घटिया निर्माण का ‘हाईवे’, 55 किमी खंड में 3673 दरारें | ‘NH-12’ of poor construction, 3673 cracks in 55 km section | Patrika News h3>
रफ्तार के सफर में खलल: बनते ही उधड़ गया करोड़ों का बहुप्रतीक्षित हाईवे
राष्ट्रीय राजमार्ग-12 के अलग-अलग खंडों में निर्माण की लापरवाही आई सामने
-जबलपुर-हिरन नदी के 55 किमी खंड में 3673 दरारें
-पैनल में दरार के साथ पुल-पुलियों के निर्माण और बिजली के पोल में भी गम्भीर शिकायतें
-नई-नवेली सडक़ पर जगह-जगह लग गए पैबंद, रफ्तार में पड़ रहा है खलल
-दबाव में आए सडक़ प्राधिकरण ने शुरू की लीपापोती, मरम्मत के नाम पर भी खानापूर्ति
जबलपुर
Published: April 13, 2022 10:31:31 pm
जबलपुर-भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग के बनते ही घटिया निर्माण की परतें उधड़ गईं। करोड़ों की लागत से बनी सडक़में बड़ी-बड़ी दरारें उभर आईं। पुल-पुलियों के निर्माण में गड़बडिय़ां और घटिया बिजली पोल्स का इस्तेमाल हुआ। इस हाईवे को जितने भी खंड़ों में बांटकर बनाया गया, उनमें कोई भी हिस्सा शिकायतों से अछूता नहीं है। स्थानीय लोगों के साथ जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों ने एनएचएआई को घेरा। इसके बाद बैकफुट पर आए सडक़ प्राधिकरण ने लीपापोती शुरू की। मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति हुई। इससे सडक़ की सूरत और बिगड़ गई। नई-नवेली सडक़पर जगह-जगह पैबंद लग गए। रफ्तार के सफर में दरारों के दचकों से खलल पड़ रहा है।
खराब निर्माण की हैरान करने वाली बानगी
जबलपुर. जैसे-तैसे बनकर तैयार जबलपुर-हिरन नदी के 55 किमी खंड में 3673 दरारें गिनी गईं। विभागीय निगरानी सिस्टम इतना ध्वस्त रहा कि इसकी सीसी रोड निर्माण में भी तमाम खामियां उभर आईं। राष्ट्रीय राजमार्ग-12 का निर्माण पांच पैकेज में बांटकर किया गया है। इनमें जबलपुर से हिरन नदी, सिंदूरी नदी से बरेली, बरेली से मोहरगंज, मोहरगंज से भोपाल शामिल है। जबलपुर-हिरन नदी खंड ही नहीं अन्य में भी घटिया निर्माण और खराब गुणवत्ता की सामग्री के उपयोग जैसी शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। सडक़ प्राधिकरण अब पीक्यूसी पैनलों की दरारों की मरम्मत कराने की बात कह रहा है। साथ ही ठेकेदार और प्राधिकरण के इंजीनियर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के अलावा गड़बडिय़ों को उन्हीं से ठीक करवाने का दावा किया जा रहा है।
पुल-पुलिया भी क्षतिग्रस्त
हाईवे के पैनलों में दरार के साथ पुल-पुलियों के निर्माण में भी गम्भीर शिकायतें सामने आई हैं। सिंदूरी नदी से बदी के बीच कई पुल-पुलियों में दरारें देखी गईं। हालांकि, विभागीय जिम्मेदार पुलों में दरारों से इनकार कर रहे हैं। तीन जगह छोटे पुलों के निर्माण में पाई गई कमियों को दुरुस्त कराया गया है। सडक़लोगों के लिए खोलने के पहले ठेकेदार के खर्चे से मरम्मत कराई गई है।
घटिया विद्युत पोल
घटिया निर्माण की पोल बिजली के खम्भों ने भी खोली है। हाइवे के सिंदूरी नदी से बरेली, बरेली से मोहरगंज और मोहरगंज से भोपाल खंड में घटिया पोल लगाने के मामले में भी प्राधिकरण सवालों के घेरे में है। पैकेज एक में जबलपुर से हिरन नदी के बीच विद्युत प्राधिकरण के निरीक्षण के बाद ड्रॉइंग और डिजाइन के अनुरूप बिजली सामग्री और सुविधाओं को स्थानांतरित करने का दावा किया गया है।
अंडरपास के आरई पैनल को लेकर भी शिकायतें
लालमाटी से मुबारकबाद तक भोपाल बायपास में अंडरपास के आरई पैनल को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई। दबाव बढऩे पर आरई पैनल विस्थापन की अपनी गलती ठेकेदार ने स्वीकार की। इसी तरह भोपाल-ब्यावरा खंड में खराब निर्माण की जनप्रतिनिधियों ने शिकायत दर्ज करवाई।
