क्या Rajya Sabha Election में जीत के लिए Gehlot सरकार कर रही BJP विधायकों की जासूसी? | Rajya Sabha Election Rajasthan 4 seats BJP Congress Latest Updates | Patrika News h3>
इस बीच राज्यसभा चुनाव की 10 जून की तारीख नज़दीक आने के साथ ही कांग्रेस और भाजपा खेमों में हर एक दिन और हर एक पल भारी पड़ता दिख रहा है। दोनों ही दल अपने-अपने विधायकों की बाड़ाबंदी पर तो फोकस कर ही रहे हैं, बल्कि अन्य राजनितिक दलों और निर्दलीय विधायकों को भी साधने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
भाजपा विधायकों की हो रही ‘जासूसी’!
मिशन राज्यसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस और समर्थित विधायकों की उदयपुर में बाड़ाबंदी चल रही है। इस बीच भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पार्टी पर सरकारी तंत्र की मदद से उनकी जासूसी करने का आरोप लगाया है। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने शुक्रवार को जयपुर स्थित आवास की पुलिस निगरानी पर सवाल उठाए। दिलावर ने कहा कि उनके सहित कई विधायकों की पुलिस ने जासूसी करना शुरू कर दिया है। दिलावर के इस बात पर पुलिसकर्मियों से उलझते हुए का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
राज्यसभा हारने का खौफ क्या होता है अगर देखना है तो पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री जी का रवैया देख लीजिए! @ashokgehlot51 साहब पुलिस को विधायकों की जासूसी के बजाय अगर कानून व्यवस्था को दुरुस्त कराने हेतु लगाया होता तो आज प्रदेश अपराध की श्रेणी में शीर्ष पर नहीं होता! pic.twitter.com/hCPEzojjnn
— Madan Dilawar (@madandilawar) June 3, 2022
ये देखिए सरकार की तानाशाही और राज्य सभा में आसन्न हार की बौखलाहट, अब सुरक्षा के नाम पर विधायकों की जासूसी और घेराबंदी!!
प्रलोभन, आवंटन, पुरानी फ़ाइल, उपकार, उपहार और जाने क्या क्या; चुनाव परिणाम कुछ भी हो लेकिन आपकी नैतिक पराजय हो चुकी मुख्यमंत्री जी। pic.twitter.com/y5dW2DKZOt— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) June 3, 2022
नतीजों से पहले सीएम की नैतिक पराजय: डॉ पूनिया
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने भी विधायकों की पुलिस निगरानी बढ़ाए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने विधायक दिलावर के पुलिस से उलझते हुए का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘ये देखिए सरकार की तानाशाही और राज्य सभा में आसन्न हार की बौखलाहट। अब सुरक्षा के नाम पर विधायकों की जासूसी और घेराबंदी। प्रलोभन, आवंटन, पुरानी फ़ाइल, उपकार, उपहार और जाने क्या क्या? चुनाव परिणाम कुछ भी हों, लेकिन आपकी नैतिक पराजय हो चुकी मुख्यमंत्री जी।”
क्या ‘सेंधमारी’ कर पाएगी भाजपा?
चार में से एक सीट पर ‘सेफ’ भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी की सीट निकालने की है। विधायकों के संख्याबल की गणित के लिहाज़ से समर्थित प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए अतिरिक्त 11 वोटों की दरकार है, जिसकी भरपाई अन्य दलों या निर्दलीय विधायकों के साथ ही कांग्रेस पार्टी के नाराज़ चल रहे विधायकों में सेंधमारी से ही हो सकती है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या ”चुनावी रणनीतिकारों” से लैस भाजपा इस चुनौती को पार करके समर्थित प्रत्याशी को भी जीता पाएगी?
चौथी सीट पर जीत के प्रति आश्वस्त भाजपा
समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ सुभाष चंद्रा के लिए चौथी सीट निकाल पाने में भले ही भाजपा को पसीना आ सकता है, लेकिन खुद प्रत्याशी डॉ चंद्रा और पार्टी के वरिष्ठ नेता जीत के प्रति आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। प्रत्याशी डॉ चंद्रा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया दावा कर रहे हैं कि अन्य दलों के साथ ही कई निर्दलीय विधायक उनके संपर्क में हैं जो उनके पक्ष में वोट करेंगे।
इस बीच राज्यसभा चुनाव की 10 जून की तारीख नज़दीक आने के साथ ही कांग्रेस और भाजपा खेमों में हर एक दिन और हर एक पल भारी पड़ता दिख रहा है। दोनों ही दल अपने-अपने विधायकों की बाड़ाबंदी पर तो फोकस कर ही रहे हैं, बल्कि अन्य राजनितिक दलों और निर्दलीय विधायकों को भी साधने की कोशिशों में जुटे हुए हैं।
भाजपा विधायकों की हो रही ‘जासूसी’!
