कोविड के बाद जीवन पटरी पर लौटा तो राजस्थान में आया ये बड़ा संकट, सरकार को करनी पड़ी अपील | RAJASTHAN POWER CRISIS POWER CUTS START | Patrika News h3>
बतादें कि आगामी दिनों में संकट बरकरार रहेगा और डिमांड बढ़ने का आंकलन भी किया जा रहा है। विद्युत व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही, जिसके चलते ऊर्जा विभाग में जिम्मेदार पदों पर बैठ अधिकािरियों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। इस बीच बिजली कटौती के निर्णय से पहले ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को बिजली कटौती का कदम उठाने से पहले विधायकों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा भी करनी पड़ी।
हालांकि राजस्थान में बिजली संकट कोई नया मामला नहीं है। पिछले दो साल के भीतर कई बार यह संकट खड़ा हुआ और प्रदेश की जनता को पसीना-पसीना होना पड़ा। पिछले साल तो कोयला संकट ने भी सरकार की सांसे फूला दी। अब कोयला और बिजली संकट के बीच सरकारी अनदेखी के कारण जनता अंधेरे में जीने को मजबूर है।
ALSO READ: Rajasthan Power Crisis : सरकारी कार्यालयों में बिजली को लेकर जारी किए अब नए निर्देश… देखिए Video गांवों की बात तो दूर रही, राजधानी जयपुर सहित अन्य शहरों में भी भीषण गर्मी में जमकर घोषित व अघोषित कटौती की जा रही है। सरकार एक से 6 घंटे तक कटौती का दावा कर रही है, लेकिन प्रदेश के कई गांवों में 10 घंटे तक जनता को बिजली नसीब नहीं हो रही है। सैकड़ों गांव रोजाना अधंरे रात गुजारने को मजबूर हो रहे है। दिन की बात करें तो कटौती का असर भी गांवों पर ज्यादा दिखाई दे रहा है।
सरकार ने स्वीकारा, पिछले साल की तुलना में बढ़ी मांग
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी भी स्वीकार चुके हैं कि प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 480 लाख यूनिट बिजली की कमी है। दिन के 24 घंटों में 15-15 मिनट के ब्लाॅक्स में यह कमी 500 मेगावाट से 3000 मेगावाट के मध्य रहती है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रेल में बिजली की मांग में करीब 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही पीक डिमांड भी 22 प्रतिशत बढ़कर 14200 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस माह बिजली की खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुकी है।
औद्योगिक इकाइयों को आज मात्र 14 घंटे बिजली
बिजली संकट के बीच बिजली कंपनियों की ओर से आखा तीज के अबूझ सावे के साथ ईद पर मंगलवार को प्रदेश के सभी औद्योगिक इकाइयों को केवल रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक और सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके अतिरिक्त सांय 6 बजे से रात्रि 12 बजे तक उद्योगों को बिजली आपूर्ति बन्द रहेगी। इसमें लघु, मध्यम और वृहद तीनों श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को शामिल किया गया है। उधर, औद्याेगिक इकाईयों में निर्धारित समय (शाम 6 से रात 10 बजे तक) पर बिजली उपभोग कम करने के निर्देश की पालना कराने के लिए अब बिजली कर्मचारी मौके पर जाएंगे।
ALSO READ: राजस्थान : अब रात भर जागेंगे ‘धरती पुत्र’! जानें क्या है गहलोत सरकार की नई व्यवस्था? ये हैं औद्यागिक श्रेणी के उपभोक्ता…
लघु औद्योगिक उपभोक्ता— 1.31 लाख
मध्यम औद्योगिक उपभोक्ता— 34 हजार
वृहद औद्योगिक उपभोक्ता— 12 हजार
कृषि उपभोक्ता को बिजली आपूर्ति में बदलाव
कृषि उपभोक्ताओं को कृषि कार्य के लिए दिन के एक ब्लॉक को रात में शिफ्ट किया गया। वहीं, अब 4 घंटे के 3 ब्लाॅक बांट दिए गए। तीन ब्लॉक में ही बिजली आपूर्ती की जा रही है। इसमें रात 2 बजे से सुबह 6 बजे तक, सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक और अपरान्ह 12 बजे से शाम 4 बजे तक बिजली आपूर्ती की जा रही है।
सरकार ने गिनाए कारण
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रव्यापी घरेलू कोयले के संकट और आयातित कोयले की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के चलते विद्युत की उपलब्धता में कमी आई है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार 173 कोयला आधारित विद्युत गृहों में से 8 बंद हैं। देश के 98 कोयला आधारित विद्युत गृहों में कोयला भंडारण निर्धारित मात्रा का 25 प्रतिशत से भी कम है और यह सभी विद्युत गृह कोयला भंडारण के हिसाब से क्रिटिकल लेवल पर है।
