गजेंद्र सिंह शेखावत क्यों गए हाईकोर्ट ? जानें संजीवनी केस में मिली राहत पर CM गहलोत ने क्यों पूछा यह सवाल h3>
जयपुर:संजीवनी क्रेडिट को ऑपरेटिव घोटाले में मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार किया है। जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अगर वे मुलजिम नहीं हैं तो हाईकोर्ट क्यों गए। गहलोत ने कहा कि अब उन्होंने हाईकोर्ट जाकर अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगवाई है। कल तक तो वे कह रहे थे कि वे इस मामले में ही नहीं, तो फिर वे हाईकोर्ट गए ही क्यों? गौरतलब है कि गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है।
देश विदेश की प्रॉपर्टी बेच कर चुकाए रुपये
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव मामले में लाखों लोगों को निवेश का सपना दिखाकर करोड़ों रुपए ऐंठ लिए गए। राजस्थान के 2 लाख परिवार बर्बादी की कगार पर खड़े हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को चाहिए कि वे अपने दोस्तों से कहें कि जो प्रोपर्टी देश विदेश में है, उसे बेचकर निवेशकों के रुपए लौटाएं। हाई कोर्ट जाने के बजाय उन्हें निवेशकों के रुपये लौटा कर उन्हें राहत देनी चाहिए थी। गहलोत ने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि लाखों लोगों के करोड़ों रुपए ऐंठने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत अभी भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में हैं। पीएम नरेंद्र मोदी को उन्हें तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करना चाहिए।
ऐसे व्यक्ति को केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहने का हक नहीं गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री बनना बड़े मान सम्मान की बात है। अगर कोई व्यक्ति लाखों लोगों के सपने कुचलकर विधायक या मंत्री बनता है तो यह बड़ी हैरानी वाली बात है। गजेंद्र सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहने का कोई हक नहीं है। गहलोत ने कहा कि लाखों लोग उन पर घोटाले के आरोप लगा रहे हैं। उन्हें मानवीयता दिखाते हुए उन निवेशकों को राहत दिलवानी चाहिए। अगर इस घोटाले में उनकी कोई भूमिका ही नहीं है तो फिर गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट क्यों गए।
तीन सप्ताह बाद फिर होगी सुनवाई
SOG में दर्ज प्रकरण और अन्य थानों में लगातार मुकदमें दर्ज होने पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछले दिनों हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने इस प्रकरण की सीबीआई जांच करवाने की मांग की थी। पूर्व में 28 मार्च और 3 अप्रैल को हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज गर्ग और प्रवीर भटनागर की बेंच ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया था। अब जस्टिस कुलदीप माथुर ने इस मामले की सुनवाई की और गजेंद्र सिंह शेखावत को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद फिर से होगी।(रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
युवराज को जीता नहीं पाया कांग्रेस का कुनबा, बिना नाम लिए केंद्रीय मंत्री ने साधा वैभव गहलोत पर निशाना
राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News
देश विदेश की प्रॉपर्टी बेच कर चुकाए रुपये
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संजीवनी क्रेडिट कॉपरेटिव मामले में लाखों लोगों को निवेश का सपना दिखाकर करोड़ों रुपए ऐंठ लिए गए। राजस्थान के 2 लाख परिवार बर्बादी की कगार पर खड़े हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को चाहिए कि वे अपने दोस्तों से कहें कि जो प्रोपर्टी देश विदेश में है, उसे बेचकर निवेशकों के रुपए लौटाएं। हाई कोर्ट जाने के बजाय उन्हें निवेशकों के रुपये लौटा कर उन्हें राहत देनी चाहिए थी। गहलोत ने कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि लाखों लोगों के करोड़ों रुपए ऐंठने वाले गजेंद्र सिंह शेखावत अभी भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में हैं। पीएम नरेंद्र मोदी को उन्हें तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त करना चाहिए।
ऐसे व्यक्ति को केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहने का हक नहीं गहलोत ने कहा कि केंद्रीय मंत्री बनना बड़े मान सम्मान की बात है। अगर कोई व्यक्ति लाखों लोगों के सपने कुचलकर विधायक या मंत्री बनता है तो यह बड़ी हैरानी वाली बात है। गजेंद्र सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में रहने का कोई हक नहीं है। गहलोत ने कहा कि लाखों लोग उन पर घोटाले के आरोप लगा रहे हैं। उन्हें मानवीयता दिखाते हुए उन निवेशकों को राहत दिलवानी चाहिए। अगर इस घोटाले में उनकी कोई भूमिका ही नहीं है तो फिर गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट क्यों गए।
तीन सप्ताह बाद फिर होगी सुनवाई
SOG में दर्ज प्रकरण और अन्य थानों में लगातार मुकदमें दर्ज होने पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पिछले दिनों हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने इस प्रकरण की सीबीआई जांच करवाने की मांग की थी। पूर्व में 28 मार्च और 3 अप्रैल को हाईकोर्ट के जस्टिस मनोज गर्ग और प्रवीर भटनागर की बेंच ने मामले की सुनवाई से इनकार कर दिया था। अब जस्टिस कुलदीप माथुर ने इस मामले की सुनवाई की और गजेंद्र सिंह शेखावत को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है। मामले की अगली सुनवाई 3 सप्ताह बाद फिर से होगी।(रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)
युवराज को जीता नहीं पाया कांग्रेस का कुनबा, बिना नाम लिए केंद्रीय मंत्री ने साधा वैभव गहलोत पर निशाना