‘चुनावी साल की कारस्तानियां है, मेरा इससे कोई संबंध नहीं’, अशोक गहलोत के बेटे वैभव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारा

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‘चुनावी साल की कारस्तानियां है, मेरा इससे कोई संबंध नहीं’, अशोक गहलोत के बेटे वैभव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारा

‘चुनावी साल की कारस्तानियां है, मेरा इससे कोई संबंध नहीं’, अशोक गहलोत के बेटे वैभव ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारा

ललिता व्यास, जोधपुर: सीएम अशोक गहलोत के पुत्र एवं राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत के परिचित कांग्रेस नेता के खिलाफ नासिक के एक थाने में कोर्ट में पेश इस्तगासे के बाद कोर्ट के आदेश पर एक एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में गुजरात निवासी मुख्य आरोपी के साथ आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत को भी सहआरोपी बनाया गया है।


क्या है पूरा मामला?
दरअसल परिवादी नासिक निवासी सुशील पाटिल ने एक वीडियो जारी कर बताया कि उसकी गुजरात निवासी परिचित कांग्रेस नेता सचिन वालेरा से कुछ समय पूर्व मुलाकात हुई। वालेरा ने उसे बताया कि उसके राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अच्छे तालुकात हैं। उसने परिवादी को एक वीडियो दिखाया, जिसमें अशोक गहलोत उसके घर आए थे। वालेरा जब भी राजस्थान के सीएम हाउस जाता था, तब वहां की फोटोज व लोकेशन उसके साथ शेयर करता था।
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परिवादी का कहना है कि वालेरा ने विश्वास दिला दिया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उसके व्यक्तिगत और अच्छे संबंध है। उसके बाद कोरोना काल में पीपीई किट, सेनेटाइजर व कोरोना अवेयरनेस के एड के काम अपनी फर्म के जरिए करने की बताते हुए परिवादी से राजस्थान में सरकारी काम लेने के लिए करोड़ों रुपये निवेश करवाए थे, लेकिन वापस नहीं दिए। इसके बाद परिवादी ने कोर्ट इस्तगासे के मार्फ़त यह एफआईआर दर्ज करवाई है। इस एफआईआर में मुख्य आरोपी वालेरा के अलावा 14 अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें वैभव गहलोत का नाम भी शामिल है।

मामला चर्चा में आने के बाद वैभव ने आरोपों को बताया निराधार
वैभव गहलोत ने खुद पर लगे धोखाधड़ी के अरोपों को सिरे से नकारा है। उनका कहना है कि एक प्रकरण में उनका नाम जोड़ा गया है। उस मामले के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। मुझे खुद मीडिया के माध्यम से इस बात की जानकारी मिली है। इससे ज्यादा कुछ जानकारी नहीं। उन्होंने कहा कि अगले साल चुनाव हैं। ऐसे में इस तरह के मनगढ़ंत आरोप लगाना, एफआईआर करवाना चलता रहेगा। मुझे कुछ मीडिया के माध्यम से पता चला अभी तो यह भी पता नहीं कि उनकी f.i.r. में क्या है और उसका आधार क्या है। चुनावी वर्ष के दौरान निराधार आरोप लगाना चलता रहता है। एफआईआर का आधार क्या है यह भी तो पता चले।

मेरा इस सब से कोई संबंध नहीं: वैभव
वैभव ने आरोपों को लेकर किए गए अपने एक ट्वीट में लिखा कि… ‘मीडिया में किसी प्रकरण को लेकर जिस तरह चल रहा है, जिसमें मेरा नाम भी डाला गया है, मुझे उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है और मेरा इस सब से कोई संबंध नहीं है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, झूठे आरोपों के साथ-साथ ऐसी कारस्तानियां और मैनिपुलेटेड बातें सामने आएंगी।’

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