गुड़ की मिठास से अंकित शर्मा ने लिखी कामयाबी की कहानी

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गुड़ की मिठास से अंकित शर्मा ने लिखी कामयाबी की कहानी

गुड़ की मिठास से अंकित शर्मा ने लिखी कामयाबी की कहानी

नरसिंहपुरः मध्य प्रदेश का नरसिंहपुर वैसे तो प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल है, लेकिन इसकी एक खासियत है। यहां चीनी का उत्पादन खूब होता है। यहां की काली जलोढ़ मिट्टी में गन्ना खूब पैदा होता है। स्थानीय किसान इससे गुड़ और चीनी बनाकर बेचते हैं। यही उनके जीवनयापन का मुख्य जरिया है। हालांकि, नई तकनीकों से दूर किसानों के उत्पादन का तरीका ऐसा है कि वे ज्यादा मुनाफा नहीं कमा पाते। इसी जिले के रहने वाले अंकित शर्मा ने जब यह देखा तो उन्होंने कुछ नया करने का सोचा। उन्होंने एक स्टार्टअप शुरू करने का फैसला किया, लेकिन इससे पहले पूरी तैयारी की। इसमें उन्हें वॉलमार्ट वृद्धि से मदद मिली और आज वे हर महीने लाखों की कमाई कर रहे हैं।

अंकित शर्मा के लिए यह सफर आसान नहीं था। वे आईटी प्रोफेशनल थे और अच्छे खासे पैकेज पर काम कर रहे थे। एक स्थानीय प्रोजेक्ट के सिलसिले में वे नरसिंहपुर गए हुए थे। वहीं पर उन्हें एहसास हुआ कि गुड़ के क्षेत्र में एक अच्छे स्टार्टअप की जरूरत है। स्थानीय स्तर पर किए गए उनके रिसर्च यहां काम आए। अंकित ने तीन चीजों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया। सबसे पहले उन्होंने साफ-सफाई से गुड़ बनाने की प्रक्रिया सुनिश्चित की। साथ ही, यह ध्यान रखा कि गुड़ का पोषण बरकरार रहे और इससे बने उत्पाद नए जमाने के ग्राहकों को पसंद आएं।

जब उन्होंने अपने कृषि स्टार्टअप ‘फ्यूचर फार्मर्स एलएलपी’ की शुरुआत की तो उनके मन में बस एक ही बात थी कि उत्पादन की पूरी प्रक्रिया में किसी भी हाल में उनके गुड़ उत्पादों को किसी मानव द्वारा छुआ न जाए। उन्होंने अपने ब्रांड का नाम ‘ग्लैडेन’ रखा है। अंकित कहते हैं कि पहले वह एक किसान हैं। फिर उत्पादक हैं। एक ब्रांड का मालिक होना उनके लिए वरीयता में तीसरे नंबर पर है।

अंकित को गुड़ और इससे बने उत्पादों के उत्पादन के लिए गन्ने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए वह स्थानीय किसानों की मदद लेते हैं। वह छोटे (स्मॉल होल्डर्स फार्मर्स) और बड़े किसानों (लार्ज होल्डर्स फार्मर्स) दोनों के साथ काम करते हैं।

शुरुआत में अंकित को काफी समस्याएं भी आईं। वह गन्ने की खेती की बारीकियों को तो सीख गए लेकिन रिटेल, मार्केटिंग जैसी चीजों का कोई ज्ञान नहीं था। यहां वॉलमार्ट वृद्धि कार्यक्रम ने उनकी मदद की। इस कार्यक्रम से उन्हें मुझे एमएसएमई और इससे संबंधित सरकारी योजनाओं को समझने में मदद मिली। मार्केटिंग, योजना, उत्पाद पैकेजिंग और व्यावसायिक नीतियों को तय करने में उनका मार्गदर्शन किया।

आज ग्लैडेन की बिक्री वैश्विक स्तर पर भी हो रही है। भारत में ग्लैडेन को मुख्य रूप से भोपाल में 300 से 500 किराना स्टोरों के माध्यम से घरेलू बाजार में बेचा जाता है। वहीं इस उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री भी की जाती है। अंकित अब सिर्फ गुड़ और इससे बने उत्पाद ही नहीं बेच रहे हैं। वह गन्ने के अवशेष से बनी क्रॉकरी, पेपर प्लेट आदि भी बेच रहे हैं। उनकी कंपनी नए जमाने के ग्राहकों के लिए कैंडी और गुड़ पाउडर भी बना रही है। कंपनी ने हाल ही में सर्विस सेक्टर में भी प्रवेश किया है।

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