गाजियाबाद में बंद होंगे 30 स्कूल! GDA जांच के बाद करेगा कार्रवाई, बच्चों के Admission से पहले ये पढ़ लें
दिल्ली एनसीआर के करीब गाजियाबाद में 30 स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। बताया जा रहा है कि स्कूल जीडीए के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। इन्हें प्राइमरी स्कूल चलाने के लिए जमीन आवंटन किया गया था। हालांकि अब शर्तों का उल्लंघन कर हाईस्कूल और इंटरमीडिएट स्कूल चला रहे हैं।
हाइलाइट्स
- 30 स्कूलों में लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन का आरोप
- सोमवार को इस मामले में जीडीए रिपोर्ट बनाकर भेजेगा
- प्राइमरी की जगह चला रहे 10वीं और 12वीं के क्लास
ऑल स्कूल पैरेंट्स असोसिएशन ने 31 स्कूलों की शिकायत जीडीए में की है। उस शिकायत में आरोप लगाया है कि प्राइमरी स्कूल के लिए आवंटित भूखंड पर हाईस्कूल संचालित हो रहा है। हाईस्कूल के लिए दी गई जमीन पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल चल रहा है। जीडीए के व्यावसायिक अनुभाग ने इन स्कूलों की सूची बनाकर प्रवर्तन टीम को दे दिया था। लेकिन खास बात यह है कि तब से लेकर अब तक प्रवर्तन टीम ने स्कूलों की रिपोर्ट व्यावसायिक अनुभाग को नहीं दी। अब खतौली विधानसभा से विधायक बने मदन भैया ने इस मामले को विधानसभा में अतारंकित प्रश्न के माध्यम उठाया है। कहा कि स्कूलों को लेकर आईजीआरएस के तहत जो शिकायत की गई थी। उस पर अभी तक क्या कार्रवाई हुई। इस प्रश्न का जवाब विधानसभा की तरफ से जीडीए से मांगा गया है।
स्कूल का निरीक्षण कर तैयार होगी रिपोर्ट
जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने जीडीए के प्रवर्तन टीम के इंजीनियर को सभी स्कूलों का निरीक्षण करके रिपोर्ट तैयार करने के लिए सोमवार सुबह दस बजे तक देने का निर्देश दिया है। जिसकी वजह से रविवार होने के बाद भी ऑफिस आकर प्रवर्तन टीम के इंजीनियर दिन भर रिपोर्ट तैयार करवाने में जुटे रहे। फिलहाल सोमवार को इस मामले पर जीडीए अपनी रिपोर्ट बनाकर भेजेगा। बताया जा रहा है कि यदि लीज डीड की शर्तों के विपरीत स्कूल का संचालन किया जा रहा है तो भूखंड का आवंटन कैंसल होगा। इससे पहले भी जीडीए एक मामले में इस तरह की कार्रवाई कर चुका है।
डीएलएफ पब्लिक स्कूल पर हुई थी कार्रवाई
साल 2019 में राजेंद्र नगर सेक्टर-दो में संचालित डीएलएफ पब्लिक स्कूल के भूखंड आवंटन को इसी तरह की गड़बड़ी की वजह से निरस्त कर चुका है। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 1991 में सेठ जयप्रकाश मुकंदलाल पॉलिटेक्निक के लिए 20924.40 वर्ग मीटर भूमि आवंटित की गई थी। वर्ष 1996 से इसी भूखंड पर दरबारी लाल फाउंडेशन का डीएलएफ पब्लिक स्कूल संचालित हो रहा है। आवंटन की शर्तों के विपरीत इस स्कूल को संचालित करने का आरोप लगाते हुए एक दशक पहले शिकायत की गई थी। जीडीए को जांच करनी पड़ी। स्कूल प्रबंधन ने अपना पक्ष रखा था कि पॉलिटेक्निक के साथ स्कूल संचालित किया जा रहा है। जीडीए अधिकारियों ने जांच में पाया कि पॉलिटेक्निक संचालित नहीं हो रहा, पर स्कूल संचालित होता मिला। इस मामले में जीडीए के संपत्ति अनुभाग ने विधिक राय के बाद आवंटन की शर्तों और भू-उपयोग के उल्लंघन को आधार बनाते हुए भूमि का आवंटन निरस्त कर दिया था।
शासन में विचाराधीन है मामला
ऑल इंडिया पैरेंट्स असोसिएशन के पदाधिकारी और शिकायतकर्ता सचिन सोनी ने बताया कि डीएलएफ पब्लिक स्कूल के भूखंड का आवंटन जीडीए ने जरूर निरस्त किया है। इसमें स्कूल के नए मैनेजमेंट ने शासन में अपील की है। शासन स्तर पर मामला विचाराधीन है। उनका आरोप है कि नए मैनेजमेंट को अपील करने का अधिकार नहीं है। इसके बाद भी शासन स्तर पर मामले को विचाराधीन रखा गया है।
अलग-अलग एरिया में हैं स्कूल
जीडीए के पास जो स्कूलों की सूची है। उसमें वैशाली, न्यायखंड-1, न्यायखंड-3, नीतिखंड-2, शक्तिखंड-2, गोविंदपुरम, लोहियानगर, कविनगर, नंदग्राम, नेहरूनगर, पटेलनगर, प्रताप विहार, राजनगर, और विवेकानंदनगर के स्कूल है। खास बात यह है कि यह शहर में बड़े स्कूल है। यदि जीडीए इन पर कार्रवाई करता है तो इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को लेकर दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।
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