यूं की गई बिजली कटौती
— संभाग मुख्यालयों पर एक घंटा
— जिला मुख्यालयों पर दो घंटा बिजली कटौती
— कस्बों व 5 हजार आबादी वाले शहरों में 3 घंटे बिजली कटौती
— गांवों में 5 से 6 घंटे होगी बिजली कटौती
— राजधानी जयपुर सहित जोधपुर, अजमेर में सुबह 7 से 8 बजे तक कटौती तय
— कोटा, भरतपुर, बीकानेर, उदयपुर में सुबह 8 से 9 बजे तक बिजली कटौती
बतादें कि आगामी दिनों में संकट बरकरार रहेगा और डिमांड बढ़ने का आंकलन भी किया जा रहा है। विद्युत व्यवस्था पटरी पर नहीं आ रही, जिसके चलते ऊर्जा विभाग में जिम्मेदार पदों पर बैठ अधिकािरियों के हाथ-पांव फूले हुए हैं। इस बीच बिजली कटौती के निर्णय से पहले ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी को बिजली कटौती का कदम उठाने से पहले विधायकों और जनप्रतिनिधियों से चर्चा भी करनी पड़ी।
हालांकि राजस्थान में बिजली संकट कोई नया मामला नहीं है। पिछले दो साल के भीतर कई बार यह संकट खड़ा हुआ और प्रदेश की जनता को पसीना-पसीना होना पड़ा। पिछले साल तो कोयला संकट ने भी सरकार की सांसे फूला दी। अब कोयला और बिजली संकट के बीच सरकारी अनदेखी के कारण जनता अंधेरे में जीने को मजबूर है।
सरकार ने स्वीकारा, पिछले साल की तुलना में बढ़ी मांग
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी भी स्वीकार चुके हैं कि प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 480 लाख यूनिट बिजली की कमी है। दिन के 24 घंटों में 15-15 मिनट के ब्लाॅक्स में यह कमी 500 मेगावाट से 3000 मेगावाट के मध्य रहती है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अप्रेल में बिजली की मांग में करीब 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही पीक डिमांड भी 22 प्रतिशत बढ़कर 14200 मेगावाट तक पहुंच गई है। इस माह बिजली की खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुकी है।
औद्योगिक इकाइयों को आज मात्र 14 घंटे बिजली
बिजली संकट के बीच बिजली कंपनियों की ओर से आखा तीज के अबूझ सावे के साथ ईद पर मंगलवार को प्रदेश के सभी औद्योगिक इकाइयों को केवल रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक और सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक बिजली आपूर्ति की जाएगी। इसके अतिरिक्त सांय 6 बजे से रात्रि 12 बजे तक उद्योगों को बिजली आपूर्ति बन्द रहेगी। इसमें लघु, मध्यम और वृहद तीनों श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को शामिल किया गया है। उधर, औद्याेगिक इकाईयों में निर्धारित समय (शाम 6 से रात 10 बजे तक) पर बिजली उपभोग कम करने के निर्देश की पालना कराने के लिए अब बिजली कर्मचारी मौके पर जाएंगे।
लघु औद्योगिक उपभोक्ता— 1.31 लाख
मध्यम औद्योगिक उपभोक्ता— 34 हजार
वृहद औद्योगिक उपभोक्ता— 12 हजार
कृषि उपभोक्ता को बिजली आपूर्ति में बदलाव
कृषि उपभोक्ताओं को कृषि कार्य के लिए दिन के एक ब्लॉक को रात में शिफ्ट किया गया। वहीं, अब 4 घंटे के 3 ब्लाॅक बांट दिए गए। तीन ब्लॉक में ही बिजली आपूर्ती की जा रही है। इसमें रात 2 बजे से सुबह 6 बजे तक, सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक और अपरान्ह 12 बजे से शाम 4 बजे तक बिजली आपूर्ती की जा रही है।
सरकार ने गिनाए कारण
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वर्तमान में राष्ट्रव्यापी घरेलू कोयले के संकट और आयातित कोयले की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि के चलते विद्युत की उपलब्धता में कमी आई है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार 173 कोयला आधारित विद्युत गृहों में से 8 बंद हैं। देश के 98 कोयला आधारित विद्युत गृहों में कोयला भंडारण निर्धारित मात्रा का 25 प्रतिशत से भी कम है और यह सभी विद्युत गृह कोयला भंडारण के हिसाब से क्रिटिकल लेवल पर है।
यूं की गई बिजली कटौती
— संभाग मुख्यालयों पर एक घंटा
— जिला मुख्यालयों पर दो घंटा बिजली कटौती
— कस्बों व 5 हजार आबादी वाले शहरों में 3 घंटे बिजली कटौती
— गांवों में 5 से 6 घंटे होगी बिजली कटौती
— राजधानी जयपुर सहित जोधपुर, अजमेर में सुबह 7 से 8 बजे तक कटौती तय
— कोटा, भरतपुर, बीकानेर, उदयपुर में सुबह 8 से 9 बजे तक बिजली कटौती