गुड़गांव से होकर गुजरेगा दुनिया का सबसे लंबा ई-हाइवे , 9 सितंबर को इंडियागेट होगा स्ट्रेच ट्रायल

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गुड़गांव से होकर गुजरेगा दुनिया का सबसे लंबा ई-हाइवे , 9 सितंबर को इंडियागेट होगा स्ट्रेच ट्रायल

गुड़गांव से होकर गुजरेगा दुनिया का सबसे लंबा ई-हाइवे , 9 सितंबर को इंडियागेट होगा स्ट्रेच ट्रायल

निरंजन कुमार, गुड़गांव: मिलेनियम सिटी के बीचोबीच से निकलने वाले देश के पहले नैशनल हाइवे फॉर इलेक्ट्रिक वीकल (एनएचईवी) पर तकनीकी ट्रायल के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन वाले सभी डीजल और पेट्रोल वाहन हटाएं जाएंगे। उनकी जगह ई बस और ई टैक्सी चलाई जाएंगी। पहले इसका स्टार्टिंग पॉइंट गुड़गांव था, जिसे अब दिल्ली के इंडिया गेट तक कर दिया गया है। इस स्ट्रेच को 9 सितंबर को खोला जाएगा। इसी दिन दिल्ली से जयपुर के बीच ट्रायल रन भी शुरू होगा।

40 महीने में 40 फीसदी ई वीकल ही इस पर चलेंगे
8 अक्टूबर तक ट्रायल होने के बाद अगले 40 महीने में 40 फीसदी ई वीकल ही इस पर चलेंगे। ट्रायल के बाद यह विश्व का सबसे लंबा ई हाइवे हो जाएगा, अभी जर्मनी के बर्लिन में 109 किमी लंबा ई हाइवे है। एनएचईवी खुलने का सबसे बड़ा फायदा गुड़गांव के लोगों को होगा, क्योंकि दिल्ली एनसीआर और जयपुर के बीच सबसे ज्यादा ई वाहन गुड़गांव में हैं, जिससे दिल्ली से जयपुर के बीच प्रोटोटाइप ई-मोबिलिटी हाइवे पर सफर आसान होगा। इसकी तर्ज पर ही अन्य ई हाइवे बनाएं जाएंगे।

सिंगल विंडो क्लियरेंस के तहत चार्जिंग स्टेशनों की व्यवस्था
गुड़गांव से जयपुर के बीच सिंगल विंडो क्लियरेंस के तहत चार्जिंग स्टेशनों और सार्वजनिक परिवहन का बेड़ा भी तैयार किया जा रहा है। जिसके लिए एनएच फॉर इलेक्ट्रिक वीकल की तरफ से ईवी वर्किंग ग्रुप भी बनाया गया है। जिसमें ई वाहन व बैटरी निर्माता, चार्जिंग स्टेशन संचालक, एक्सपर्ट आदि को शामिल किया गया है। प्रदेश सरकार पहले ही गुड़गांव को ईवी हब के रूप में विकसित करने और नई ईवी नीति में भी ऐसे प्रावधान किए हैं, जिससे आने वाले समय में गुड़गांव ईवी के मामले में देश का अग्रणी शहर होगा। वहीं नौ सितंबर से शुरू होने वाले ट्रायल के दौरान आ रही खामियों को वर्किंग ग्रुप के सदस्य दूर करेंगे। ताकि ट्रायल के बाद वाहन चालकों को किसी तरह की दिक्कत पेश न आए।

दिल्ली से जयपुर के बीच एनएचईवी पर ट्रायल के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इंडिया गेट से जयपुर के अलबर्ट हॉल संग्रहालय तक ट्रायल रन नौ सितंबर से आठ अक्टूबर तक होगा। लॉन्च के बाद यह हाइब्रिड ई-मोबिलिटी के अत्याधुनिक मॉडल को भी प्रदर्शित करेगा। हमारा टारगेट है कि ट्रायल के बाद 40 महीनों के भीतर इस हाइवे पर 40 फीसदी वाहनों को ई वाहनों में बदलना है।

अभिजीत सिन्हा, प्रॉजेक्ट डायरेक्टर, एनएचईवी

ट्रायल के दौरान इन दिक्कतों पर होगी नजर:

-तकनीकी खराबी आने पर 30 मिनट में सहायता मिल रही है या नहीं।

-वाहनों को रनिंग, मेंटिनेंस, कॉस्ट और फैसिलिटी कितने फीसदी मिल रही है। फिलहाल 70 फीसदी का टारगेट रखा गया है।

-30 फीसदी दिक्कतों को कितने समय में दूर किया जा सकता है।

-चार्जिंग स्टेशन की एफिशियेंसी कितने फीसदी है, टारगेट 70 फीसदी का रखा गया है।

ये होगा खास

-ट्रायल के दौरान 100 कार और 25 बसें चलाई जाएंगी। कोई भी व्यक्ति चालक या खुद चलाने के लिए ई कार किराये पर ले सकता है।

– कुल 12 चार्जिंग प्वाइंट होंगे, जो पूरी तरह से सौर उर्जा से गाड़ियों को चार्ज करेंगे।

-चार्जिंग के दौरान परिवारों के लिए काम करने और मनोरंजन के साधन होंगे।

-खरीदारी से लेकर खानपान की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

-ट्रायल के बाद इंवेस्टमेंट का ब्रेक ईवन 36 महीने का होगा और 40 महीने में पूरी तरह से चालू कर दिया जाएगा।

ये है पूरा शेडयूल

-9 जुलाई को ई वाहनों के लिए सुविधाएं मिलने लगेंगी।

-9 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां काम करना शुरू करेंगी।

-15 अगस्त को मॉडल चार्जिंग पॉइंट आरंभ होंगे।

-9 सितंबर से ट्रायल रन आरंभ किया जाएगा।

-28 सितंबर को प्रोटोटाइप चार्जिंग पॉइंट बन कर तैयार होंगे।

-8 अक्टूबर को ट्रायल रन पूरा होगा।

-25 दिसंबर को ईवी रैली का आयोजन किया जाएगा।

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