गरीब औरतों को पैसे उधार देकर इज्‍जत लूटता था ये विलन, घर से भागकर ऐसे बॉलिवुड सुपरस्‍टार बने Jeevan

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गरीब औरतों को पैसे उधार देकर इज्‍जत लूटता था ये विलन, घर से भागकर ऐसे बॉलिवुड सुपरस्‍टार बने Jeevan


गरीब औरतों को पैसे उधार देकर इज्‍जत लूटता था ये विलन, घर से भागकर ऐसे बॉलिवुड सुपरस्‍टार बने Jeevan

आंखों में काजल… उसके ठीक नीचे एक मस्सा और राजसी मूंछें… नोकदार, ऊपर की ओर उठी हुईं दरबारी मूंछें। हम बात कर रहे हैं बॉलिवुड के उस विलन की, जिसकी अब भले ही चर्चा बहुत कम होती हो, लेकिन ये तो तय है कि चर्चा हमेशा होती रहेगी। हम बात कर रहे हैं ऐक्टर जीवन की। जो 50 के दशक में 49 से ज्यादा बार फिल्मों में नारद मुनि बने। इसके बाद जब बॉलिवुड फिल्मों में विलन बने तो ऐसी ऐक्टिंग की, जिसकी छाप लोगों के दिलों पर हमेशा के लिए छप गई। उन्होंने स्क्रीन पर जितनी खूबसूरती से अपने किरदारों को बुना, उनकी निजी जिंदगी उतनी खूबसूरत नहीं थी। हर मोड़ पर जिंदगी ने उनका इम्तिहान लिया। जन्म देते ही मां गुजर गई। तीन साल की उम्र में पिता का साया उठ गया। जिस परिवार से वो ताल्लुक रखते थे, वो उनके ऐक्टर बनने के सपने को कभी पूरा नहीं होने देते, इसलिए उनके खिलाफ जाकर जेब में मात्र 26 रुपये रखकर मुंबई भाग गए। इसके बाद उनके साथ क्या-क्या हुआ, ये जानकर आपको ताज्जुब भी होगा और जिंदगी को लेकर नया नजरिया और सपनों को पूरा करने का हौंसला भी मिलेगा।

जीवन का असली नाम ओमकार नाथ धर (Omkar Nath Dhar) था। उनका जन्म श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) में कश्मीरी पंडित परिवार में हुआ था। उनके दादा Gilgit Agency में गवर्नर के रूप में सर्विस देते थे। जब जीवन (Jeevan) का जन्म हुआ, तब उनकी मां चाइल्ड बर्थ की वजह से चल बसीं। उनकी जिंदगी में दुखों का पहाड़ तब टूट पड़ा, जब तीन साल की उम्र में ही पिता भी गुजर गए। किसी तरह से वो धीरे-धीरे बड़े हुए तो उन्होंने ऐक्टर बनने का सपना बुनना शुरू कर दिया। वो हमेशा ही फिल्मों की तरफ अट्रैक्ट होते थे। हालांकि, इस सपने को पूरा करना आसान नहीं था।

18 साल की उम्र में घर से भाग गए थे जीवन

नारद मुनि के किरदार में जीवन

Jeevan के दादा राज्यपाल थे, इसलिए उनकी फैमिली को बहुत सम्मान दिया जाता था। इसलिए ऐसे परिवार से होने के नाते उनका फिल्मों में जाना आसान नहीं था, क्योंकि उस दौर में फिल्म इंडस्ट्री और फिल्मों को अलग ही नजरिये से देखा जाता था। इसलिए जीवन 18 साल की उम्र में ही घर से भाग गए। उस वक्त उनके पास सिर्फ 26 रुपये थे। उन्होंने मुंबई में थोड़े दिन तक स्ट्रगल किया और फिर मोहन सिन्हा (विद्या सिन्हा के दादा) के स्टूडियो में नौकरी करने लगे।

मिला पहला रोल

Jeevan death anniversary

जीवन ने फिल्मों में खलनायक बनकर नाम कमाया

आपको जानकर हैरानी होगी कि वो मुंबई और स्टूडियो तक पहुंच गए थे, लेकिन उनका ऐक्टर बनने का सपना अभी तक पूरा नहीं हुआ था, क्योंकि वो रिफ्लेक्टर्स पर सिल्वर पेपर चिपकाने का काम करते थे। हालांकि, वो ज्यादा समय तक रिफ्लेक्टर बॉय नहीं बने रहे, उन्हें जल्द ही मोहन सिन्हा की फिल्म Fashionable India में बतौर लीड ऐक्टर रोल मिल गया था।

फिल्मों में किया शानदार काम

Jeevan

जानकारी के मुताबिक, पहला मौका मिलने के बाद जीवन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने अलग भाषाओं की 60 से ज्यादा फिल्मों और थियेटर शो में नारद मुनि की भूमिका निभाई है। उन्हें 1935 में Romantic India, 1946 में अफसाना और 1942 में Station Master में दमदार रोल निभाया। फिर वो 1946 से 1978 तक देव आनंद और मनमोहन देसाई की कई फिल्मों में नजर आए। इनमें ‘अमर अकबर एंथनी’ और ‘धर्मवीर’ शामिल है।

1987 में ली आखिरी सांस

Jeevan

जीवन ने पंजाबी फिल्म Teri Meri Ek Jindri में भी काम किया है। उनकी आखिरी फिल्म 1986 में रिलीज हुई थी, जिसका नाम Insaaf Ki Manzil था। इसे राम नंदन प्रसाद ने प्रोड्यूस किया था और ब्रज भूषण ने डायरेक्ट किया था। उन्होंने 71 साल की उम्र में 10 जून 1987 को आखिरी सांस ली थी।



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