क्रिकेटर कुलदीप यादव ने किया कोचिंग स्टूडेंट्स को मोटिवेट: देशभर से आए टॉपर्स को 70 लाख से अधिक के कैश रिवॉर्ड व उपहार कोचिंग की ओर से दिए – Kota News

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क्रिकेटर कुलदीप यादव ने किया कोचिंग स्टूडेंट्स को मोटिवेट:  देशभर से आए टॉपर्स को 70 लाख से अधिक के कैश रिवॉर्ड व उपहार कोचिंग की ओर से दिए – Kota News

क्रिकेटर कुलदीप यादव ने किया कोचिंग स्टूडेंट्स को मोटिवेट: देशभर से आए टॉपर्स को 70 लाख से अधिक के कैश रिवॉर्ड व उपहार कोचिंग की ओर से दिए – Kota News

कोटा में कोचिंग इंस्टीट्यूट की ओर से चैम्पियंस-डे आयोजित किया गया। यहां अकेडमिक उपलब्धियों के साथ अन्य क्षेत्रों में भी श्रेष्ठ करने वाले कक्षा 3 से 10 तक के स्टूडेंट्स को गोल्ड व सिल्वर मैडल, कैश रिवार्ड व उपहार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में

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कोटा में तो कॅरियर बनते हैं

कार्यक्रम में शामिल हुए इंडियन क्रिकेटर कुलदीप यादव ने कहा कि 13 साल पहले रणजी खेलने कोटा आया था। इसके बाद अब आ रहा हूं लेकिन कोटा के बारे में सुना बहुत है। कोटा कॅरियर बनाता है। यहां से पढ़े डॉक्टर, इंजीनियर पूरे देश-दुनिया में हैं। बातचीत में कुलदीप यादव ने कहा कि सफल होने से ज्यादा अच्छा इंसान होना जरूरी है। आपके मन में सामने वाले के लिए सम्मान होना चाहिए। मैं सभी को सम्मान देने की कोशिश करता हूं। स्टूडेंट्स को मेरा मैसेज रहता है कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। जमकर मेहनत करते रहें फल मिलेगा ही। फेल्योर से घबराना नहीं है। मैंने 11 वर्ष की उम्र में खेलना शुरू किया, कई बार फेल हुआ। पहले फुटबॉल खेलता था, इंजरी हुई तो चाचा जी ने मुझे क्रिकेट खेलने की सलाह दी। इसके बाद बहुत कठिन सफर रहा तब जाकर क्रिकेटर बन सका।

जीवन में कोच की भुमिका बहुत अहम होती है। यदि लक्ष्य बड़ा है तो कम उम्र से कोचिंग शुरू होनी चाहिए। मेरे क्रिकेट कॅरियर में कोच की भूमिका बहुत बड़ी है। वो मेरा कॅरियर बनाने के लिए जुनूनी थी, हर जगह मेरे साथ रहते थे। मुझे गलत करने से रोकते थे। मैं मानता हूं कि हमें हमेशा सीखने के लिए तत्पर रहना चाहिए। एक मोटिवेटर या सपोटर नहीं होता हर कदम पर आप किसी से भी सीख सकते हैं। ये आप पर निर्भर करता है।

लाखों के उपहार

क्लास के टॉपर को 15 ग्राम का गोल्ड मैडल तथा कक्षा 3 से 7 तक के टॉपर को 1 लाख रुपए नकद एवं 8 से 10 तक के टॉपर को 2 लाख रुपए कैश रिवार्ड के साथ गिफ्ट बैग का पुरस्कार दिया गया। इसी तरह रैंक-2 पर रहने वाले स्टूडेंट्स को 10 ग्राम का गोल्ड मैडल कक्षा 3 से 7 तक को 75 हजार रुपए कैश रिवार्ड एवं 8 से 10 तक के स्टूडेंट्स को 1.50 लाख रुपए का कैश रिवार्ड दिया गया। रैंक-3 पर रहने वाले स्टूडेंट्स को 5 ग्राम का गोल्ड मैडल कक्षा 3 से 7 को 50 हजार रुपए का कैश रिवार्ड तथा 8 से 10 तक को 1 लाख रुपए का कैश रिवार्ड दिया गया। इसी तरह रैंक 4 से 10 तक के स्टूडेंट्स को भी सिल्वर मैडल, कैश रिवॉर्ड और गिफ्ट बैग उपहार में दिए गए।

ऐसे चुने जाते हैं चैम्पियन

मेधावी स्टूडेंट्स को उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड के आधार पर टॉप-10 के रूप में चुना जाता है। इन सभी स्टूडेंट्स को चैम्पियंस-डे पर कोटा बुलाया जाता है। यहां विभिन्न शैक्षणिक व सहशैक्षणिक गतिविधियां आयोजित की जाती है। शैक्षणिक गतिविधियों के अलावा एप्टीट्यूड, स्किल, कॉन्फीडेंस, लीडरशिप क्षमता, एक्सपोजर, लैंग्वेज क्षमता व विभिन्न स्किल्स इन गतिविधियों के माध्यम से जांची जाती है। इसके आधार रैंक दी जाती है और चैम्पियंस घोषित किया जाता है। इस दौरान कोचिंग के निदेशक डॉ.गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी व डॉ.बृजेश माहेश्वरी मौजूद रहे।

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