चंडीगढ़ सदन की बैठक में लगे पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे: प्रॉपटी टैक्स को लेकर विपक्ष का प्रदर्शन,प्रशासन ने दिए 238 करोड़ – Chandigarh News h3>
चंडीगढ़ निगम सदन की बैठक शुरू होने से पहले विपक्ष बढ़े हुए प्रॉपटी टैक्स का विरोध करती हुई।
चंडीगढ नगर निगम की सदन की बैठक शुरू होते ही पहले विपक्ष ने सदन के बाहर बढ़े हुए प्रॉपटी टैक्स को लेकर नारेबाजी की और सदन के अंदर कांग्रेस ने भारत माता की जय और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। वहीं नगर निगम जो वित्तीय सकंट से जूझ रहा है उसे चंडीगढ़ प
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प्रॉपटी टैक्स कम करने को लेकर शहर के मौजूदा मेयर हरप्रीत कौर बबला के साथ 10 पूर्व मेयर भी चंडीगढ़ प्रशासक से मिले थे और उन्होंने प्रॉपटी टैक्स कम करने की मांग की थी।
चंडीगढ़ नगर निगम की वित्तीय स्थिति इतनी खराब हो गई है कि नए काम की तो बात छोडि़ए, पहले से पास हुए कई विकास प्रोजेक्ट भी अटके पड़े हैं। अप्रैल 2024 में निगम के बैंक खाते में खर्च के लिए कुल 32.81 करोड़ रुपए मौजूद थे। जो मार्च 2025 तक 278.58 करोड़ रुपए के घाटे में बदल गया। 1 अप्रैल 2025 को इसी घाटे से निगम का नया बजट शुरू हुआ।
निगम कर्मचारियों की वेतन, वेजिज, पेंशन व मेडिकल बिलों पर सालाना करीब 715.30 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिससे सिर्फ 45.86 करोड़ रुपए बचेंगे। उसमें भी बिजली बिल 156.10 करोड़ और माइनर वर्क 156.85 करोड़ का प्रबंधन नहीं हो सकेगा।
बैठक में कांग्रेस पार्षद विरोध करने के लिए आए काले कपडे पहनकर।
नगर निगम ने मनीमाजरा पॉकेट-6 की 7.37 एकड़ जमीन रेजिडेंशियल के लिए नीलाम करने की तवज्जो दी है। इससे निगम को 200–250 करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है। यदि यह राशि जुट गई, तो बिजली बिल और माइनर वर्क के साथ नए विकास प्रोजेक्ट भी शुरू हो सकेंगे, अन्यथा निगम आर्थिक तंगी में उलझा रहेगा।
2025–26 का बजट और उपलब्ध संसाधन
- ग्रांट इन एड: 625 करोड़
- नगर निगम रेवेन्यू: 414.76 करोड़
- कुल बजट: 1,039.76 करोड़
- पहले साल का घाटा: 278.58 करोड़
- घाटा समायोजन के बाद बजट: 761.16 करोड़
रुक गए प्रमुख विकास कार्य
- सड़कों की रिकार्पेटिंग: 50 करोड़ का अनुमानित बजट पास, डीएनआईटी अभी तक नहीं बनी।
- 2 नए कम्युनिटी सेंटर: सेक्टर-24 (12 करोड़) व सेक्टर-51 (25 करोड़) पर टेंडर फंड न होने से नहीं लगे।
- पुराने सेंटर का रेनोवेशन: सेक्टर-29 (6 करोड़) व ठाकुरद्वारा मनीमाजरा (7 करोड़) का काम अटका।
- ठेकेदारों को बकाया भुगतान: 4 करोड़ रिकार्पेटिंग, 7 करोड़ पब्लिक हेल्थ, 10 करोड़ स्टॉर्म वाटर अपग्रेडेशन पर भुगतान लंबित।
निगम की अपनी आमदनी के मुख्य स्रोत
- पानी–सीवर बिल: 160 करोड़
- कॉमर्शियल प्रॉपर्टी टैक्स: 66 करोड़
- गारबेज कलेक्शन चार्जेज: 33 करोड़
- पार्किंग फीस: 25 करोड़
- रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स: 19 करोड़
- अन्य रिसिप्ट: 100.76 करोड़