नई दिल्ली: आज से लोक आस्था के महापर्व छठ पूजन (Chhath Puja 2020) के साथ ही छठ पर सियासत भी शुरू हो गई है. सार्वजनिक जगहों पर छठ न मनाने के सरकार के आदेश पर सियासत जारी है. सार्वजनिक आयोजन नहीं होने से कई लोग दिल्ली में भी नाराज हैं और मुंबई में भी.
बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोरोना की वजह से सार्वजनिक स्थानों पर छठ ना मने इसके लिए पाबंदी का आदेश जारी किया है. दिल्ली हाई कोर्ट ने भी दिल्ली में घाटों पर छठ पूजा की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि किसी भी धर्म के त्योहार-पर्व को मनाने के लिए आपको सबसे पहले जीवित रहना होगा. वहीं, बीजेपी से मनोज तिवारी ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में छठ पूजा पर अटैक कर दिया है. मंदिर-मस्जिद, सप्ताहिक बाजार सब खुले हैं, शराब की दुकानें खोल रही हैं, लेकिन छठ नहीं मनाने नहीं दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर लोगों से अपने घरों में छठ पूजा करने की अपील की है. सीएम ने ट्वीट में लिखा, ‘कोरोना अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, कमजोर हुआ है. बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है. पूर्व के त्योहारों की भांति छठ भी घर पर ही मनाने का प्रयास करें.’
प्रकृति के प्रति वंदनीय भाव के प्रतीक,लोक आस्था के महापर्व “छठ पूजा” के प्रथम व्रत “नहाए-खाए” की आप सभी को शुभकामनाएं।
कोरोना अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है, कमजोर हुआ है।
बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है।
पूर्व के त्योहारों की भांति छठ भी घर पर ही मनाने का प्रयास करें।
जय छठी मईया
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 18, 2020
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के सार्वजनिक जगहों पर छठ पूजा मनाने पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि लगता है कि याचिकाकर्ता कोरोना महामारी के प्रकोप से वाकिफ नहीं हैं, सार्वजनिक जगहों पर लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना संक्रमण और तेजी से फैलेगा.
उधर, मुंबई में भी समंदर और तालाब के किनारे छठ पूजा पर रोक लगा दी गई है. BMC का कहना है कि बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते ये फैसला लिया गया है.
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गौरतलब है कि मुंबई व इससे सटे ठाणे, कल्याण, नवी मुंबई, सहित पालघर जिले के अलावा पुणे, नासिक जैसे राज्य के अन्य शहरों में रहने वाला उत्तर भारतीय समाज दिवाली के बाद छठ पूजा करता है. ऐसे में मुंबई में समंदर किनारे छठ पूजा करने पर रोक लगने से उत्तर भारतीयों में काफी निराशा है.