National Highway-12
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रफ्तार के सफर में खलल: बनते ही उधड़ गया करोड़ों का बहुप्रतीक्षित हाईवे
राष्ट्रीय राजमार्ग-12 के अलग-अलग खंडों में निर्माण की लापरवाही आई सामने
-जबलपुर-हिरन नदी के 55 किमी खंड में 3673 दरारें
-पैनल में दरार के साथ पुल-पुलियों के निर्माण और बिजली के पोल में भी गम्भीर शिकायतें
-नई-नवेली सडक़ पर जगह-जगह लग गए पैबंद, रफ्तार में पड़ रहा है खलल
-दबाव में आए सडक़ प्राधिकरण ने शुरू की लीपापोती, मरम्मत के नाम पर भी खानापूर्ति
जबलपुर
Published: April 13, 2022 10:31:31 pm
जबलपुर-भोपाल राष्ट्रीय राजमार्ग के बनते ही घटिया निर्माण की परतें उधड़ गईं। करोड़ों की लागत से बनी सडक़में बड़ी-बड़ी दरारें उभर आईं। पुल-पुलियों के निर्माण में गड़बडिय़ां और घटिया बिजली पोल्स का इस्तेमाल हुआ। इस हाईवे को जितने भी खंड़ों में बांटकर बनाया गया, उनमें कोई भी हिस्सा शिकायतों से अछूता नहीं है। स्थानीय लोगों के साथ जनप्रतिनिधि और सामाजिक संगठनों ने एनएचएआई को घेरा। इसके बाद बैकफुट पर आए सडक़ प्राधिकरण ने लीपापोती शुरू की। मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति हुई। इससे सडक़ की सूरत और बिगड़ गई। नई-नवेली सडक़पर जगह-जगह पैबंद लग गए। रफ्तार के सफर में दरारों के दचकों से खलल पड़ रहा है।
खराब निर्माण की हैरान करने वाली बानगी
जबलपुर. जैसे-तैसे बनकर तैयार जबलपुर-हिरन नदी के 55 किमी खंड में 3673 दरारें गिनी गईं। विभागीय निगरानी सिस्टम इतना ध्वस्त रहा कि इसकी सीसी रोड निर्माण में भी तमाम खामियां उभर आईं। राष्ट्रीय राजमार्ग-12 का निर्माण पांच पैकेज में बांटकर किया गया है। इनमें जबलपुर से हिरन नदी, सिंदूरी नदी से बरेली, बरेली से मोहरगंज, मोहरगंज से भोपाल शामिल है। जबलपुर-हिरन नदी खंड ही नहीं अन्य में भी घटिया निर्माण और खराब गुणवत्ता की सामग्री के उपयोग जैसी शिकायतें दर्ज कराई गई हैं। सडक़ प्राधिकरण अब पीक्यूसी पैनलों की दरारों की मरम्मत कराने की बात कह रहा है। साथ ही ठेकेदार और प्राधिकरण के इंजीनियर के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के अलावा गड़बडिय़ों को उन्हीं से ठीक करवाने का दावा किया जा रहा है।
पुल-पुलिया भी क्षतिग्रस्त
हाईवे के पैनलों में दरार के साथ पुल-पुलियों के निर्माण में भी गम्भीर शिकायतें सामने आई हैं। सिंदूरी नदी से बदी के बीच कई पुल-पुलियों में दरारें देखी गईं। हालांकि, विभागीय जिम्मेदार पुलों में दरारों से इनकार कर रहे हैं। तीन जगह छोटे पुलों के निर्माण में पाई गई कमियों को दुरुस्त कराया गया है। सडक़लोगों के लिए खोलने के पहले ठेकेदार के खर्चे से मरम्मत कराई गई है।
घटिया विद्युत पोल
घटिया निर्माण की पोल बिजली के खम्भों ने भी खोली है। हाइवे के सिंदूरी नदी से बरेली, बरेली से मोहरगंज और मोहरगंज से भोपाल खंड में घटिया पोल लगाने के मामले में भी प्राधिकरण सवालों के घेरे में है। पैकेज एक में जबलपुर से हिरन नदी के बीच विद्युत प्राधिकरण के निरीक्षण के बाद ड्रॉइंग और डिजाइन के अनुरूप बिजली सामग्री और सुविधाओं को स्थानांतरित करने का दावा किया गया है।
अंडरपास के आरई पैनल को लेकर भी शिकायतें
लालमाटी से मुबारकबाद तक भोपाल बायपास में अंडरपास के आरई पैनल को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई। दबाव बढऩे पर आरई पैनल विस्थापन की अपनी गलती ठेकेदार ने स्वीकार की। इसी तरह भोपाल-ब्यावरा खंड में खराब निर्माण की जनप्रतिनिधियों ने शिकायत दर्ज करवाई।
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