गूगल से मोबाइल नंबर निकाले…देशभर के 400 लोगों से निवेश के नाम पर इस तरह कर दी धोखाधड़ी | Gang caught by police who cheated the people in the name of investment | Patrika News

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गूगल से मोबाइल नंबर निकाले…देशभर के 400 लोगों से निवेश के नाम पर इस तरह कर दी धोखाधड़ी | Gang caught by police who cheated the people in the name of investment | Patrika News

गूगल से मोबाइल नंबर निकाले…देशभर के 400 लोगों से निवेश के नाम पर इस तरह कर दी धोखाधड़ी | Gang caught by police who cheated the people in the name of investment | Patrika News

गिरोह का सरगना सहित दस आरोपी गिरफ्तार, छह बैंक खाते में पांच करोड़ का ट्रांजेक्शन मिला, मुख्य सरगना की २५ और १७ लाख कीमत की कार, २५ मोबाइल, १० लैपटॉप, फ्लेट, ज्वेलरी, ५० से अधिक क्रेडिट डेबिट कार्ड और १३ लाख नकदी बरामद

इंदौर

Updated: April 21, 2022 10:36:24 pm

इंदौर, गूगल एड से मोबाइल नंबर निकाल देशभर के करीब ४०० लोगों को निवेश के नाम पर करोड़ों की चपत लगाने वाले गिरोह का राऊ पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। विगत आठ माह से गिरोह शहर में सक्रिय था। फर्जी एडवाइजरी कंपनी के कॉलर घर से ही लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। फिर किराये के खाते में रुपए ट्रांसफर करवा लेते। पुलिस को गिरोह के ऐसे छह खातों के बारे में पता चला है जिसमें पांच करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ है। वहीं आरोपियों की निशानदेही से पुलिस ने १३ लाख नकदी और बड़ी संख्या में मोबाइल और लैपटॉप बरामद किए है।

गुगल से मोबाइल नंबर निकाले…देशभर के 400 लोगों से निवेश के नाम पर इस तरह कर दी धोखाधड़ी

डीसीपी जोन- १ अमित तोलानी के मुताबिक फर्जी एडवाइजरी कंपनी चलाने के मामले में आरोपी कौलाश २९ पिता देवीदिन मोर्या निवासी बिजलपुर रोड, कपित उर्फ रोहित २० पिता किशोर हार्डिया निवासी उमरिया जोबरा कॉलोनी किशनगंज, दीपक २६ पिता मुद्रिका प्रसाद तिवारी निवासी बैंकुंठपुर रीवा हाल मुकाम इद्रा बिल्डिंग मयूर हॉस्पिटल के पीछे, यज्ञदत्त २९ पिता मोहनलाल शर्मा निवासी स्टेशन रोड राऊ, मुरली ३१ पिता सुदामा पाटनकर निवासी बैतुल हाल मुकाम श्रीजी वाटिका वंदना नगर, अनिल ४३ पिता हरदलाल सिंह यादव निवासी किशनगंज, अमित ३२ पिता विरेंद्र जोशी निवासी भगोरा पंचायत चौराहा किशनगंज, विनोद २५ पिता त्रियोगी नारायण प्रसाद तिवारी निवासी रीवा, विशाल ३३ पिता उमेश जायसवाल निवासी बरलाई रोड शिप्रा, प्रकाश ३१ पिता पूर्णानंद भट निवासी शुभांगन ओमेक्स सिटी- १ को गिरफ्तार किया है। वहीं इस गिरोह का सरगना पवन पिता रामनाथ तिवारी निवासी ग्राम चौरा, रीवा को हिरासत में लिया है। उसकी साथी आरोपी पूजा पिता तिल बहादुर थापा की तलाश जारी है।

इस तरह करते अपराध डीसीपी ने बताया उक्त गिरोह को एडीशनल जयवीर सिंह भदौरिया, एसीपी सौम्या जैन के नेतृत्व में टीआइ नरेंद्र सिंह रघुवंशी की टीम ने जांच में शामिल किया। जिसमें पता चला की आरोपी अमित बरफा सबसे पहले मोबाइल नंबर का डाटा गुगल एड के माध्यम से प्राप्त करता था। उक्त डाटा को वह सरगना पवन तिवारी को देता था। फिर सरगना उक्त डाटा को साफ्टवेयर के माध्यम से पूरी टीम तक पहुंचाता। इसके बाद टीम का काम शुरू हो जाता। सभी देशभर के ग्राहकों को एडवाइजरी कंपनी में निवेश का लालच देते। जब कोई बड़ी राशि निवेश करता तो आरोपी उक्त राशि को नहीं लौटाते। बाद में सिम तोडक़र, मोबाइल बदल लेते। ताकि कोई उन्हें पकड़ नहीं सके। आरोपियों द्वारा अब तक लोगों से पांच करोड़ से अधिक राशि निवेश के नाम पर ली गइ्र्र है। यह भी पता चला है कि आरोपी वी पी फाइनेंस, दादा जी ट्रेडर्स नामक कंपनी के नाम से लोगों को चपत लगाते थे। ऐसे चार पांच नाम सामने आए है।

