खरगोन जिला अस्पताल में गर्भवती महिला की मौत, परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाकर किया हंगामा h3>
खरगोन : एमपी के खरगोन जिला अस्पताल में एक गर्भवती की मौत (khargone pregnant woman death) के बाद परिजनों ने हंगामा किया है। परिजनों का आरोप है कि महिला की डॉक्टरों (Pregnant woman dies in Khargone) की लापरवाही की वजह से हुई है। हंगामे की खबर मिलते ही प्रशासन की टीम पुलिस के साथ मौके पर पहुंची। परिजनों के अनुसार गर्भवती महिला को शनिवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद जिला अस्पताल में पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ महेंद्र बडोले की तरफ से रविवार को डिलीवरी कराने की बात कही गई थी। रविवार को वह डिलीवरी कराने नहीं पहुंची। रविवार को महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई।
इसके बाद उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया। इसके बाद उसकी स्थिति में बिगड़ती गई। डाक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि 23 वर्षीय महिला प्रिया जायसवाल का दो वर्ष पूर्व ही बामंदी निवासी गौरव के साथ विवाह हुआ था। विवाह के दो साल के बाद ये पहली ही प्रसूति थी लेकिन नवजात को जन्म देने के पूर्व ही नवजात और मां की मौत हो गई। घटना के बाद महिला के पति गौरव सहित अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
वहीं, घटना की गंभीरता को देखते हुए खरगोन के नायब तहसीलदार ने परिजनों का बयान दर्ज किया है। साथ ही चार चिकित्सकों की टीम ने पीएम किया है। महिला की मौत को लेकर ड्यूटी पर मौजूद महिला चिकित्सक रानू रघुवंशी ने परिजनों के आरोपों को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि मरीज को बीपी की शिकायत थी। साथ ही सोनोग्राफी रिपोर्ट में पानी की कमी बताई गई थी। इसके बाद परिजनों को ऑपरेशन के लिए कहा गया था।
डॉक्टर ने कहा कि हम जैसे ही महिला को ओटी में ले गए, तभी उसे झटके आने लगे थे। मुंह से भी झाग आने लगा, इसके बाद वहां मौजूद तीन डॉक्टरों ने उसे सीपीआर दिया लेकिन उसकी मौत हो गई। अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि इसे लापरवाही नहीं मान सकते है।
मृतक महिला के भाई मनीष जायसवाल ने कहा कि डॉ महेंद्र बडोले को दिखाया था, उन्होंने कहा था कि कल सुबह सीजर कर देंगे। दूसरे दिन 10 बार फोन लगाया लेकिन मोबाइल बंद था और ना वो आए। ओटी इंचार्ज डॉक्टर भी दिन भर से नहीं है। रानू रघुवंशी जिसको कुछ नहीं आता है और ओटी में लेकर ले गई थी। ओटी तक पेशेंट चलकर गया और 10 मिनट बाद जोर-जोर से चिल्लाने लगी, रानू रघुवंशी को ही नहीं मालूम कि क्या हो गया। पेशेंट के नाक और मुंह से खून आने लगा फिर उसकी मौत हो गई।
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वहीं, घटना की गंभीरता को देखते हुए खरगोन के नायब तहसीलदार ने परिजनों का बयान दर्ज किया है। साथ ही चार चिकित्सकों की टीम ने पीएम किया है। महिला की मौत को लेकर ड्यूटी पर मौजूद महिला चिकित्सक रानू रघुवंशी ने परिजनों के आरोपों को नकार दिया है। उन्होंने कहा कि मरीज को बीपी की शिकायत थी। साथ ही सोनोग्राफी रिपोर्ट में पानी की कमी बताई गई थी। इसके बाद परिजनों को ऑपरेशन के लिए कहा गया था।
डॉक्टर ने कहा कि हम जैसे ही महिला को ओटी में ले गए, तभी उसे झटके आने लगे थे। मुंह से भी झाग आने लगा, इसके बाद वहां मौजूद तीन डॉक्टरों ने उसे सीपीआर दिया लेकिन उसकी मौत हो गई। अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि इसे लापरवाही नहीं मान सकते है।
मृतक महिला के भाई मनीष जायसवाल ने कहा कि डॉ महेंद्र बडोले को दिखाया था, उन्होंने कहा था कि कल सुबह सीजर कर देंगे। दूसरे दिन 10 बार फोन लगाया लेकिन मोबाइल बंद था और ना वो आए। ओटी इंचार्ज डॉक्टर भी दिन भर से नहीं है। रानू रघुवंशी जिसको कुछ नहीं आता है और ओटी में लेकर ले गई थी। ओटी तक पेशेंट चलकर गया और 10 मिनट बाद जोर-जोर से चिल्लाने लगी, रानू रघुवंशी को ही नहीं मालूम कि क्या हो गया। पेशेंट के नाक और मुंह से खून आने लगा फिर उसकी मौत हो गई।