ग्राउंड रिपोर्ट: किसान को सपने में दिखे हनुमान जी: मंदिर निर्माण शुरू – बोले, ‘मैं बहुत बीमार था, बालाजी ने मुझे किया स्वस्थ’ – Bareilly News h3>
यही हनुमान जी की मूर्ति निकली है खुदाई के दौरान ऐसा दावा किया जा रहा है
बरेली के इज्जतनगर थाना क्षेत्र के रूपापुर गांव में रामनवमी के दिन एक ऐसी घटना सामने आई है। जिसमे दावा किया जा रहा है की खेत की खुदाई के दौरान हनुमान जी की मूर्ति निकली है। यहां एक किसान ने दावा किया कि उसे सपने में हनुमान जी के दर्शन हुए, और उसी के अ
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रामनवमी वाले दिन की तस्वीर, जिस दिन खुदाई के दौरान हनुमान जी की मूर्ति निकली
बालाजी की कृपा से हुआ स्वस्थ
रूपापुर गांव निवासी मोतीराम ने बताया कि वह करीब छह साल पहले गंभीर रूप से बीमार हो गया था। इलाज के लिए वह कई जगह गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। बाद में उसे जानकारी मिली कि उस पर कोई संकट है। इसके बाद उसने बालाजी के दरबार जाना शुरू किया। वह कई बार राजस्थान स्थित घाटा मेहंदीपुर और सालासर भी गया। वहां वह घंटों ध्यान और सेवा में लगा रहता था। मोतीराम का कहना है कि बालाजी की कृपा से वह पूरी तरह स्वस्थ हो गया।
रामनवमी वाले दिन की तस्वीर, खुदाई के दौरान हनुमान जी की यही मूर्ति निकली
खेत की खुदाई में निकली हनुमान जी की मूर्ति
मोतीराम ने बताया कि रामनवमी की रात उसे सपने में हनुमान जी ने दर्शन दिए। उन्होंने कहा, “मेरा मंदिर बनवाओ, मेरी मूर्ति तुम्हारे खेत में है।” अगले ही दिन मोतीराम ने यह बात गांव वालों को बताई। ग्रामीण इकट्ठा हुए और खेत में खुदाई शुरू की गई। लगभग चार फुट खुदाई के बाद वहां से हनुमान जी की मूर्ति प्राप्त हुई। मूर्ति मिलते ही “जय श्री राम” और “जय हनुमान” के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। यह खबर आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई और वहां लोगों की भीड़ उमड़ने लगी।
जिस जगह मूर्ति निकली अब वहां पूजा पाठ शुरू हो गया है
मंदिर निर्माण शुरू
हनुमान जी की मूर्ति प्राप्त होने के बाद उसी स्थान पर मंदिर निर्माण का कार्य रामनवमी से ही शुरू हो गया है। रोज़ाना दूर-दूर से श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना गांव के लिए अत्यंत शुभ संकेत है। लोग इस चमत्कार से अभिभूत हैं और मंदिर निर्माण में तन, मन और धन से सहयोग कर रहे हैं।
मूर्ति वाली जगह पर मंदिर निर्माण चल रहा है
श्रद्धालु मान रहे चमत्कार
मूर्ति के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु इसे चमत्कार मान रहे हैं। उनका कहना है कि कलियुग में हनुमान जी ही सबकी नैया पार लगाते हैं। लोगों में भारी उत्साह है और वे स्वयं को सौभाग्यशाली मानते हैं कि उन्हें हनुमान जी के प्रत्यक्ष दर्शन का अवसर मिला।
रामनवमी वाले दिन की तस्वीर JCB से खुदाई होते हुए
मोतीराम कौन हैं?
मोतीराम की उम्र 45 वर्ष है। उनके परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। एक बेटी की शादी हो चुकी है, जबकि दूसरी बेटी ग्रेजुएशन कर रही है। मोतीराम के चार भाई हैं, जिनमें से एक फौज में कार्यरत है और शेष सभी खेती करते हैं।