गाजियाबाद में घूम रहा तेंदुआ? दिख जाए तो तो घबराना नहीं है, ये उपाय आजमाना है

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गाजियाबाद में घूम रहा तेंदुआ? दिख जाए तो तो घबराना नहीं है, ये उपाय आजमाना है

गाजियाबाद में घूम रहा तेंदुआ? दिख जाए तो तो घबराना नहीं है, ये उपाय आजमाना है


गाजियाबादः लोगों के मन से तेंदुए की दहशत खत्म करने के लिए मंगलवार को वन विभाग की टीम ने एएलटी सेंटर और इंग्राहम स्कूल के पास जंगलों में दिन भर सर्च अभियान चलाया। इसके लिए चार से अधिक टीमों का गठन किया गया था। इन टीमों में डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट ऑफिसर के अलावा कई फॉरेस्ट रेंजर और अन्य अधिकारी शामिल हैं। दिनभर सर्च ऑपरेशन चला लेकिन कहीं भी तेंदुए के पैरों के निशान नहीं मिले।

अभी तेंदुए की नहीं हो सकी है पुष्टि
डीएफओ मनीष सिंह का कहना है की जहां भी लोग तेंदुआ देखने की शिकायत कर रहे हैं, वहां वन विभाग की टीम सर्च ऑपरेशन करके यह पता लगाने में जुटी है कि कहीं वास्तव में तेंदुआ तो नहीं है। हालांकि अभी तक कहीं भी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। उन्होंने बताया कि विभाग ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी जागरूकता अभियान चलाकर तेंदुए के संबंध में लोगों को जानकारी देगा, जिससे लोग डरने की जगह उससे किस प्रकार से बचा जा सकता है और वन विभाग कि किस प्रकार से सहयोग लिया जा सकता है इस संबंध में जागरूक हो सकें।

डरें नहीं, बचाव का तरीका आजमाएं
1- पहले यह जान लीजिए कि फलां सोसाइटी में तेंदुआ निकला है इसलिए हर कोई डर में जिएं, यह ठीक नहीं है। खबरों से जागरूक होकर सतर्कता बरतनी चाहिए।
2- तेंदुआ ही नहीं, कई जंगली जानवरों का स्वभाव इंसानों पर हमले करने का नहीं होता है, वे जब खुद पर खतरा महसूस करते हैं तभी हमलावर होते हैं।
3- आपको शायद लगे या कोई कहे कि तेंदुआ हमला करे तो भागने लगो। जी नहीं, ऐसा कभी मत कीजिएगा। आप शेर, बाघ, चीता, तेंदुआ जैसे जानवरों से तेज नहीं भाग सकते। तेंदुआ 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भाग सकता है।
4- जहां मसल पावर काम न आए वहां मेंटल पावर ट्राई कीजिए। तेंदुए के खिलाफ खुद को ताकतवर दिखाने का तरीका है, जोर-जोर से चिल्लाएं, ताली बजाएं।
5- कभी-कभी तेंदुआ काफी दूर होता है तो जबरन उसे छेड़ें नहीं। वह इसे अपने लिए चुनौती समझ सकता है और ‘आ बैल मुझे मार’ वाली कहावत की तरह आप बेवजह मुसीबत पाल लेंगे।
6- हां, तेंदुए की आंखों में आंखें डालकर कभी न देखें। वह इसे चुनौती समझ सकता है और हमला कर सकता है।
7 – तेंदुआ थोड़ी दूरी पर हो तो धीरे से पीछे हटने की कोशिश करें और छिपकर दरवाजे के अंदर जाने की कोशिश करें।
8 – एक बड़ा डर, जो लोगों में है कि अगर तेंदुआ घर में घुस जाए तो क्या करेंगे? देखिए घर को जितनी अच्छी तरह से आप समझते हैं तेंदुआ नहीं। उसके लिए यह नई दुनिया होगी। वह थोड़ा डरा-डरा महसूस करेगा। ऐसे में झट से आप खुद को अलग कमरे में बंद कर मेंटेनेंस डिपार्टमेंट, पुलिस, वन विभाग और अपने परिचितों को सूचित कर सकते हैं।

कचहरी वाला तेंदुआ तो नहीं?
अधिकारियों का कहना है कि दरअसल इस अभियान के दौरान तेंदुए की तलाश नहीं की जा रही बल्कि इस सर्च ऑपरेशन के जरिए यह देखा जा रहा है कि पिछले दिनों कचहरी में जो तेंदुआ आया था, क्या वह यहां कहीं रुका हुआ था। हालांकि उसके कोई पदचिह्न नहीं मिले हैं। डीएफओ मनीष ने बताया कि आने वाले दो से तीन दिनों तक आसपास के ग्रीनरी वाले एरिया में यह तलाशी अभियान जारी रहेगा। इस दौरान यह देखा जाएगा कि तेंदुआ आखिर कहां आकर रुकता है। जिससे भविष्य में तेंदुआ आने पर उसे तलाश करना आसान हो सके।

तेंदुए ने 6 घंटे मचाया था जमकर उत्पात
डिस्ट्रिक्ट कोर्ट परिसर में बीते बुधवार को घुसे तेंदुए ने करीब 6 घंटे तक जमकर उत्पात मचाया था। इस दौरान उसने पुलिसकर्मी और वकीलों समेत 10 लोगों पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया था। हालांकि बाद में गाजियाबाद और मेरठ से बुलाई गई वन विभाग की रेस्क्यू टीमों ने करीब 2 घंटे की मशक्कत के बाद तेंदुए को नशीला इंजेक्शन देकर बेहोश कर पकड़ लिया था। अगले दिन विभाग की टीम उसे उत्तराखंड के शिवालिक के जंगलों में छोड़ आई थी।

राजनगर में आने का रूट जांच रही टीम
वन विभाग और प्रशासन द्वारा की गई जांच में राजनगर में लगे एक सीसीटीवी कैमरे में मंगलवार देर रात 2:53 बजे तेंदुए को राजकुंज की ओर से आता हुआ देखा गया था। इससे जांच एजेंसियां अंदाजा लगा रही हैं कि यह तेंदुआ राजकुंज, इंग्राहम इंस्टिट्यूट और पुलिस कमिश्नर ऑफिस के सामने से डिस्ट्रिक्ट कोर्ट परिसर में आया होगा। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वह शहरी क्षेत्र में पेड़ों से घिरे एरिया में छिपकर भी रहा होगा। इससे पूर्व भी लगातार राजनगर, कविनगर, मोदीनगर और मुरादनगर में भी तेंदुआ देखने की चर्चाएं आम रही हैं।

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