गृह मंत्री का बड़ा बयान, कहा- रिपोर्ट लीक होने का समय, फिर संसद में अड़ंगा… आप क्रोनोलॉजी समझिए! h3>
नई दिल्ली
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में मॉनसून सत्र की शुरुआत से ऐन पहले पेगासस फोन हैकिंग रिपोर्ट के आने पर संदेह जताया है। उन्होंने इसके जारी होने के पीछे बड़ी साजिश की ओर इशारा किया है। शाह ने दो टूक कहा है कि कुछ लोग देश के लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते हैं। उनका मकसद भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारना हे। लेकिन, इन ताकतों के मंसूबों को सरकार सफल नहीं होने देगी। मॉनसून सत्र देश में विकास के नए पैमाने स्थापित करेगा।
गृह मंत्री ने शाम को इसे लेकर एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, आज संसद का मॉनसून सत्र शुरू हुआ। इस घटनाक्रम को पूरे देश ने देखा। हमारे लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मॉनसून सत्र से ठीक पहले रविवार देर शाम एक रिपोर्ट आती है। इसे कुछ वर्गों की ओर से केवल एक ही मकसद के साथ फैलाया जाता है। वह यह है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए। अपने पुराने नैरेटिव के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए जो कुछ भी करना पड़े किया जाए।
मॉनसून सत्र से जुड़ी हैं देश की अपेक्षाएं
शाह ने बताया कि इस मॉनसून सत्र से देशवासियों की ढेरों अपेक्षाएं और उम्मीदें जुड़ी हैं। देश के किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में सार्थक बहस और चर्चा के लिए तैयार हैं। मंगलवार को सर्वदलीय बैठक और सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भी प्रधानमंत्री ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को खुद आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार सदन में सभी विषयों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
देश की छवि को खराब करने की कोशिश
गृह मंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद का विस्तार किया है। इसमें देश के हर कोने से समाज के हर वर्ग विशेषकर महिलाओं, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग से चुनकर आए सदस्यों को विशेष प्रतिनिधित्व दिया गया। लेकिन, कुछ ऐसी देशविरोधी ताकतें हैं जो महिलाओं और समाज के पिछड़े और वंचित वर्ग को दिए गए सम्मान को पचा नहीं पा रही हैं।
ये वही लोग हैं जो निरंतर देश की प्रगति को बाधित करने का प्रयास करते रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ये लोग किसके इशारे पर भारत की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं? उन्हें बार-बार भारत को नीचा दिखाने में क्या खुशी मिलती है?
कांग्रेस पर हमला
उन्होंने कहा कि अपना जनाधार और राजनीतिक महत्व खो चुकी कांग्रेस को इसमें कूदते देखना न तो अप्रत्याशित लगता है और न ही आश्चर्यजनक। कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है। लोकतंत्र और विकास की अवरोधक कांग्रेस खुद आंतरिक कलह से जूझ रही है। लिहाजा, वह संसद में आने वाले किसी भी प्रगतिशील कार्य को पटरी से उतारने की हर संभव कोशिश कर रही है।
विपक्ष के रवैये से नाराजगी
गृह मंत्री ने संसद में विपक्ष के रवैये से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सोमवार को जब प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में अपने नए मंत्रिपरिषद का परिचय कराने के लिए उठे, जो संसद की एक पुरानी और समृद्ध परंपरा रही है, तो कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेताओं ने दोनों सदनों के वेल में आकर सदन की कार्यवाही को बाधित किया। क्या वे हमारे लोकतंत्र के मंदिर और उसकी गरिमा का ऐसे ही सम्मान करते हैं? यही व्यवहार उन्होंने तब भी जारी रखा जब सूचना एवं प्रसारण मंत्री इस मुद्दे पर बोलने के लिए आए।
बड़ी साजिश की ओर किया इशारा
शाह ने मॉनसून सत्र से ठीक पहले फोन हैकिंग रिपोर्ट के आने को लेकर बड़ी साजिश की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, ‘इस वाक्य को अक्सर लोग हल्के-फुल्के अंदाज में मेरे साथ जोड़ते रहे हैं, लेकिन आज मैं गंभीरता से कहना चाहता हूं कि इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में यह व्यवधान…आप क्रोनोलोजी समझिये!’
