‘गैंगरेप के बाद जिंदा थी मासूम जब दरिंदों ने भट्ठी में जलाया’ भीलवाड़ा कांड पर पुलिस चार्जशीट में बड़े खुलासे

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‘गैंगरेप के बाद जिंदा थी मासूम जब दरिंदों ने भट्ठी में जलाया’ भीलवाड़ा कांड पर पुलिस चार्जशीट में बड़े खुलासे

‘गैंगरेप के बाद जिंदा थी मासूम जब दरिंदों ने भट्ठी में जलाया’ भीलवाड़ा कांड पर पुलिस चार्जशीट में बड़े खुलासे

भीलवाड़ा: राजस्थान के भीलवाड़ा में 14 साल की मासूम से रेप और फिर जिंदा जलाने (Bhilwara Gangrape Murder Case) की वारदात में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासे किए हैं। 3 अगस्त को सामने आई इस सनसनीखेज घटना के करीब एक महीने में पुलिस ने 473 पेज की चार्जशीट फाइल की है। जिसमें दरिंदों ने किस तरह से मासूम पर जुल्म ढाया उसकी पूरी डिटेल्स दी गई है। पुलिस की चार्जशीट में स्पष्ट है कि जिस समय किशोरी को ईंट भट्ठी में जलाया गया वो जीवित थी। आरोपियों ने पहले उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया और फिर उसे भट्ठी में जिंदा जला दिया।

पुलिस ने दी 473 पेज की चार्जशीट

जांच अधिकारी (IO) और कोटारी डीएसपी श्याम सुंदर बिश्नोई ने शाहपुरा जिले की पॉक्सो कोर्ट में 400 से ज्यादा पेज की चार्जशीट पेश की। जिसमें कुल नौ आरोपियों के नाम शामिल हैं। इस सन्न करने वाली वारदात में कथित रूप से शामिल दो नाबालिगों के खिलाफ अलग आरोप पत्र दायर किया जाएगा। भीलवाड़ा के कोटारी में 3 अगस्त को 14 वर्षीय लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और फिर भट्ठी की आग में झोक दिया गया था। अब ये इलाका शाहपुरा जिले का हिस्सा है।

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रिपोर्ट तैयार में बरती खास सावधानी

वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर को इस भयावह मामले में सबसे चुनौतीपूर्ण जांच का सामना करना पड़ा। किशोरी के शरीर के कुछ जले हुए अंग भट्ठी से बरामद किए गए थे। वहीं दूसरी संदिग्ध चीजें अन्य विभिन्न स्थानों पर बिखरी हुई थीं। इन सबको फॉरेंसिक टीम की मदद से एकत्र किया गया और फिर बड़ी सावधानी से इनकी जांच की गई।

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‘जब किशोरी को भट्ठी में झोका वो जिंदा थी’

वहीं किशोरी से गैंगरेप की पुष्टि को लेकर खास मेडिकल जांच की गई। इस दौरान जांच अधिकारी श्याम सुंदर बिश्नोई और उनकी टीम ने आरोपियों के सैंपल भी लिए। जिससे पूरे मामले का खुलासा हो सके। आरोपी से नमूने लेने में फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की भी मदद ली गई। सभी डॉक्यूमेंट्स कोर्ट में पेश कर दिए गए हैं। इसमें एक और खुलासा सामने आया है कि पीड़िता को आग लगाने से पहले उस पर कुछ पेट्रोलियम रसायन भी डाला गया था।

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