क्रिकेट बैट के डॉक्टर हैं भोपाल के घनश्याम कश्यप | Ghanshyam Kashyap of Bhopal is the doctor of cricket bat | Patrika News

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क्रिकेट बैट के डॉक्टर हैं भोपाल के घनश्याम कश्यप | Ghanshyam Kashyap of Bhopal is the doctor of cricket bat | Patrika News

क्रिकेट बैट के डॉक्टर हैं भोपाल के घनश्याम कश्यप | Ghanshyam Kashyap of Bhopal is the doctor of cricket bat | Patrika News

भोपालPublished: Apr 24, 2023 10:58:29 pm

ग्रीष्म कालीन अवकाश शुरू हो चुके हैं। शहर में दर्जनों समर कैंप चल रहे हैं। कहीं बच्चे क्रिकेट सीख रहे हैं, कहीं हॉकी तो कहीं फुटबाल। क्रिकेट में सबसे ज्यादा इस्तेमाल बैट यानी बल्ले का होता है। इसकी टूट-फूट भी ज्यादा होती है। चूंकि बैट अब काफी महंगा हो गया है, इसलिए हर किसी के बस की बात नहीं है वह महंगा बल्ला खरीदे। इसलिए क्रिकेटर बैट की रिपेयरिंग करवाते हैं। लेकिन बड़ी समस्या यह भी है कि अच्छे मैकेनिक या रिपेयर करने वाले नहीं मिलते। पेश है भोपाल के बैट सर्जन घनश्याम की कहानी-

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Ghanshyam Kashyap

भोपाल. मिलिए घनश्याम कश्यप से। यह खुद को डॉक्टर कहते हैं। २४ घंटे व्यस्त रहने वाले चिकित्सक। लेकिन, ठहरिये। ये इंसानों या जानवरों की नब्ज नहीं देखते। यह तो डॉक्टर हैं लाखों क्रिकेट प्रेमियों के बैट यानी बल्ले के। पेशा जानकर चौक गए ना। घनश्याम कश्यप का काम ही ऐसा है जिसमें चौकना लाजिमी है। कोलार क्षेत्र में बैट रिपेयरिंग और बैट बैलेसिंग को अपना कॅरियर बनाने वाले घनश्याम की वर्कशाप बैट से भरी रहती है। इनकी वर्कशाप में देश के नामी-गिरामी क्रिकेटरों से लेकर मप्र क्रिकेट अकादमी के खिलाडिय़ों के नए और पुराने बल्ले रिपेयरिंग और बैलेसिंग के लिए आते हैं। अब तो घनश्याम के पास बिहार रणजी टीम, यूपी और छत्तीसगढ़ से भी काम आ रहा है।
बन गया रिकॉर्ड
घनश्याम कश्यप के नाम एक रिकॉर्ड है। वह 2015 से अब तक 10 हजार से ज्यादा बैट की रिपेयरिंग और बैलेंसिंग कर चुके हैं
सुधार चुके इनका बैट
-रोहित शर्मा, कुणाल पंड्या और रविंद्र जडेजा, रजत पाटीदार, ईश्वर पांडेय, नीतीश राणा और वेंकटेश अय्यर।
-मप्र रबिहार, छत्तीसगढ़ की क्रिकेट टीम के खिलाड़ी
भोपाल क्रिकेट डिविजन के खिलाड़ी
घनश्याम कश्यप भोपाल क्रिकेट डिवीजन के खिलाड़ी रह चुके हैं। बचपन से ही इन्हें क्रिकेट से लगाव था। अंडर-18 टीम के संभावित खिलाडिय़ों की लिस्ट में इनका नाम भी था। लेकिन एकाएक लगी चोट की वजह से क्रिकेटर बनने का सपना अधूरा रह गया। इसके बाद अपने पैशन को पूरा करने के लिए घनश्याम कश्यप ने बैट रिपेयरिंग और बैलेंसिंग को कॅरियर बना लिया।
नए बैट की करते हैं बैलेसिंग
घनश्याम बैट रिपेयरिंग के अलावा नए बैट की बैलेंसिंग भी करते हैं। वह बताते हैं कि अक्सर बैट के शोल्डर फैक्चर हो जाते हैं। कुछ का हत्था खराब हो जाता है। कुछ की बैलेंसिंग ठीक नहीं होती। इसे वह अपने वर्कशाप में रिपेयर करते हैं।
तीन तरह की बैट बैलेंसिंग
घनश्याम के अनुसार क्रिकेट प्लेयर के बैट का वजन बहुत महत्वपूर्ण होता है। बैट में लो-प्रोफाइल, मिड-प्रोफाइल और हाई-प्रोफाइल बैलेंसिंग करनी होती है। खिलाड़ी की हाइट उसकी खेलने की विधि आदि के हिसाब से बैलेंसिंग के एरिए का निर्धारण करने की मेजरमेंट ली जाती है। फिर उसकी बैलेंसिंग करते हैँ।
बना रहे इंग्लिश विलो बैट
जूनियर खिलाडिय़ों के लिए यह इंग्लिश विलो की लकड़ी से पेशेवर क्रिकेट के बल्ले बना रहे हैं। यह एकमात्र ऐसी लकड़ी है जो क्रिकेट की गेंद के लिए आवश्यक शक्ति और संपीडऩ प्रदान करती है। औसतन इस लकड़ी से बने बैट की क़ीमत 4000 से 8000 रुपये होती है. इस लकड़ी से बना सबसे महंगा बैट ग्रे निकोलस लीजेंड है। जिसकी क़ीमत करीब एक लाख रुपए है। गौरतलब है कि भारत में ज्यादातर कश्मीर विलो के क्रिकेट ज्याद बिकते हैं।

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