गोरखपुर में फर्जी स्टांप गिरोह पर शिकंजा: मास्टरमाइंड नवाब आरजू समेत 11 पर गैंगस्टर एक्ट, प्रदेश भर में बेचते थे फर्जी स्टांप – Gorakhpur News h3>
गोरखपुर में फर्जी स्टांप और डाक टिकट छापकर बेचने वाले गिरोह के खिलाफ पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड नवाब आरजू और उसके साथी राजू यादव समेत 11 लोगों पर कैंट थाना पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस लगातार आरोपियों
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कैसे हुआ गिरोह का पर्दाफाश?
SP सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि बिहार के सिवान जिले के मोफस्सिल नई बस्ती निवासी नवाब आरजू फर्जी भारतीय स्टांप पेपर और डाक टिकट छापकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बेचता था। यह गिरोह कई सालों से सक्रिय था और ठगी का बड़ा नेटवर्क चला रहा था। पुलिस पहले ही गिरोह के कुछ सदस्यों को गिरफ्तार कर चुकी थी, लेकिन मास्टरमाइंड अब तक फरार था।
1 सितंबर को ATS ने नवाब आरजू और उसके साथी राजू यादव को रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया था। तलाशी में 6.72 लाख रुपये के फर्जी स्टांप, 72 हजार रुपये के डाक टिकट, तीन मोबाइल फोन और एक क्रेटा कार बरामद हुई थी। पूछताछ में नवाब आरजू ने गिरोह के अन्य सदस्यों के नाम भी उजागर किए थे।
गैंगस्टर एक्ट में दर्ज हुआ मुकदमा
जिलाधिकारी की अनुमति के बाद कैंट थाना प्रभारी ने बुधवार सुबह नवाब आरजू और उसके गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस अब पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए ऑपरेशन चला रही है।
गिरोह के 11 सदस्य कौन-कौन?
– बिहार (सिवान)
• नवाब आरजू उर्फ लालू
• साहेबजादे
– गोरखपुर
• रामलखन जायसवाल (दीवान बाजार)
• रविदत्त मिश्रा (जगरनाथपुर)
– कुशीनगर
• ऐश मोहम्मद (कसया गोला बाजार)
• रविंद्र कुमार दीक्षित (सिरसिया)
• नंदू उर्फ नंदलाल प्रसाद (जंगल बकुलहा)
• गोपाल तिवारी (चिरगोडा)
– देवरिया
• संतोष गुप्ता (तहसील रोड)
फर्जी स्टांप से करोड़ों का घोटाला
पुलिस जांच में यह सामने आया है कि नवाब आरजू का गिरोह लाखों रुपये के फर्जी स्टांप बेच चुका था। स्टांप पेपर और डाक टिकट सरकारी दस्तावेजों में उपयोग किए जाते हैं, जिससे यह धोखाधड़ी कई स्तर पर नुकसान पहुंचा रही थी। आशंका है कि गिरोह ने अब तक करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।
पुलिस का कहना है कि गिरोह के फरार सदस्यों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। ATS और स्थानीय पुलिस की टीम लगातार छापेमारी कर रही है। अधिकारियों के मुताबिक, यह गिरोह उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और अन्य राज्यों में भी फैला हो सकता है, जिसकी जांच जारी है।