गश्त के समय गायब रहने वाले पुलिसकर्मियों की खैर नही, QR कोड से पता चलेगी लोकेशन | Now the location of the police will be known from the QR code | Patrika News h3>
-गश्त से गायब रहने वालों का तकनीक की मदद से पता लगाएंगे
इंदौर
Published: April 20, 2022 01:50:47 pm
इंदौर। पुलिस कर्मचारियों की मैदान से गैरहाजिरी और आम लोगों को समय पर मदद नहीं मिलने की समस्या का निदान पुलिस अधिकारियों ने तकनीक की मदद से तलाशा है। क्यूआर कोड स्कैन कर पुलिस की उपिस्थति दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। आम लोग भी क्यूआर कोड के जरिए संबंधित क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मी की लोकेशन, नाम व मोबाइल नंबर हासिल कर सकेंगे।
police
अभी थाना लसूड़िया में 50-60 जगह क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। पुलिसकर्मियों की गश्त के बाद भी चोरी जैसी वारदात हो जाती है। इंटेलीजेंस विंग ने हाल ही में छानबीन की तो पता चला कि टीआइ व पुलिसकर्मी बिना बताए गश्त से गायब हो जाते हैं। डीसीपी जोन 2 संपत उपाध्याय ने इस समस्या से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। क्यूआर कोड के लिए ऐप्लीकेशन तैयार कराई जा रही हैं। प्रयोग के तौर पर लसूड़िया थाने का चयन किया है।
इस तरह होगा काम
-लसूड़िया थाने का इलाका काफी बड़ा है। एमआर- 11, एबी रोड, रिंग रोड से लेकर बायपास तक फैला है।
-रात्रि गश्त में करीब 20 प्रतिशत पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। बीट के कर्मचारियों व गश्त करने वालों को तय इलाके में जाकर हर क्यूआर कोड को मोबाइल ऐप्लीकेशन के जरिए स्कैन करना होगा।
-बापट चौराहे के पास से स्कीम नं. 78, देवास नाका के आगे व बायपास की कॉलोनियों के 60 स्थानों पर क्यूआर कोड लगा रहे हैं।
-थाने में करीब 80 पुलिसकर्मी हैं। हर किसी की बीट तय है।
-क्यूआर कोड स्कैन होते ही अधिकारियों को संबंधित अधिकारी-कर्मचारी की लोकेशन मिल जाएगी। एक स्थान से दूसरे स्थान के बीच का समय भी निर्धारित है।
अभी रजिस्टर से निगरानी
अभी कुछ स्थानों पर पुलिस के रजिस्टर होते हैं, जहां हस्ताक्षर करने से लगता था कि कर्मचारी वहां तैनात रहा है। इसमें गड़बड़ी की आशंका यह है कि बाद में एक साथ भी हस्ताक्षर किए जा सकते थे। क्यूआर कोड से ऐसा नहीं हो पाएगा।
आम लोग भी देख सकेंगे
शुरुआती दौर में पुलिस उपस्थिति दर्ज कराने व लोकेशन पता करने के लिए यह प्रयोग होगा। क्यूआर कोड को आम व्यक्ति भी स्कैन करेगा, तो वहां तैनात अधिकारी-कर्मचारी की लोकेशन, नाम व मोबाइल नंबर मिल जाएगा। हालांकि पुलिस जगह-जगह बीट प्रभारी के नंबर लिखवा रही है।
संपत उपाध्याय, डीसीपी जोन-2 का कहना है कि अभी लसूड़िया थाना क्षेत्र में क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू कर रहे हैं। बाद में अन्य थानों में व्यवस्था की होगी। क्यूआर कोड स्कैन करने से संबंधित पुलिसकर्मी की लोकेशन मिल जाएगी। क्रॉस चेक भी करेंगे।
अगली खबर

-गश्त से गायब रहने वालों का तकनीक की मदद से पता लगाएंगे
इंदौर
Published: April 20, 2022 01:50:47 pm
इंदौर। पुलिस कर्मचारियों की मैदान से गैरहाजिरी और आम लोगों को समय पर मदद नहीं मिलने की समस्या का निदान पुलिस अधिकारियों ने तकनीक की मदद से तलाशा है। क्यूआर कोड स्कैन कर पुलिस की उपिस्थति दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। आम लोग भी क्यूआर कोड के जरिए संबंधित क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मी की लोकेशन, नाम व मोबाइल नंबर हासिल कर सकेंगे।
police
अभी थाना लसूड़िया में 50-60 जगह क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। पुलिसकर्मियों की गश्त के बाद भी चोरी जैसी वारदात हो जाती है। इंटेलीजेंस विंग ने हाल ही में छानबीन की तो पता चला कि टीआइ व पुलिसकर्मी बिना बताए गश्त से गायब हो जाते हैं। डीसीपी जोन 2 संपत उपाध्याय ने इस समस्या से निपटने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने का फैसला लिया है। क्यूआर कोड के लिए ऐप्लीकेशन तैयार कराई जा रही हैं। प्रयोग के तौर पर लसूड़िया थाने का चयन किया है।
इस तरह होगा काम
-लसूड़िया थाने का इलाका काफी बड़ा है। एमआर- 11, एबी रोड, रिंग रोड से लेकर बायपास तक फैला है।
-रात्रि गश्त में करीब 20 प्रतिशत पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। बीट के कर्मचारियों व गश्त करने वालों को तय इलाके में जाकर हर क्यूआर कोड को मोबाइल ऐप्लीकेशन के जरिए स्कैन करना होगा।
-बापट चौराहे के पास से स्कीम नं. 78, देवास नाका के आगे व बायपास की कॉलोनियों के 60 स्थानों पर क्यूआर कोड लगा रहे हैं।
-थाने में करीब 80 पुलिसकर्मी हैं। हर किसी की बीट तय है।
-क्यूआर कोड स्कैन होते ही अधिकारियों को संबंधित अधिकारी-कर्मचारी की लोकेशन मिल जाएगी। एक स्थान से दूसरे स्थान के बीच का समय भी निर्धारित है।
अभी रजिस्टर से निगरानी
अभी कुछ स्थानों पर पुलिस के रजिस्टर होते हैं, जहां हस्ताक्षर करने से लगता था कि कर्मचारी वहां तैनात रहा है। इसमें गड़बड़ी की आशंका यह है कि बाद में एक साथ भी हस्ताक्षर किए जा सकते थे। क्यूआर कोड से ऐसा नहीं हो पाएगा।
आम लोग भी देख सकेंगे
शुरुआती दौर में पुलिस उपस्थिति दर्ज कराने व लोकेशन पता करने के लिए यह प्रयोग होगा। क्यूआर कोड को आम व्यक्ति भी स्कैन करेगा, तो वहां तैनात अधिकारी-कर्मचारी की लोकेशन, नाम व मोबाइल नंबर मिल जाएगा। हालांकि पुलिस जगह-जगह बीट प्रभारी के नंबर लिखवा रही है।
संपत उपाध्याय, डीसीपी जोन-2 का कहना है कि अभी लसूड़िया थाना क्षेत्र में क्यूआर कोड की व्यवस्था लागू कर रहे हैं। बाद में अन्य थानों में व्यवस्था की होगी। क्यूआर कोड स्कैन करने से संबंधित पुलिसकर्मी की लोकेशन मिल जाएगी। क्रॉस चेक भी करेंगे।
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