गोलापर हवाई अड्डे के लिए बना मास्टर प्लान: 2.41 करोड़ रुपए होंगे खर्च, दो हेलीपैड बनाए जाएंगे, 9 साल पहले उड़ान योजन में हुआ था शामिल – Nalanda News h3>
गोलापर हवाई अड्डे को केंद्र सरकार ने पांचवें चरण की ‘उड़ान’ योजना में शामिल किया था।
बिहारशरीफ के ऐतिहासिक गोलापर हवाई अड्डे के पुननिर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण रहे इस हवाई अड्डे के कायाकल्प के लिए जिला प्रशासन ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। योजना के अनु
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प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मास्टर प्लान को सरकार के पास भेज दिया गया है और स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस योजना में दो हेलीपैड, परिसर की चहारदीवारी का मजबूतीकरण, कार्यालय भवन, गॉर्ड रूम, किचन, बाथरूम समेत अन्य आवश्यक संरचनाओं का निर्माण शामिल है।
विकास के लिए प्रस्तावित बजट विभाजन
प्रस्तावित मास्टर प्लान के अनुसार, हवाई अड्डे की चहारदीवारी की मरम्मत और मुख्य दरवाजे के सुधार पर 14 लाख 59 हजार 601 रुपए खर्च किए जाएंगे। सबसे अधिक राशि दो हेलीपैड, एप्रोच रूट और आवश्यक सड़कों के निर्माण पर खर्च की जाएगी, जिसके लिए 2 करोड़ 1 लाख 17 हजार 600 रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, कार्यालय भवन, गॉर्ड रूम, किचन, बाथरूम और अन्य आवश्यक संरचनाओं के निर्माण पर 24 लाख 66 हजार 900 रुपए खर्च किए जाएंगे।
उड़ान योजना से संबंध, लेकिन उड़ानें नहीं
हालांकि गोलापर हवाई अड्डे को ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) योजना में शामिल किए हुए नौ वर्ष बीत चुके हैं, फिर भी यहां से हवाई सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं। केंद्र सरकार के नगर विमानन मंत्रालय द्वारा इसे पांचवें चरण की ‘उड़ान’ योजना में शामिल किया गया था, जिसमें देश के 54 शहरों के साथ बिहार के सात शहरों को भी जोड़ा गया था। इस हवाई अड्डे को क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) में असेवित हवाई अड्डों की लिस्ट में रखा गया है।
विकास आनंद, एक शोधार्थी जो इस मुद्दे पर लगातार मंत्रालय के साथ पत्राचार कर रहे हैं, उनके अनुसार “अब तक आयोजित चार दौर की बोली प्रक्रिया में किसी भी एयरलाइन ने बिहारशरीफ से उड़ान संचालन के लिए अपना प्रस्ताव नहीं दिया है। इसलिए इस हवाई पट्टी के विकास के लिए ‘उड़ान’ योजना के तहत कोई राशि आवंटित नहीं की जा सकी है।”
गोलापर हवाई अड्डे की लंबाई 1950 फीट और चौड़ाई 300 फीट है।
क्या है वर्तमान स्थिति
नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार, गोलापर हवाई अड्डा वर्तमान में “नॉन-ऑपरेशनल” स्थिति में है। यह बिहार सरकार के स्वामित्व में है और नागर विमानन, बिहार द्वारा प्रशासित है। इस हवाई अड्डे का रनवे कच्चा है और इसकी लंबाई 1950 फीट तथा चौड़ाई 300 फीट है। इसे VFR (विजुअल फ्लाइट रूल्स) श्रेणी के तहत वर्गीकृत किया गया है। पटना और गया के हवाई अड्डे इससे 150 किलोमीटर की दूरी के भीतर स्थित हैं।
क्या है भविष्य की संभावनाएं
यदि आगामी बोली प्रक्रिया में कोई एयरलाइन गोलापर हवाई अड्डे से संचालन के लिए प्रस्ताव देती है, तो ‘उड़ान’ योजना के प्रावधानों के अनुसार इसके विकास और हवाई सेवाओं का संचालन किया जा सकेगा। स्थानीय निवासियों को उम्मीद है कि नए मास्टर प्लान के क्रियान्वयन से इस ऐतिहासिक हवाई अड्डे का पुनरुद्धार होगा और क्षेत्र के विकास में यह महत्वपूर्ण योगदान देगा।
स्थानीय लोगों का मानना है कि गोलापर हवाई अड्डे का विकास न केवल बिहारशरीफ के निवासियों के लिए हवाई यात्रा को सुलभ बनाएगा, बल्कि पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा। हालांकि, इसके लिए सरकारी स्तर पर तत्पर प्रयासों और निजी एयरलाइनों की रुचि आवश्यक है।