खतरनाक कीटनाशक ग्लाइफोसेट पर प्रतिबंध की मांग: भारतीय किसान संघ ने कहा- कैंसर समेत कई बीमारियों का कारण, तत्काल बिक्री रोकी जाए – Jabalpur News h3>
भारतीय किसान संघ ने ग्लाइफोसेट कीटनाशक की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र पटेल ने बताया कि जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के वैज्ञानिकों ने मध्यप्रदेश सरकार को इसके दुष्प्रभावों से अ
.
संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2022 को स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण ग्लाइफोसेट पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद इससे बने उत्पादों की बिक्री जारी है।
ग्लाइफोसेट जैव विविधता के लिए खतरनाक है। यह जल, मिट्टी और हवा को प्रदूषित करता है। इससे कैंसर का खतरा बढ़ता है। इसके प्रयोग से दूषित अनाज खाने से कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इनमें प्रजनन संबंधी विकार, न्यूरोटॉक्सिसिटी और इम्यूनोटॉक्सिसिटी शामिल हैं।
इस कीटनाशक के प्रभाव से त्वचा में जलन, सूजन, मुंह और नाक में तकलीफ होती है। साथ ही अप्रिय स्वाद और धुंधली दृष्टि की शिकायत भी सामने आती है। मिश्र ने कहा कि इस तरह के खतरनाक उत्पादों की बिक्री देश के नागरिकों के स्वास्थ्य और पर्यावरण के साथ खिलवाड़ है।
कृषि के इको सिस्टम के लिए भी खतरा
किसान संघ का कहना है कि ग्लाइफोसेट के बने उत्पादों का कृषि क्षेत्र में सभी फसलों पर उपयोग का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। जो कि उत्पादित अनाज की गुणवत्ता व उपयोग करने वाले मनुष्यों के लिये तो गंभीर खतरा है ही, इसके साथ यह भारतीय किसान, खेतों व कृषि क्षेत्र के इको सिस्टम की प्रकृति के संतुलन को भी बिगाड़ रहा है।
35 देशों में ग्लाइफोसेट के इस्तेमाल पर है प्रतिबंध
करीब 35 देशों ने ग्लाइफोसेट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है इनमें श्रीलंका, नीदरलैंड, फ्रांस, कोलंबिया, कनाडा, इजरायल और अर्जेंटीना शामिल हैं। भारत में ग्लाइफोसेट को केवल चाय के बागानों और चाय की फसल के साथ लगे गैर-बागान क्षेत्रों में ही इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है। इस पदार्थ का कहीं और इस्तेमाल करना गैरकानूनी है।