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में मॉनसून सत्र की शुरुआत से ऐन पहले पेगासस फोन हैकिंग रिपोर्ट के आने पर संदेह जताया है। उन्होंने इसके जारी होने के पीछे बड़ी साजिश की ओर इशारा किया है। शाह ने दो टूक कहा है कि कुछ लोग देश के लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते हैं। उनका मकसद भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारना हे। लेकिन, इन ताकतों के मंसूबों को सरकार सफल नहीं होने देगी। मॉनसून सत्र देश में विकास के नए पैमाने स्थापित करेगा।
मॉनसून सत्र से जुड़ी हैं देश की अपेक्षाएं
शाह ने बताया कि इस मॉनसून सत्र से देशवासियों की ढेरों अपेक्षाएं और उम्मीदें जुड़ी हैं। देश के किसानों, युवाओं, महिलाओं और समाज के गरीब और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन में सार्थक बहस और चर्चा के लिए तैयार हैं। मंगलवार को सर्वदलीय बैठक और सोमवार सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भी प्रधानमंत्री ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को खुद आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार सदन में सभी विषयों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
देश की छवि को खराब करने की कोशिश
गृह मंत्री ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद का विस्तार किया है। इसमें देश के हर कोने से समाज के हर वर्ग विशेषकर महिलाओं, किसान, दलित और पिछड़े वर्ग से चुनकर आए सदस्यों को विशेष प्रतिनिधित्व दिया गया। लेकिन, कुछ ऐसी देशविरोधी ताकतें हैं जो महिलाओं और समाज के पिछड़े और वंचित वर्ग को दिए गए सम्मान को पचा नहीं पा रही हैं।
ये वही लोग हैं जो निरंतर देश की प्रगति को बाधित करने का प्रयास करते रहते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि ये लोग किसके इशारे पर भारत की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं? उन्हें बार-बार भारत को नीचा दिखाने में क्या खुशी मिलती है?
कांग्रेस पर हमला
उन्होंने कहा कि अपना जनाधार और राजनीतिक महत्व खो चुकी कांग्रेस को इसमें कूदते देखना न तो अप्रत्याशित लगता है और न ही आश्चर्यजनक। कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है। लोकतंत्र और विकास की अवरोधक कांग्रेस खुद आंतरिक कलह से जूझ रही है। लिहाजा, वह संसद में आने वाले किसी भी प्रगतिशील कार्य को पटरी से उतारने की हर संभव कोशिश कर रही है।
विपक्ष के रवैये से नाराजगी
गृह मंत्री ने संसद में विपक्ष के रवैये से नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सोमवार को जब प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में अपने नए मंत्रिपरिषद का परिचय कराने के लिए उठे, जो संसद की एक पुरानी और समृद्ध परंपरा रही है, तो कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेताओं ने दोनों सदनों के वेल में आकर सदन की कार्यवाही को बाधित किया। क्या वे हमारे लोकतंत्र के मंदिर और उसकी गरिमा का ऐसे ही सम्मान करते हैं? यही व्यवहार उन्होंने तब भी जारी रखा जब सूचना एवं प्रसारण मंत्री इस मुद्दे पर बोलने के लिए आए।
बड़ी साजिश की ओर किया इशारा
शाह ने मॉनसून सत्र से ठीक पहले फोन हैकिंग रिपोर्ट के आने को लेकर बड़ी साजिश की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा, ‘इस वाक्य को अक्सर लोग हल्के-फुल्के अंदाज में मेरे साथ जोड़ते रहे हैं, लेकिन आज मैं गंभीरता से कहना चाहता हूं कि इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में यह व्यवधान…आप क्रोनोलोजी समझिये!’