गोकुल योजना : हर पंचायत में बहाल होंगे मैत्री कर्मी

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गोकुल योजना : हर पंचायत में बहाल होंगे मैत्री कर्मी

गोकुल योजना : हर पंचायत में बहाल होंगे मैत्री कर्मी


अच्छी खबर
गोकुल योजना: हर पंचायत में बहाल होंगे मैत्री कर्मी

मैट्रिक पास हैं तो 19 दिसंबर तक करें आवेदन, बनें स्वाबलंबी

प्रशिक्षण के बाद मिलेगी 50 हजार की कृत्रिम गर्भाधान की किट

गांव-गांव जाकर मवेशियों का कृत्रिम गर्भाधान कर करेंगे कमाई

फोटो

मवेशी : मवेशियों का झुंड।

बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत पशुओं के नस्ल सुधार एवं दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के लिए जिले की पंचायतों में चलंत स्वावलंबी कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र (मैत्री) खोलना है। आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 19 दिसंबर अंतिम डेडलाइन है। मैट्रिक पास हैं तो आवेदन करें। तीन माह का पहले प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद पशुपालन विभाग द्वारा 50 हजार की कृत्रिम गर्भाधान किट मुहैया करायी जाएगी। गांव-गांव जाकर मैत्री कर्मी मवेशियों का कृत्रिम गर्भाधान कर कमाई करेंगे।

नालंदा के करीब 22 सरकारी पशु अस्पतालों में वर्तमान में कृत्रिम गर्भाधान केन्द्र चल रहे हैं। पशुपालकों को राहत देने के लिए हर पंचायत में चलंत केन्द्र खोलने की योजना है।। मैत्री कर्मियों के चयन में कई शर्तें भी लागू की गयी हैं। आवेदक जिस पंचायत के लिए आवेदन करेंगे उन्हें उसी पंचायत का स्थायी निवासी होना जरूरी है। पशु टीकाकरण और डीवार्मिंग कार्यक्रमों का कार्यानुभव रखने वालों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी।

जमा करनी होगी 10 हजार सिक्यूरिटी मनी:

चयन के बाद आवेदक को 10 हजार सिक्यूरिटी मनी जमा करना होगा। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें 50 हजार रुपए का कृत्रिम गर्भाधारण किट दी जाएगी। किट में कृत्रिम गर्भाधान में उपयोग होने वाले तरल नाइट्रोजन, फ्रोजेन सीमेन स्ट्रॉ व अन्य जरूरी सामग्रियां रहेंगी। मैत्री कर्मी गांवों में जाएंगे और मवेशियों का कृत्रिम गर्भाधारण कर सरकार द्वारा निर्धारित राशि पशुपालकों से प्राप्त करेंगे। इससे बेरोजगारों को रोजगार का जरिया मिलेगा।

करें ऑनलाइन आवेदन :

मैत्री कर्मी बनना चाहते हैं तो ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करते समय मैट्रिक पास का प्रमाण पत्र व अन्य जरूरी कागजात देना होगा। ध्यान रखें कि जिस पंचायत के हैं, उसी पंचायत के लिए आवेदन दें। चयनित आवेदकों को तीन माह का आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा।

5 सदस्यीय कमेटी करेगी चयन :

आवेदनों की जांच और आवेदकों के चयन के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनायी गयी है। कमेटी में डीएम के प्रतिनिधि, जिला पशुपालन पदाधिकारी, नोडल पदाधिकारी व दो पशु चिकित्सक को शामिल किया गया है।

6 काम कर रहे, 34 को जल्द मिलेगी किट:

नालंदा में पहले से छह मैत्री कर्मी काम कर रहे हैं। जबकि, पिछले साल 34 का चयन किया गया था। चयनित आवेदक प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। अब किट मुहैया कराने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गयी है। जल्द ही ये सभी कृत्रिम गर्भाधारण करने लगेंगे।

मवेशियों का यौन चक्र:

अमूमन 12 से 18 माह में मादा बछड़ा प्रजनन के लिए तैयार हो जाते हैं। गाय और भैंस का यौन (कामोत्तेजना) 18-21 दिन में एक बार 18-24 घंटे के लिए होता है। लेकिन, भैंस में यौन चक्र गुपचुप तरीके से होता है। किसानों को अहले सुबह से देर रात तक 4-5 बार जानवरों की सघन निगरानी करनी पड़ती है

कहते हैं अधिकारी

मैत्री कर्मियों की बहाली के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक अभ्यर्थी 19 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। पांच सदस्यी कमेटी के माध्यम से आवेदकों का चयन किया जाएगा। उसके बाद 50 हजार किट मुहैया करायी जाएगी।

डा. विनोद रंजन, नोडल पदाधिकारी, मैत्री

योजना का उद्देश्य:

1. अच्छे नस्ल के मवेशी तैयार करना।

2. जिले में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना।

3. बेरोजगारों को ट्रेंड कर स्वरोजगार का अवसर प्रदान करना।

4. पशुपालकों को घर पर ही कृत्रिम गर्भाधान की सेवा बहाल करना।

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