खेल भावना का मजाक उड़ाकर रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा झारखंड, कमजोर टीम के खिलाफ बनाए 1297 रन 

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खेल भावना का मजाक उड़ाकर रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा झारखंड, कमजोर टीम के खिलाफ बनाए 1297 रन 


खेल भावना का मजाक उड़ाकर रणजी ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में पहुंचा झारखंड, कमजोर टीम के खिलाफ बनाए 1297 रन 

झारखंड ने बुधवार को कोलकाता के ईडन गार्डेंस स्टेडियम में खेले गए रणजी ट्रॉफी 2022 के प्री-क्वार्टर फाइनल मैच में नागालैंड की टीम को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह सुनिश्चित की, लेकिन इस मैच में झारखंड की टीम ने खेल भावना का मजाक उड़ाकर रख दिया। नागालैंड की कमजोर टीम के खिलाफ प्री क्वार्टर फाइनल मैच झारखंड की टीम ने बढ़त को 1000 रनों के पार पहुंचाकर दम लिया। इस तरह कुछ हद तक इसक मुकाबले का और नागालैंड की टीम का मजाक बना दिया गया।

देश को महेंद्र सिंह धोनी जैसा दिग्गज कप्तान देने वाले झारखंड ने क्रिकेट का कोई नियम तो नहीं तोड़ा, लेकिन पांच दिन तक विरोधी टीम के गेंदबाजी आक्रमण को ‘अपमानित’ करके खेल भावना को जरूर मजाक बनाया। आखिर में अंपायरों ने मैच ड्रा कराने का फैसला किया। यह मैच इस बात का संकेत भी है कि कैसे सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा समिति और पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय की अगुवाई वाली प्रशासकों की समिति एक उचित प्रथम श्रेणी टीम और ऐसे क्षेत्र की टीम के बीच अंतर को नहीं समझ पाये जहां क्रिकेट प्राथमिक खेल नहीं है।

भारतीय टीम के लिए खेल चुके सौरभ तिवारी की कप्तानी वाली झारखंड की टीम ने इस मैच में कुल 1297 रन बनाए। मैच में पहले बल्लेबाजी करने वाली झारखंड की टीम ने पहली पारी में 880 रन बनाए थे। इसके बाद नागालैंड की टीम 289 रन पर समेट दी गई। इस तरह टीम को 591 रन की विशाल बढ़त मिली। अगर झारखंड की टीम नागालैंड को फॉलोऑन भी दे देती तो मैच जीत जाती और शान से क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करती। अगर मैच का नतीजा ड्रॉ भी रहता तो भी पहली पारी की बढ़त के आधार पर झारखंड की टीम क्वार्टर फाइनल में पहुंच जाती। 

हैरान करने वाली बात ये रही कि 289 रन नागालैंड को ऑलआउट करने के बाद और 591 रन की बढ़त लेने के बाद झारखंड ने अपनी दूसरी पारी खेलने का फैसला किया। इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि मैच के पांचवें दिन की शुरुआत में झारखंड की टीम के स्कोरबोर्ड पर 723 रन लग चुके थे, लेकिन टीम ने दो विकेट पर 132 रन से आगे खेलने जारी रखा। आखिर में दूसरे सत्र के बीच में अंपायरों को मैच ड्रॉ कराने का फैसला लेना पड़ा। ये मैच सिर्फ इसलिए याद रखा जाए कि झारखंड ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के इतिहास की सबसे बड़ी बढ़त 1008 रन की हासिल की।  

प्लेट ग्रुप में शीर्ष पर रही नागालैंड की टीम ने पांच दिन के खेल में अधिकांश समय फील्डिंग करते हुए बिताया और इस दौरान 294 से अधिक ओवर गेंदबाजी की। उधर झारखंड के कोच एसएस राव ने अपनी टीम के निर्णय का बचाव किया। उन्होंने पीटीआई से कहा, ”रिकार्ड बनाना हमारा उद्देश्य नहीं था। ऐसा होता तो विराट सिंह और सौरभ तिवारी बल्लेबाजी करते। क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने के लिये तीन अंक पर्याप्त थे। पिच सपाट थी इसलिए हमने निचले क्रम के बल्लेबाजों को मौका दिया।” झारखंड से पहले सात एलीट ग्रुप में शीर्ष पर रहने वाली टीम बंगाल, मुंबई, कर्नाटक, पंजाब, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पहले ही क्वार्टर फाइनल में जगह बना चुके हैं। रणजी ट्रॉफी क्वार्टर फाइनल आगामी आईपीएल के बाद खेले जाएंगे।



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