है कि आज से 10 वर्ष पहले 16 जुलाई 2013 को मशरक प्रखंड के जजौली पंचायत के गंडामन गांव के सामुदायिक भवन में चल रहे नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में बने जहरीले एमडीएम को खाने से 23 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी। हालांकि खास बात यह रही कि कोई भी बड़ा अधिकारी मृत बच्चों को श्रद्धांजलि देने नहीं पहुंचा।
खाने में मिला दिया कीटनाशक
दरअसल 16 जुलाई, 2013 को रसोइए ने एक बच्चे को स्कूल की प्रधानाध्यापिका मीना देवी के घर से सरसों तेल लाने को भेजा। सरसो तेल के डिब्बे के पास ही छिड़काव करने के लिए तैयार कीटनाशक लिक्विड रखा था। बच्चे ने तेल के बदले कीटनाशक का घोल ले जाकर दे दिया। जो बिल्कुल सरसों तेल जैसा ही था। रसोइया जब सोयाबीन तलने लगी तो उसमें से झाग निकलने लगा। उसने इसकी शिकायत मीना देवी से की। मीना देवी ने ध्यान नहीं दिया। उसके बाद जब खाना बनकर तैयार हो गया और बच्चों को परोसा गया तो बच्चों ने खाने का स्वाद खराब होने की शिकायत की।
बच्चों को श्रद्धांजलि
तब मीना देवी ने बच्चों को डांटकर भगा दिया। खाना खाने के बाद बच्चों को उल्टी और दस्त शुरू हो गयी। इसके बाद देखते ही देखते 23 बच्चों ने दम तोड़ दिया। तो कई बच्चों की हालत खराब हो गई। एक रसोइया और 24 मासूम लंबे समय तक चले इलाज के बाद ठीक हुए थे। मृत बच्चों को स्कूल के कैंपस में ही दफन कर दिया गया था। जहां उनका स्मारक बनाया गया। इस मामले में आरोपी प्रिंसिपल मीना देवी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई, जो फिलहाल हाई कोर्ट से जमानत पर चल रही है। ग्रामीणों ने आज बच्चों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।