गया OTA से पहली बार निकली 18 महिला लेफ्टिनेंट: यूपी-बिहार की बेटियों ने लहराया परचम, रोहतास की अंजली बनी लेफ्टिनेंट, महाराष्ट्र के भाई-बहन ने रचा इतिहास – Gaya News

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गया OTA से पहली बार निकली 18 महिला लेफ्टिनेंट:  यूपी-बिहार की बेटियों ने लहराया परचम, रोहतास की अंजली बनी लेफ्टिनेंट, महाराष्ट्र के भाई-बहन ने रचा इतिहास – Gaya News

गया OTA से पहली बार निकली 18 महिला लेफ्टिनेंट: यूपी-बिहार की बेटियों ने लहराया परचम, रोहतास की अंजली बनी लेफ्टिनेंट, महाराष्ट्र के भाई-बहन ने रचा इतिहास – Gaya News

महिला दिवस पर गया के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) ने देश को खास तोहफा दिया। पहली बार यहां से 18 महिला ऑफिसर कैडेट्स ने कमीशन प्राप्त कर लेफ्टिनेंट बनने का गौरव हासिल किया। उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 4 बेटियों ने परचम लहराया, वहीं बिहार के रोहतास जि

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शनिवार को हुई 26वीं पासिंग आउट परेड में यह ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला। सेना की वर्दी पहने बेटियों को देखकर परिजन खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। परेड के दौरान पूरा परिसर गर्व, जोश और जश्न से सराबोर था।

महाराष्ट्र के प्रत्मेश पाटिल और गायत्री पाटिल यानी दोनों भाई-बहन लेफ्टिनेंट बने।

महाराष्ट्र के भाई-बहन ने रचा इतिहास, एक साथ बने लेफ्टिनेंट

परेड में महाराष्ट्र के प्रत्मेश पाटिल और गायत्री पाटिल ने इतिहास रच दिया। दोनों सगे भाई-बहन ने एक साथ 11 महीने की कठिन ट्रेनिंग पूरी कर लेफ्टिनेंट बनने का गौरव हासिल किया। उनके माता-पिता के लिए यह गर्व का क्षण था। परेड के दौरान जब दोनों को कमीशन मिला, तो परिवार के चेहरे खुशी से दमक उठे।

इस परेड की एक और खासियत यह रही कि ज्यादातर कैडेट्स (75) का बैकग्राउंड आर्मी से जुड़ा था, लेकिन उनके पिता अफसर नहीं, बल्कि सूबेदार या हवलदार रैंक के जवान थे। ऐसे में जब उनके बेटे-बेटियां अफसर बने, तो सेना के परिवारों में अलग ही खुशी देखी गई। यह एक बड़ा संदेश था कि अब सिर्फ अफसरों के बेटे ही नहीं, बल्कि आम सैनिकों के बच्चे भी सेना में बड़ा ओहदा हासिल कर रहे हैं।

परेड के दौरान गुरेज कंपनी ने शानदार प्रदर्शन कर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर अवार्ड पर कब्जा जमाया।

देशभर से आए कैडेट्स, यूपी-बिहार का दबदबा

इस बार गया ओटीए से 161 कैडेट्स पास आउट हुए, जिसमें सबसे ज्यादा 24 कैडेट्स उत्तर प्रदेश से थे। इनमें से 4 महिलाएं थीं। बिहार से 5 कैडेट्स पास आउट हुए, जिनमें रोहतास जिले के विक्रमगंज की अंजली प्रिया इकलौती महिला लेफ्टिनेंट बनीं। महाराष्ट्र से 22, हरियाणा से 13, मध्य प्रदेश से 14, तमिलनाडु से 10, राजस्थान से 9 और जम्मू-कश्मीर से 5 कैडेट्स कमीशन प्राप्त कर सेना का हिस्सा बने।

गुरेज कंपनी को मिला चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर अवार्ड

परेड के दौरान गुरेज कंपनी ने शानदार प्रदर्शन कर चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर अवार्ड पर कब्जा जमाया। इस्टर्न कमांड के जनरल रामचंद्र तिवारी ने परेड कमांडर शिवम मिन्हास को यह अवार्ड सौंपा। शिवम को सर्वश्रेष्ठ ऑफिसर कैडेट के लिए प्रतिष्ठित स्वॉर्ड ऑफ ऑनर और कांस्य पदक भी मिला। उन्हें सिख लाइट इन्फेंट्री की 11वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त हुआ।

प्रनील शर्मा बने टॉप कैडेट, गोल्ड मेडल से सम्मानित

एकेडमी कैडेट एजुटेंट प्रनील शर्मा को ओवरऑल बेस्ट ऑफिसर कैडेट के रूप में चुना गया। उन्हें जम्मू-कश्मीर की 13वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त हुआ। वहीं, दिग्विजय सिंह पंवार को सेकेंड बेस्ट ऑफिसर कैडेट के रूप में सिल्वर मेडल दिया गया। उन्हें कुमायूं रेजिमेंट की 15वीं बटालियन में कमीशन मिला।

महिला दिवस पर सेना को मिला बड़ा तोहफा

इस परेड की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि पहली बार गया ओटीए से एक साथ 18 महिला ऑफिसर कैडेट्स ने कमीशन प्राप्त कर लेफ्टिनेंट का रैंक हासिल किया। यह न केवल महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का पल था।

गया OTA से निकलीं ये 18 महिला लेफ्टिनेंट अब सीमाओं पर देश की रक्षा करने के लिए तैयार हैं। सेना के इस ऐतिहासिक पल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अब बेटियां हर मोर्चे पर डटकर खड़ी हैं। सेना का कहना है कि आने वाले समय में और अधिक महिलाएं सेना में शामिल होकर नया इतिहास रचेंगी।

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