क्या ‘दीदी ओ दीदी’ ने बिगाड़ा मोदी का खेल? जानें- कैसे अकेले ही पूरे भगवा खेमे पर भारी पड़ीं ममता बनर्जी h3>
हाइलाइट्स:
- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी धमाकेदार जीत की ओर
- अखिलेश यादव और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी जीत की बधाई
- विश्लेषकों की राय, मोदी को ‘दीदी ओ दीदी’ तंज का हुआ नुकसान
- मोदी शुरुआत से ही अपनी रैलियों में इस तंज का इस्तेमाल करते रहे
कोलकाता
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West bengal election result) के परिणाम आने लगे हैं। रुझानों में ममता बनर्जी (Mamata banerjee news) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को धमाकेदार बहुमत मिल गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तो ममता बनर्जी को बंगाल जीत की बधाई तक दे दी है। इस बीच चर्चा इस बात की भी है कि इतना दमखम दिखाने के बाद भी बीजेपी आखिर क्यों 100 का आंकड़ा भी नहीं क्रॉस पर पाई। जो पार्टी पूरे आत्मविश्वास के साथ ‘2 मई, दीदी गई’ का नारा दे रही थी, उसके नेता शर्मनाक हार पर अब कुछ बोलने से क्यों बच रहे हैं। चुनाव में हार के लिए बीजेपी के खिलाफ कई फैक्टर्स को वजह माना जा रहा है, उन्हीं में से एक ‘दीदी ओ दीदी’ का नारा भी है।
‘दीदी ओ दीदी बोलने वाला दादा कहां गया?’
रविवार को पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम के रुझान टीएमसी के पक्ष में जाने के साथ ही ट्विटर पर #दीदी_ओ_दीदी ट्रेंड कर रहा था। टीएमसी सांसद काकोली दास्तीदार ने लिखा, ‘दीदी ओ दीदी बोलने वाला दादा कहां गया? दादागिरी नहीं चलेगा यार। जय बांग्ला…’ काकोली अकेली नहीं है, कई विश्लेषक ‘दीदी ओ दीदी’ को बीजेपी की हार की एक बड़ी वजह मान रहे हैं।
अखिलेश यादव ने लिखा- दीदी जिओ दीदी
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ममता बनर्जी को जीत की बधाई देते हुए बीजेपी पर तंज कसा है। अखिलेश ने लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में बीजेपी की नफरत की राजनीति को हराने वाली जागरुक जनता, जुझारू सुश्री ममता बनर्जी जी और टीएमसी के समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई! ये भाजपाइयों के एक महिला पर किए गए अपमानजनक कटाक्ष ‘दीदी ओ दीदी’ का जनता द्वारा दिया गया मुँहतोड़ जवाब है। #दीदी_जिओ_दीदी’
‘ममता पर व्यक्तिगत हमलों का बीजेपी को हुआ नुकसान‘
वरिष्ठ पत्रकार और बंगाल की राजनीति को करीब से जानने वाले नीरेंद्र नागर ने कहा, ‘निश्चित तौर पर बीजेपी को ‘दीदी ओ दीदी’ जैसे ममता बनर्जी को चिढ़ाने वाले नारों का नुकसान हुआ। ज्यादा विस्तार से कहें तो बीजेपी को ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत हमले करने का नुकसान हुआ। ममता बीजेपी को शुरुआत से बाहरी बताती रहीं और अपने ऊपर हुए हमलों को बंगाली अस्मिता से जोड़ दिया।’
‘ममता सरकार के भ्रष्टाचार पर ही फोकस रखते तो बेहतर था’
उन्होंने कहा, ‘बीजेपी अगर तोलाबाजी, कटमनी और उनकी पार्टी के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर ही चुनाव लड़ती तो शायद इससे ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर पाती। मगर ममता बनर्जी और उनके परिवार की बहू-बेटियों (अभिषेक बनर्जी की पत्नी से केंद्रीय एजेंसियों की पूछताछ) को निशाना बनाना बीजेपी को भारी पड़ा।’
मोदी-शाह समेत सबने ‘बंगाल विजय’ के लिए झोंकी थी पूरी ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं ने बंगाल विजय के लिए पूरी ताकत झोंक दी। बीजेपी के बड़े नेता अपनी रैलियों और रोडशो में दावा करते रहे कि बीजेपी आसानी से 200 का आंकड़ा पार कर जाएगी और बंगाल में करीब 2 तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी बंगाल में खूब मेहनत की और 20 बड़ी रैलियां कीं। पीएम मोदी अपनी रैलियों में ममता बनर्जी पर ‘दीदी ओ दीदी’ कहकर तंज कसते थे। मोदी के इस तंज पर शुरुआत से ही काफी विवाद रहा था।
हाइलाइट्स:
- पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी धमाकेदार जीत की ओर
- अखिलेश यादव और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी जीत की बधाई
- विश्लेषकों की राय, मोदी को ‘दीदी ओ दीदी’ तंज का हुआ नुकसान
- मोदी शुरुआत से ही अपनी रैलियों में इस तंज का इस्तेमाल करते रहे
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West bengal election result) के परिणाम आने लगे हैं। रुझानों में ममता बनर्जी (Mamata banerjee news) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को धमाकेदार बहुमत मिल गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तो ममता बनर्जी को बंगाल जीत की बधाई तक दे दी है। इस बीच चर्चा इस बात की भी है कि इतना दमखम दिखाने के बाद भी बीजेपी आखिर क्यों 100 का आंकड़ा भी नहीं क्रॉस पर पाई। जो पार्टी पूरे आत्मविश्वास के साथ ‘2 मई, दीदी गई’ का नारा दे रही थी, उसके नेता शर्मनाक हार पर अब कुछ बोलने से क्यों बच रहे हैं। चुनाव में हार के लिए बीजेपी के खिलाफ कई फैक्टर्स को वजह माना जा रहा है, उन्हीं में से एक ‘दीदी ओ दीदी’ का नारा भी है।
‘दीदी ओ दीदी बोलने वाला दादा कहां गया?’
