चंद्रप्रकाश कथूरिया ने शुगर मिलों के 400 करोड़ घाटे को किया कम | Chandraprakash Kathuria reduced the loss of 400 crores of sugar mills | Patrika News

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चंद्रप्रकाश कथूरिया ने शुगर मिलों के 400 करोड़ घाटे को किया कम | Chandraprakash Kathuria reduced the loss of 400 crores of sugar mills | Patrika News

चंद्रप्रकाश कथूरिया ने शुगर मिलों के 400 करोड़ घाटे को किया कम | Chandraprakash Kathuria reduced the loss of 400 crores of sugar mills | Patrika News

हरियाणा के करनाल में जन्मे और इसी क्षेत्र में राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले चंद्रप्रकाश ने प्रारंभिक जीवन में काफी कठिनाइयों का सामना करते हुए शोषित और उपेक्षित वर्ग की पीड़ा को नजदीकी से अनुभव किया। उनकी राजनीतिक पारी की शुरुआत 1995 में चौधरी बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी के साथ हुई थी। चौधरी बंसीलाल के बेटे सुरेंदर के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उन्होंने प्रदेश से कांग्रेस को बेदखल करने का भरपूर प्रयास किया। उनकी राजनीतिक क्षमता को देखते हुए पार्टी ने उन्हें करनाल युवा अध्यक्ष बना दिया। इसके बाद वे 4 साल जिला महामंत्री और वर्ष 2002 से 2004 तक प्रदेश महासचिव व पार्टी के कोर ग्रुप मेंबर रहे।

कई पदों पर रहे चंद्रप्रकाश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की नीतियों से प्रभावित होकर वर्ष 2004 में Chandra Prakash Kathuria भारतीय जनता पार्टी नेता शिवराज सिंह चौहान से मिले। इसके बाद हरियाणा विकास पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश लाल एवं हजारों कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा ने उन्हें व्यापार प्रकोष्ठ का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाने के साथ ही प्रदेश कार्यकारिणी का सदस्य बनाया। इसी दौरान वर्ष 2008 में उन्हें करनाल भाजपा का जिलाध्यक्ष बनाया गया। करनाल भाजपा जिला अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने संगठन के विस्तार की दृष्टि से विभिन्न जातीय पृष्ठभूमि वाले नेताओं को पार्टी से जोड़ा एवं करनाल व्यापार मंडल, एसएसआईडीसी एसोसिएशन, उद्योग जगत की इकाइयों और प्रमुख सामाजिक संस्थाओं को पार्टी विचारधारा से जोड़ने का काम किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले ग्रामीण क्षेत्रों एवं लाइनपार क्षेत्र के रामनगर, शिव कॉलोनी में भाजपा का झंडा फहराया।

भाजपा ने चंद्रप्रकाश कथूरिया की लोकप्रियता देखते हुए वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्हें करनाल से अपना प्रत्याशी बनाया। परंतु इस बार भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया और वे चुनाव नहीं जीत सके। वहीं 2013 में भाजपा प्रदेश मंत्री बनकर उन्होंने प्रदेश में विपक्ष की संघर्षशील भूमिका निभाते हुए अनेक मुद्दों पर सरकार को निर्णय लेने के लिए विवश किया।

2014 के लोकसभा चुनावों में करनाल विधानसभा क्षेत्र के चुनाव प्रभारी का दायित्व निभाते हुए उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र से भाजपा को 56000 मतों से बढ़त दिलाई। इसी दौरान हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने करनाल की पारंपरिक सीट से दावेदारी छोड़कर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को विधानसभा प्रभारी बनकर चुनाव लड़ाया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के संयोजक की जिम्मेदारी भी बखूबी निभाई।

13 दिसंबर वर्ष 2016 को सरकार ने उन्हें हरियाणा शुगरफेड का चेयरमैन नियुक्त किया। चेयरमैन बनते ही उन्होंने पहले वित्तीय वर्ष में ही शुगर मिलों के करीब 400 करोड़ घाटे को कम करने का उल्लेखनीय कार्य किया। चंद्रप्रकाश कथूरिया ने कार्यकाल में ही करनाल व पानीपत शुगर मिल के किसानों की पिछले 22 वर्षों से चली आ रही मांग के अनुरूप नई शुगर मिल का शिलान्यास किया।



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