गर्मी दे रही बीमारी……..तेज धूप में बाहर निकलने पर गंभीर बीमारियों का खतरा | Heat-giving disease due to the heat, the number of patients suffering | Patrika News h3>
जहां ओपीडी में हीट स्ट्रोक,उल्टी,डायरिया,डिहाइड्रेशन आदि बीमारी से पीड़ित मरीज ओपीडी में पहुंच रहे है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि इस गर्मी से सभी को बचना चाहिए। क्योकि ओपीडी में पहुंचने वाला हर पांचवा मरीज गर्मी से होने वाली बीमारियों से परेशान होकर पहुंच रहा है।
एसएमएस में चार हजार से अधिक मरीज
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में करीब 8 से 10 हजार की प्रतिदिन की ओपीडी है। इनमें रोजाना 4 हजार से अधिक मरीज ऐसे आ रहे है जिन्हें उल्टी, डायरिया, वायरल फीवर,नाक से खून आना,अचेत होना,बदन में दर्द होकर बुखार आना और शरीर में कमजोरी व बैचेनी से महसूस हो रही है। एसएमएस ही नहीं बल्कि बच्चों के अस्पताल जेके लोन,जयपुररिया और कांवटिया अस्पताल की ओपीडी में भी इसी तरह के लक्ष्ण वाले मरीज आ रहे है।
तेज धूप है खतरनाक
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ.विनय मल्हौत्रा ने बताया कि इस दिनों गर्मी के कारण परेशान मरीजों की संख्या बढ़ी है। व्यक्ति के शरीर में 97-98 डिग्री तक तापमान सामान्य होता है। लेकिन घंटों तक तेज धूप में रहने से शरीर में अचानक सामान्य से कई गुणा अधिक तापमान बढ़ जाता है।
इससे दिमाग में थर्मों रेगुलेटर सेंटर का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। जो हीट स्ट्रोक का कारण बन जाता है। इससे जान भी जा सकती है। कई बार पीड़ित को 106 डिग्री तक बुखार हो जाता है।
शरीर से पानी निकलना है खतरनाक
हीट स्ट्रोक में शरीर में पानी की मात्रा काफी कम हो जाती है। एसएमएस विभाग के मेडिसिन विभाग के डॉ.पुनीत सक्सेना का कहना है कि लगातार उल्टी, डायरिया और डिहाइड्रेशन के कारण शरीर से पानी निकलने से गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल लॉस के मामले देखे गए हैं।।
इसमें पानी के साथ घुलकर सोडियम भी शरीर से बाहर निकलने लगता है। अगर यह प्रक्रिया देर तक और लम्बी चले तो शरीर में सोडियम की कमी हो सकती है। सोडियम इतना जरूरी है कि अगर लम्बे समय तक उसकी ज्यादा कमी बनी रहे तो कोशिकाएं निष्क्रिय हो सकती हैं और व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है।
इन दिनों खान पान भी महत्वपूर्ण
चिकित्सकों का मानना है कि इस गर्मी में खान पान व जीवनशैली भी महत्वपूर्ण है।इस गर्मी में जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकले। मसालेदार,पुराना खाना खाने से बचे। बाहर के खाने से परहेज करें। घर पर बना ताजा भोजन लेवे।
इसमें छाछ,दही,लस्सी,ज्यूस,फल आदि का अधिक सेवन करें। गर्मी में बाहर निकले तो चेहरे को ढक कर रखें।समस्या होने पर चिकित्सक की सलाह जरूर लें।हर आधा से एक घंटे में पानी अवश्य पीना चाहिए।
जहां ओपीडी में हीट स्ट्रोक,उल्टी,डायरिया,डिहाइड्रेशन आदि बीमारी से पीड़ित मरीज ओपीडी में पहुंच रहे है। चिकित्सकों ने सलाह दी है कि इस गर्मी से सभी को बचना चाहिए। क्योकि ओपीडी में पहुंचने वाला हर पांचवा मरीज गर्मी से होने वाली बीमारियों से परेशान होकर पहुंच रहा है।
एसएमएस में चार हजार से अधिक मरीज
जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में करीब 8 से 10 हजार की प्रतिदिन की ओपीडी है। इनमें रोजाना 4 हजार से अधिक मरीज ऐसे आ रहे है जिन्हें उल्टी, डायरिया, वायरल फीवर,नाक से खून आना,अचेत होना,बदन में दर्द होकर बुखार आना और शरीर में कमजोरी व बैचेनी से महसूस हो रही है। एसएमएस ही नहीं बल्कि बच्चों के अस्पताल जेके लोन,जयपुररिया और कांवटिया अस्पताल की ओपीडी में भी इसी तरह के लक्ष्ण वाले मरीज आ रहे है।
तेज धूप है खतरनाक
एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ.विनय मल्हौत्रा ने बताया कि इस दिनों गर्मी के कारण परेशान मरीजों की संख्या बढ़ी है। व्यक्ति के शरीर में 97-98 डिग्री तक तापमान सामान्य होता है। लेकिन घंटों तक तेज धूप में रहने से शरीर में अचानक सामान्य से कई गुणा अधिक तापमान बढ़ जाता है।
इससे दिमाग में थर्मों रेगुलेटर सेंटर का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। जो हीट स्ट्रोक का कारण बन जाता है। इससे जान भी जा सकती है। कई बार पीड़ित को 106 डिग्री तक बुखार हो जाता है।
शरीर से पानी निकलना है खतरनाक
हीट स्ट्रोक में शरीर में पानी की मात्रा काफी कम हो जाती है। एसएमएस विभाग के मेडिसिन विभाग के डॉ.पुनीत सक्सेना का कहना है कि लगातार उल्टी, डायरिया और डिहाइड्रेशन के कारण शरीर से पानी निकलने से गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल लॉस के मामले देखे गए हैं।।
इसमें पानी के साथ घुलकर सोडियम भी शरीर से बाहर निकलने लगता है। अगर यह प्रक्रिया देर तक और लम्बी चले तो शरीर में सोडियम की कमी हो सकती है। सोडियम इतना जरूरी है कि अगर लम्बे समय तक उसकी ज्यादा कमी बनी रहे तो कोशिकाएं निष्क्रिय हो सकती हैं और व्यक्ति की मृत्यु तक हो सकती है।
इन दिनों खान पान भी महत्वपूर्ण
चिकित्सकों का मानना है कि इस गर्मी में खान पान व जीवनशैली भी महत्वपूर्ण है।इस गर्मी में जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकले। मसालेदार,पुराना खाना खाने से बचे। बाहर के खाने से परहेज करें। घर पर बना ताजा भोजन लेवे।
इसमें छाछ,दही,लस्सी,ज्यूस,फल आदि का अधिक सेवन करें। गर्मी में बाहर निकले तो चेहरे को ढक कर रखें।समस्या होने पर चिकित्सक की सलाह जरूर लें।हर आधा से एक घंटे में पानी अवश्य पीना चाहिए।