मिशन राज्यसभा चुनाव के मद्देनज़र कांग्रेस और समर्थित विधायकों की उदयपुर में बाड़ाबंदी चल रही है। इस बीच भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पार्टी पर सरकारी तंत्र की मदद से उनकी जासूसी करने का आरोप लगाया है। भाजपा विधायक मदन दिलावर ने शुक्रवार को जयपुर स्थित आवास की पुलिस निगरानी पर सवाल उठाए। दिलावर ने कहा कि उनके सहित कई विधायकों की पुलिस ने जासूसी करना शुरू कर दिया है। दिलावर के इस बात पर पुलिसकर्मियों से उलझते हुए का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
राज्यसभा हारने का खौफ क्या होता है अगर देखना है तो पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री जी का रवैया देख लीजिए! @ashokgehlot51 साहब पुलिस को विधायकों की जासूसी के बजाय अगर कानून व्यवस्था को दुरुस्त कराने हेतु लगाया होता तो आज प्रदेश अपराध की श्रेणी में शीर्ष पर नहीं होता! pic.twitter.com/hCPEzojjnn
— Madan Dilawar (@madandilawar) June 3, 2022
ये देखिए सरकार की तानाशाही और राज्य सभा में आसन्न हार की बौखलाहट, अब सुरक्षा के नाम पर विधायकों की जासूसी और घेराबंदी!!
प्रलोभन, आवंटन, पुरानी फ़ाइल, उपकार, उपहार और जाने क्या क्या; चुनाव परिणाम कुछ भी हो लेकिन आपकी नैतिक पराजय हो चुकी मुख्यमंत्री जी। pic.twitter.com/y5dW2DKZOt— Satish Poonia (@DrSatishPoonia) June 3, 2022
नतीजों से पहले सीएम की नैतिक पराजय: डॉ पूनिया
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने भी विधायकों की पुलिस निगरानी बढ़ाए जाने को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने विधायक दिलावर के पुलिस से उलझते हुए का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, ‘ये देखिए सरकार की तानाशाही और राज्य सभा में आसन्न हार की बौखलाहट। अब सुरक्षा के नाम पर विधायकों की जासूसी और घेराबंदी। प्रलोभन, आवंटन, पुरानी फ़ाइल, उपकार, उपहार और जाने क्या क्या? चुनाव परिणाम कुछ भी हों, लेकिन आपकी नैतिक पराजय हो चुकी मुख्यमंत्री जी।”
क्या ‘सेंधमारी’ कर पाएगी भाजपा?
चार में से एक सीट पर ‘सेफ’ भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी की सीट निकालने की है। विधायकों के संख्याबल की गणित के लिहाज़ से समर्थित प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए अतिरिक्त 11 वोटों की दरकार है, जिसकी भरपाई अन्य दलों या निर्दलीय विधायकों के साथ ही कांग्रेस पार्टी के नाराज़ चल रहे विधायकों में सेंधमारी से ही हो सकती है। ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या ”चुनावी रणनीतिकारों” से लैस भाजपा इस चुनौती को पार करके समर्थित प्रत्याशी को भी जीता पाएगी?
चौथी सीट पर जीत के प्रति आश्वस्त भाजपा
समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी डॉ सुभाष चंद्रा के लिए चौथी सीट निकाल पाने में भले ही भाजपा को पसीना आ सकता है, लेकिन खुद प्रत्याशी डॉ चंद्रा और पार्टी के वरिष्ठ नेता जीत के प्रति आश्वस्त दिखाई दे रहे हैं। प्रत्याशी डॉ चंद्रा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया दावा कर रहे हैं कि अन्य दलों के साथ ही कई निर्दलीय विधायक उनके संपर्क में हैं जो उनके पक्ष में वोट करेंगे।