ग्वालियर की गोशाला में हुई डेस्टिनेशन वेडिंग: बैलगाड़ी से आई बारात; घास के सोफे पर बैठे मेहमान; वर-वधु ने दान किए टमाटर, गोभी और गाजर – Gwalior News h3>
गोशाला में फेरे लेते अंजली और अंशुमन।
ग्वालियर के लालटीपारा स्थित गोशाला में बुधवार को अनोखी शादी हुई। यहां छतरपुर की अंजली और ग्वालियर के अंशुमन ने डेस्टिनेशन वेडिंग की है। मेहमानों के बैठने के लिए घास के सोफे बनाए गए। पूरे प्रांगण की गोबर से लिपाई-पुताई की गई। मंडप भी प्राचीन संस्कृति
.
अग्नि के साथ गौमाता भी साक्षी बनी
दैनिक NEWS4SOCIALसे बात करते हुए दूल्हे अंशुमन का कहना है कि विवाह एक यज्ञ है। ऐसे में हमने गोमाता के स्थान पर विवाह किया है। हमारे विवाह में अब अग्नि के साथ गौमाता भी साक्षी बनी है। वधू अंजलि ने बताया कि मुझे गौशाला अच्छी लगी इसलिए मैंने शादी के लिए हां कहा है।
गोशाला में विवाह की रस्में पूरी करते दूल्हा-दुल्हन।
सादगी और संस्कृति के तहत विवाह की शुरुआत हुई
गोशाला के संत ऋषभ देवानंद महाराज बताया कि आज के दौर में लोग महंगे शहरों, होटल और विदेश को मैरिज डेस्टिनेशन के तौर पर चुनते हैं। जहां लाखों रुपए का फिजूलखर्ची होती है। लेकिन ग्वालियर की गोशाला में शांति, सादगी और संस्कृति के तहत विवाह की शुरुआत हुई है। यह देश का पहला ऐसा स्थान बन गया है जहां वैदिक डेस्टिनेशन वेडिंग सहित अन्य कार्यक्रमों का आयोजन अब आगे भी होता रहेगा।
वैदिक तरीके से बनाया भोजन परोसा गया
शादी में शामिल होने के लिए आए मेहमानों के खाने के लिए वैदिक तरीके से भोजन बनाया गया था। भोजन में आलू मटर, मिक्स सब्जी, पुड़ी, मटर पुलाव, मीठे में गुलाब जामुन और बाजरे की खीर बनाई गई थी, जिसे मेहमानों ने बड़े चाव से खाया। आदर्श गोशाला की गायों के लिए वर-वधु की तरफ से चारे के रूप में टमाटर, गोभी, पत्ता गोभी गाजर, और घास की पांच ट्रॉली दान की गई है।
शादी में आए मेहमान खाना खाते हुए।
ऐसे आयोजन आपस में जोड़ने का भी काम करते है
आयोजन में बतौर मुख्य अतिथि ग्वालियर रेंज के आईजी अरविंद सक्सेना शामिल हुए। कहा कि आज का यह कार्यक्रम लोगों को अपनी संस्कृति से जोड़ने वाला कार्यक्रम है। गोमाता के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार ने सख्त कानून भी बनाए हैं जिसके तहत उनका विभाग भी काम करता है। ऐसे आयोजन लोगों को आपस में जोड़ने का भी काम करते हैं।
मेहमानों के बैठने के लिए घास से सोफा बनाया गया।