गुटों में बंटे नेता अब साथ-साथ रहेंगे, चुनाव से पहले कांग्रेस ने बनाई यह रणनीति | congress leaders meeting on kamal nath house election 2023 | Patrika News h3>
अगले चुनाव में अपनी कमजोर सीटों को बचाने के लिए बनी रणनीति, 30 सीटों पर यह नेता रहेंगे साथ-साथ…।
भोपाल
Updated: April 21, 2022 12:38:31 pm
भोपाल। कई गुटों में बंटे कांग्रेस नेता अब साथ-साथ नजर आने लगे हैं। आने वाले चुनाव को लेकर अब यह नेता एक साथ एक रणनीति पर काम कर रहे हैं। आने वाले चुनाव में कांग्रेस का जोर 30 सीटों पर फोकस रहेगा, जो कमजोर हालत में है। साथ ही ऐसा प्लान बनाया जा रहा है कि कांग्रेस के वोटबैंक को भाजपा प्रभावित न कर पाए।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देजनर कांग्रेस में हलचल बढ़ रही है। रणनीति के साथ काम शुरू किया है। सभी दिग्गज नेता एक मंच पर आ रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मुलाकात की थी। अगले दिन बुधवार को कमलनाथ ने भोपाल में अपने निवास पर बैठक बुलाई। इसमें दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी समेत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया शामिल थे।
यह किया तय
बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार-विमर्श हुआ। करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद नेताओं ने डिनर किया और यह देर रात तक मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान कमलनाथ ने विधानसभावार सर्वे की जानकारी दी। बताया गया कि किस विधायक की क्या स्थिति है। करीब 30 विधायकों की स्थिति ज्यादा कमजोर है। तय किया गया कि कमजोर सीटों पर अधिक फोकस किया जाए। यह भी ध्यान दिया जाए कि जिन सीटों की स्थिति बेहतर है, वहां भाजपा सेंध न लगा सके।
दिल्ली बैठक का फईडबैक दिया
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी लगातार वरिष्ठ नेताओं के सात चर्चा कर रही है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ भी बैठक हुई। बैठक में कमलनाथ भी थे। नाथ ने दिल्ली की बैठक का ब्योरा दिया। नेता इस बात पर सहमत रहे कि सभी को चुनाव के लिए जुट जाना चाहिए। भाजपा के भगवा एजेंडा को जवाब किस प्रकार दिया जाए। सरकार से प्रदेश का हर वर्ग नाराज है, लोगों को यह भरोसा दिलाना होगा कि कांग्रेस उनके साथ है। कांग्रेस सरकार की ओर से किए गए कामों की उपलब्धियां भी बताई जाए। इसके लिए मंडलम सेक्टर स्तर पर नेताओं को सक्रिय किया जाए।
सूत्रों की माने तो अपने अपने क्षेत्र के डिसीजन मेकर्स डिग्गज नेता रिपोर्ट लेकर पहुंचे थे। इन रिपोर्ट्स पर चर्चा हुई। इसलिए बैठक लंबी चली। इससे पहले चार अप्रेल को भी बड़ी बैठक हुई थी। तय हुआ था कि विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। निर्मय हुआ था कि प्रत्येक 15 दिन में इस तरह बैठक कर चरणबद्ध तरीके से रणनीति बनाई जाएगी।
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अगले चुनाव में अपनी कमजोर सीटों को बचाने के लिए बनी रणनीति, 30 सीटों पर यह नेता रहेंगे साथ-साथ…।
भोपाल
Updated: April 21, 2022 12:38:31 pm
भोपाल। कई गुटों में बंटे कांग्रेस नेता अब साथ-साथ नजर आने लगे हैं। आने वाले चुनाव को लेकर अब यह नेता एक साथ एक रणनीति पर काम कर रहे हैं। आने वाले चुनाव में कांग्रेस का जोर 30 सीटों पर फोकस रहेगा, जो कमजोर हालत में है। साथ ही ऐसा प्लान बनाया जा रहा है कि कांग्रेस के वोटबैंक को भाजपा प्रभावित न कर पाए।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देजनर कांग्रेस में हलचल बढ़ रही है। रणनीति के साथ काम शुरू किया है। सभी दिग्गज नेता एक मंच पर आ रहे हैं। मंगलवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मुलाकात की थी। अगले दिन बुधवार को कमलनाथ ने भोपाल में अपने निवास पर बैठक बुलाई। इसमें दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी समेत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया शामिल थे।
यह किया तय
बैठक में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर विचार-विमर्श हुआ। करीब तीन घंटे तक चली बैठक के बाद नेताओं ने डिनर किया और यह देर रात तक मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक बैठक के दौरान कमलनाथ ने विधानसभावार सर्वे की जानकारी दी। बताया गया कि किस विधायक की क्या स्थिति है। करीब 30 विधायकों की स्थिति ज्यादा कमजोर है। तय किया गया कि कमजोर सीटों पर अधिक फोकस किया जाए। यह भी ध्यान दिया जाए कि जिन सीटों की स्थिति बेहतर है, वहां भाजपा सेंध न लगा सके।
दिल्ली बैठक का फईडबैक दिया
कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी लगातार वरिष्ठ नेताओं के सात चर्चा कर रही है। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ भी बैठक हुई। बैठक में कमलनाथ भी थे। नाथ ने दिल्ली की बैठक का ब्योरा दिया। नेता इस बात पर सहमत रहे कि सभी को चुनाव के लिए जुट जाना चाहिए। भाजपा के भगवा एजेंडा को जवाब किस प्रकार दिया जाए। सरकार से प्रदेश का हर वर्ग नाराज है, लोगों को यह भरोसा दिलाना होगा कि कांग्रेस उनके साथ है। कांग्रेस सरकार की ओर से किए गए कामों की उपलब्धियां भी बताई जाए। इसके लिए मंडलम सेक्टर स्तर पर नेताओं को सक्रिय किया जाए।
सूत्रों की माने तो अपने अपने क्षेत्र के डिसीजन मेकर्स डिग्गज नेता रिपोर्ट लेकर पहुंचे थे। इन रिपोर्ट्स पर चर्चा हुई। इसलिए बैठक लंबी चली। इससे पहले चार अप्रेल को भी बड़ी बैठक हुई थी। तय हुआ था कि विधानसभा चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। निर्मय हुआ था कि प्रत्येक 15 दिन में इस तरह बैठक कर चरणबद्ध तरीके से रणनीति बनाई जाएगी।
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