गिरोह में आरोपियों की अलग भूमिका, कोई डाटा, तो कोई फर्जी सिम मुहैया करवाता
डीसीपी ने बताया, आरोपी कैलाश मोर्या, कपित उर्फ रोहित हार्उिया, अनिल यादव अपने परिचितों के नाम पर बैंक खाता खुलवाते। फिर उसमें निवेशकों से निवेश राशि जमा करवाते। आरोपी अपने नाम से खाता खुलवाते। किराये के खाते में कमिशन पर पैसा जमा करवाते थे।

– आरोपी यज्ञदत्त शर्मा और अमित जोशी सभी खातों को संचालन कर उसमें से पैसा निकालते। फिर कमिशन काट आगे उक्त राशि को भेज देते।- मुरली पाटनकर के बारे में पता चला है की वह यज्ञदत्त से निवेश की राशि प्राप्त करता। फिर डिलीवरी बॉय मिहिर से वल्डकप चौराहे स्थित पान दुकान से राशि प्राप्त करता। उक्त राशि वह सरगना पवन तिवारी और पूजा थापा तक पहुंचाता
– दीपक तिवारी, विनोद तिवारी, विशाल जायसवाल, प्रकाश भट्ट, दीप उर्फ रानू पिता शिवनारायण के बारे में पता चला है। सभी लोगों को कॉल कर निवेश के नाम पर चपत लगाते। शुरूआत में लोगों का विश्वास जितने के लिए दो बार निवेश में छोटा लाभ पहुंचाते। फिर एडवाइजरी के नाम बड़ी राशि लेते और अपना मोबाइल, सिम बंद कर लेते।
– अनुराग के बारे में पता चला कि वह कंपनी में टीम लीडर का काम करता है। वह टीम के सदस्यों को गाइड करता था।
– दीपू पिता चंद्रकुमार चैलानी सिम की दुकान चलाता है। उसकी दुकान पर जब कोई सिम खरीदने आता तो वह उससे दो आईडी कार्ड लेता था। फिर दोनों आईडी कार्ड की मदद से दो सिम लेता। जिसमें एक सिम ग्राहक को देता और दूसरी सिम गिरोह के मुरली पाटनकर को सप्लाय कर देता।
– पवन और पूजा थापा एडवाइजरी कंपनी के प्रमुख है। दोनों पूरी कंपनी संचालित करते है।

आरोपियों से यह हुआ बरामद
डीसीपी ने बताया, आरोपियों से १३ लाख नकदी, २५ एनड्राइड मोबाइल, १० लैपटॉप, २ कार, प्लॉट, फ्लैट, ज्वेलरी, महंगी घडिय़ा, ५० से ज्यादा क्रेडिट और डेबिट कार्ड जब्त किए है। वहीें आरोपियों जो खाते अपने नाम से खुलवाए थे पुलिस ने सभी खातों को फ्रिज करवा दिया है। उक्त खाते में आरोपियों ने लोगों से निवेश के नाम पर पैसा जमा करवाया है।

निवेश के पैसे से की मौज डीसीपी ने बताया, पकड़ाए आरोपियों द्वारा कंपनी के टारगेट पूरा करने पर उन्हें इनसेंटिव के तौर पर गोवा, मनाली, खंडाला, मुंबई जैसे अनेक शहरों में विकली छुट्टी के लिए भेजा जाता था। कंपनी इन पर लाखों का खर्च करती थी।

कोई दसवीं तो कोंई १२ वीं तक पढ़ा है आरोपियों के बारे में पता चला है कि कोई दसवीं तो कोई बारहवीं और आईटीआइ की पढ़ाई कर चुका है। सभी आरोपी जून २०२१ से देशभर के लोगों से धोखाधड़ी कर रहे थे। अब तक एक शिकायतकर्ता सामने आए है जिसमें असल राइफल्स के राइफल्स मैन सौरभ कुमार मिश्रा ने शिकायत की थी। उन्होंने निवेश के नाम पर चपत लगाने वाली कंपनी के खाता नंबर और मोबाइल नंबर पुलिस को ईमेल द्वारा शिकायत कर मुहैया करवाया था। उनके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस ने गिरोह का पकड़ा है। अब तक गिरोह तमिलनाडु, चैन्नई, तेलांगना सहित कई स्थानों पर निवेश के नाम पर लोगों को चपत लगा चुके है। आरोपियों के सुबंध में जानकारी जुटाने के लिए पुलिस टीम रीवा, सतना, सागर से रिकार्ड निकाल रही है।

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