<p style="text-align: justify;"><strong>प्रयागराज:</strong> संगम नगरी प्रयागराज में एबीपी गंगा चैनल की खबर का बड़ा असर हुआ है. दो दिन पहले हमने अपनी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में यह दिखाया था कि प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर घाट पर गंगा किनारे दफनाए गए कुछ शव मिट्टी के कटान की वजह से कब्र से बाहर आ गए हैं और उनका आधा हिस्सा मोक्षदायिनी गंगा को छूने लगा है. हमारी इस रिपोर्ट को दिखाए जाने के बाद स्थानीय प्रशासन से लेकर सरकार तक हड़कंप मच गया था. चैनल की खबर का संज्ञान लेते हुए प्रयागराज के सरकारी अमले ने पानी में बह गई आधी कब्रों से बाहर आकर गंगा की धारा को प्रदूषित करते इन शवों को सम्मान के साथ निकालकर उन्हें दूसरी जगह दफना दिया. तकरीबन आधा दर्जन शवों को दूसरी जगह पर शिफ्ट करा दिया गया. ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि कई कब्रों के आधे बह जाने से उनमें दफनाए गए शवों से गंगा के प्रदूषित होने का खतरा तो था ही, साथ ही शवों को कुत्तों और दूसरे जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने की भी आशंका थी.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>गश्त कर रही हैं टीमें </strong><br />चैनल पर खबर दिखाए जाने के बाद पुलिस और प्रशासन के कई ज़िम्मेदार अफसरों ने रात को ही मुआयना किया. अफसरों ने अपने निरीक्षण में पाया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से हो रही मिट्टी की कटान के चलते कई कब्रें आधी बह गई हैं और उनमें दफनाए गए कुछ शव गंगा की लहरों को छूने लगे हैं. लगातार मिट्टी की कटान होने से कुछ और शव कब्र से बाहर निकलकर गंगा में ना लटकने लगे, इसके लिए अब पुलिस और प्रशासन की टीमें लगातार नाव के जरिए गंगा के तटों का निरीक्षण कर रही हैं. यहां प्रशासन, राजस्व और पुलिस की टीमों के साथ ही एसडीआरएफ की टीमें भी लगातार गश्त करती हुई नजर आ रही हैं. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>शवों का अपमान नहीं होने दिया जाएगा</strong><br />अफसरों का कहना है तेजी से हो रहे कटान के चलते यह समस्या बढ़ी है और इसे रोकने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. बालू की बोरियों और लकड़ियों के जरिये कटान को रोका जाएगा और गंगा की धारा को मोड़ने की कोशिश की जाएगी. इसके बावजूद अगर कुछ दूसरी कब्रों व शवों को नुकसान पहुंचता है तो उन्हें भी या तो दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा या फिर धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक उनका दाह संस्कार करा दिया जाएगा. अफसरों का दावा है कि शवों का अपमान कतई नहीं होने दिया जाएगा और जल स्तर बढ़ने और मिट्टी के कटान की वजह से नुकसान की आशंका होने पर उन्हें सम्मान पूर्वक या तो दूसरी जगह शिफ्ट कर दफन करा दिया जाएगा या फिर उनका दाह संस्कार करा दिया जाएगा. इसमें धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं का पूरा ख्याल भी रखा जाएगा. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>लोगों को जागरूक किया जा रहा है</strong><br />प्रयागराज रेंज के आईजी कवीन्द्र प्रताप सिंह और जिले के डीएम भानु चंद्र गोस्वामी के मुताबिक़ प्रयागराज और आसपास के कुछ जिलों में शवों को दफनाए जाने की भी पुरानी परंपरा है. यहां इस बार नया कुछ भी नहीं हुआ है. गंगा व दूसरी नदियों में शवों को प्रवाहित करने और धारा से ठीक किनारे दफनाए पर पर पहले भी रोक थी. इस बार भी इस पाबंदी पर पूरी तरह अमल कराया जा रहा है. अफसरों के मुताबिक़ लोगों को यह समझाया जाता है कि वह अपनी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ शवों का अंतिम संस्कार करें, लेकिन इस दौरान केंद्र सरकार और एनजीटी के दिशा निर्देशों का भी पूरी तरह पालन करें. जिले के एसएसपी सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी का कहना है कि शवों को गंगा में प्रवाहित करने और ठीक किनारे दफनाने से रोकने के लिए प्रशासन के साथ ही पुलिस की टीमें भी पूरी तरह मुस्तैद रहती हैं. लोगों को जागरूक करने की भी मुहिम चलाई जा रही है. </p>
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