चोरी-छिपे मोबाइल ले जाने कैदियों पर कसेगी नकेल, अब जेल में नहीं बजेगी रिंगटोन, लगेंगे वर्ल्ड क्लास जैमर
दिल्ली सरकार ने दी कमिटी गठन को मंजूरी
दिल्ली सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली की जेलों में जैमर व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हाई लेवल तकनीकी समिति के गठन के लिए जेल विभाग की तरफ से एक प्रस्ताव दिल्ली सरकार को भेजा गया था। इस प्रस्ताव में कहा गया था कि डीजी (जेल) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय तकनीकी समिति का गठन किया जा सकता है। यह समिति जैमिंग सॉल्यूशंस तलाशेगी और उनका परीक्षण करेगी। इसके जरिए पता लगाया जाएगा कि नई तकनीक जेल परिसर में कॉल, एसएमएस और डेटा सेवाओं को ब्लॉक करने में कितनी प्रभावी है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को इस 10 सदस्यी कमिटी के गठन के लिए मंजूरी दे दी।
कौन-कौन होगा कमिटी में शामिल
जेल महानिदेशक संजय बेनीवाल इस कमिटी की अध्यक्षता करेंगे। कमिटी के अन्य सदस्यों में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरू के प्रोफेसर ए चौकालिंगम, सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स (सी-डॉट) के सुखपाल सिंह, आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर देवेंद्र जलिहाल, डीआरडीओ के वैज्ञानिक मनीष कुमार, सी-डॉट के ग्रुप लीडर ब्लूमैक्स स्टीफन और देवदास बी, सी-डॉट टीम लीडर संदीप अग्रवाल, आईबी के जॉइंट डिप्टी डायरेक्टर एकेपी पंड्या, एसपीजी के एसएसओ (टेक्नॉलजी) संतोष कुमार शामिल हैं।
इन बिंदुओं पर काम करेगी यह कमिटी
1. मौजूदा मोबाइल नेटवर्क की स्टडी और जेलों में अवैध मोबाइल कम्युनिकेशन को रोकने के लिए तकनीक तय करना।
2. तकनीकी अध्ययन के आधार पर जेलों में मोबाइल नेटवर्क प्रतिबंधित करने के लिए समाधान की सिफारिश करना।
3. 5-G मोबाइल नेटवर्क को ब्लॉक करने के लिए समाधान तलाशना।
4. जेल के आसपास बीटीएस टावर लगाने के लिए तकनीकी दिशानिर्देश प्रस्तावित करना।