गोबर-गोशाला से जिसे आती दुर्गंध, उन्हें DNA टेस्ट की जरूरत: स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती बोले- इत्र तो मुसलमान लगाते थे जो महीनों नहीं नहाते थे – Varanasi News h3>
अखिल भारतीय संत समाज के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती
यदुवंशी का गाय दूध गोबर से अटूट नाता है। जिस यदुवंशी को गो माता के दूध, गोशाला और गोबर से दुर्गंध आने लगे उसका विनाश निश्चित है। यह बातें अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कही है। उनका यह बयान अखिलेश यादव को लेकर आया है।
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सपा प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बयान कहा था कि जिन्हें दुर्गंध पसंद है वो गो शालाएं बना रहे है, हमने भाईचारे की खुशबू फैलाने के लिए कन्नौज में इत्र की खेती कराई है। अखिलेश यादव के बयान दुर्गंध- खुशबू वाले बयान को लेकर भाजपा से लेकर तमाम संत समाज के लोग क्षुब्ध हैं।
पहले जानिए अखिलेश यादव ने क्या कहा था कन्नौज में अखिलेश यादव ने बयान दिया था कि समाजवादी लोग विकास खुशहाली चाहते हैं। कन्नौज में रहकर हम लोगों ने भाईचारे की सुगंध दी है। ये जो भाजपा के लोग हैं, इनकी नफरत की दुर्गंध है। मैं तो कन्नौज के सुगंध वाले लोगों से कहूंगा कि बीजेपी के दुर्गंध को हटाएं।
वो दुर्गंध पसंद करते हैं इसलिए गोशाला बना रहे हैं। हम सुगंध पसंद लोग हैं इसलिए इत्र पार्क बना रहे थे। मीडिया से बातचीत के दौरान अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग सांड पकड़ रहे हैं और उसका भी पैसा खा जा रहे।
अब पढ़िए, संत समाज के महासचिव ने जितेंद्रानंद सरस्वती ने क्या कहा स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने वीडियो जारी कर कहा है कि अखिलेश यादव के गो शाला से दुर्गंध और इत्र की खेती को लेकर दिए गए बयान का संत समाज घोर निंदा करता है। मैं तो ये कहूंगा कि जिस यदुवंशी को गाय के दूध, गोबर, गोशाला से दुर्गंध आती हो, उसे अपना डीएनए टेस्ट कराना चाहिए।
इत्र तो वो मुसलमान लगाते जो महीनों नहीं नहाते थे अखिलेश यादव के इत्र पसंद वाले बयान पर जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि इत्र तो मुसलमान लगाते थे जो महीनों नहीं नहाते थे, जिनके शरीर से दुर्गंध आती थी। मुसलमानों ने इत्र की खेती शुरू की जिसे वह कानों में लगाते, बांह में लगाकर चलते थे। इसलिए यदुवंशी का डीएनए संदेह के घेरे में है अगर उसे गोशाला और गोबर से दुर्गंध आती हो और इत्र से खुशबू।