रविवार को पश्चिम बंगाल चुनाव परिणाम के रुझान टीएमसी के पक्ष में जाने के साथ ही ट्विटर पर #दीदी_ओ_दीदी ट्रेंड कर रहा था। टीएमसी सांसद काकोली दास्तीदार ने लिखा, ‘दीदी ओ दीदी बोलने वाला दादा कहां गया? दादागिरी नहीं चलेगा यार। जय बांग्ला…’ काकोली अकेली नहीं है, कई विश्लेषक ‘दीदी ओ दीदी’ को बीजेपी की हार की एक बड़ी वजह मान रहे हैं।
अखिलेश यादव ने लिखा- दीदी जिओ दीदी
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ममता बनर्जी को जीत की बधाई देते हुए बीजेपी पर तंज कसा है। अखिलेश ने लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में बीजेपी की नफरत की राजनीति को हराने वाली जागरुक जनता, जुझारू सुश्री ममता बनर्जी जी और टीएमसी के समर्पित नेताओं और कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई! ये भाजपाइयों के एक महिला पर किए गए अपमानजनक कटाक्ष ‘दीदी ओ दीदी’ का जनता द्वारा दिया गया मुँहतोड़ जवाब है। #दीदी_जिओ_दीदी’
‘ममता पर व्यक्तिगत हमलों का बीजेपी को हुआ नुकसान‘
वरिष्ठ पत्रकार और बंगाल की राजनीति को करीब से जानने वाले नीरेंद्र नागर ने कहा, ‘निश्चित तौर पर बीजेपी को ‘दीदी ओ दीदी’ जैसे ममता बनर्जी को चिढ़ाने वाले नारों का नुकसान हुआ। ज्यादा विस्तार से कहें तो बीजेपी को ममता बनर्जी पर व्यक्तिगत हमले करने का नुकसान हुआ। ममता बीजेपी को शुरुआत से बाहरी बताती रहीं और अपने ऊपर हुए हमलों को बंगाली अस्मिता से जोड़ दिया।’
‘ममता सरकार के भ्रष्टाचार पर ही फोकस रखते तो बेहतर था’
उन्होंने कहा, ‘बीजेपी अगर तोलाबाजी, कटमनी और उनकी पार्टी के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर ही चुनाव लड़ती तो शायद इससे ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर पाती। मगर ममता बनर्जी और उनके परिवार की बहू-बेटियों (अभिषेक बनर्जी की पत्नी से केंद्रीय एजेंसियों की पूछताछ) को निशाना बनाना बीजेपी को भारी पड़ा।’
मोदी-शाह समेत सबने ‘बंगाल विजय’ के लिए झोंकी थी पूरी ताकत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के कई बड़े नेताओं ने बंगाल विजय के लिए पूरी ताकत झोंक दी। बीजेपी के बड़े नेता अपनी रैलियों और रोडशो में दावा करते रहे कि बीजेपी आसानी से 200 का आंकड़ा पार कर जाएगी और बंगाल में करीब 2 तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी बंगाल में खूब मेहनत की और 20 बड़ी रैलियां कीं। पीएम मोदी अपनी रैलियों में ममता बनर्जी पर ‘दीदी ओ दीदी’ कहकर तंज कसते थे। मोदी के इस तंज पर शुरुआत से ही काफी विवाद रहा था।