कोरोना की तीसरी लहर का डर… सरकार ने कहा- अगले 100 दिन ठीक-ठाक निकल गए तो मानो जीत गए जंग h3>
नई दिल्ली
कोरोना के लिहाज से अगले 100 दिन बेहद अहम हैं। तीसरी लहर की आशंका के बीच सरकार ने आगाह करते हुए यह बात कही है। उसने बताया है कि कई देशों में हालात बद से बदतर हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तीसरी लहर की आशंका पर चिंता जता चुके हैं। बड़ी आबादी को वायरस से संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है। ‘हर्ड इम्यूनिटी’ अभी दूर की कौड़ी है।
नीति आयोग के सदस्य (हेल्थ) डॉ वीके पॉल ने शुक्रवार को कहा कि हाल में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने कोरोना की महामारी पर चेतावनी जारी की थी। यह विश्व में कोरोना के हालात को लेकर थी। इसमें तीसरी लहर के असर का डर साफ दिखता है।
पॉल ने बताया कि डब्लूएचओ के नॉर्थ और साउथ अमेरिकी क्षेत्र को छोड़ अन्य सभी डब्लूएचओ क्षेत्र में हालात अच्छे से खराब और बद से बदतर की तरफ बढ़ रहे हैं। दुनिया तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है। यही सच है।
हेल्थ मिनिस्टी ने बताया है कि स्पेन में वीकली कोविड केस में 64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, नीदरलैंड में कोरोना के मामलों में 300 फीसदी का उछाल आया है। थाइलैंड में लंबे समय तक स्थिति काबू में रहने के बाद अब वहां भी मामलों में बढ़ोतरी हुई है। अफ्रीका में भी कोविड-19 के केस 50 फीसदी बढ़े हैं। म्यांमार, मलेशिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश में अचानक उछाल आया है।
नहीं टला है खतरा…
वीके पॉल ने कहा है कि कोरोना का खतरा टला नहीं है। लोगों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है। पॉल बोले, ‘हम अभी हर्ड इम्यूनिटी की स्टेज पर नहीं पहुंचे हैं। हमारी आबादी पर खतरा बना हुआ है। हमने वैक्सीनेशन के मोर्चे पर प्रगति की है। जिन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है, उनमें से कम से कम 50 फीसदी का वैक्सीनेशन हो गया है। स्थिति काबू में है। इसे हमें बनाकर रखना है।’ पॉल ने कहा कि भारत में तीसरी लहर आई या नहीं, यह समझने के लिए अगले 100 दिन अहम होंगे।
हो चुका है तीसरी लहर के आने का दावा
हैदराबाद के टॉप भौतिक विज्ञानियों में से एक डॉ विपिन श्रीवास्तव ने हाल में दावा किया था कि अनुमान है कि 4 जुलाई को ही तीसरी लहर आ चुकी है। पिछले 15 महीनों के संक्रमण के आंकड़ों और डेथ रेट (मृत्यु दर) के विश्लेषण के आधार पर उन्होंने यह बात कही थी।
सरकार करती रही है आगाह
सरकार लगातार लोगों से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोरोना सम्मत व्यवहार) रखने की अपील करती रही है। हाल के दिनों में पर्यटन स्थलों और हिल स्टेशनों पर जुट रही भीड़ पर उसने चिंता जताई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कहता रहा है कि लोगों को अभी सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना खत्म नहीं हुआ है।
वेव की इंटेंसिटी ज्यादा महत्वपूर्ण
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि कितनी वेव आती हैं, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि इनकी इंटेंसिटी या तीव्रता किस तरह की रहती है। ऐसे में तीसरी या चौथी लहर मायने नहीं रखती है।
कोरोना के लिहाज से अगले 100 दिन बेहद अहम हैं। तीसरी लहर की आशंका के बीच सरकार ने आगाह करते हुए यह बात कही है। उसने बताया है कि कई देशों में हालात बद से बदतर हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी तीसरी लहर की आशंका पर चिंता जता चुके हैं। बड़ी आबादी को वायरस से संक्रमित होने का खतरा बना हुआ है। ‘हर्ड इम्यूनिटी’ अभी दूर की कौड़ी है।
पॉल ने बताया कि डब्लूएचओ के नॉर्थ और साउथ अमेरिकी क्षेत्र को छोड़ अन्य सभी डब्लूएचओ क्षेत्र में हालात अच्छे से खराब और बद से बदतर की तरफ बढ़ रहे हैं। दुनिया तीसरी लहर की ओर बढ़ रही है। यही सच है।
हेल्थ मिनिस्टी ने बताया है कि स्पेन में वीकली कोविड केस में 64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, नीदरलैंड में कोरोना के मामलों में 300 फीसदी का उछाल आया है। थाइलैंड में लंबे समय तक स्थिति काबू में रहने के बाद अब वहां भी मामलों में बढ़ोतरी हुई है। अफ्रीका में भी कोविड-19 के केस 50 फीसदी बढ़े हैं। म्यांमार, मलेशिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश में अचानक उछाल आया है।
नहीं टला है खतरा…
वीके पॉल ने कहा है कि कोरोना का खतरा टला नहीं है। लोगों को बहुत सावधान रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही महंगी पड़ सकती है। पॉल बोले, ‘हम अभी हर्ड इम्यूनिटी की स्टेज पर नहीं पहुंचे हैं। हमारी आबादी पर खतरा बना हुआ है। हमने वैक्सीनेशन के मोर्चे पर प्रगति की है। जिन लोगों को सबसे ज्यादा खतरा है, उनमें से कम से कम 50 फीसदी का वैक्सीनेशन हो गया है। स्थिति काबू में है। इसे हमें बनाकर रखना है।’ पॉल ने कहा कि भारत में तीसरी लहर आई या नहीं, यह समझने के लिए अगले 100 दिन अहम होंगे।
हो चुका है तीसरी लहर के आने का दावा
हैदराबाद के टॉप भौतिक विज्ञानियों में से एक डॉ विपिन श्रीवास्तव ने हाल में दावा किया था कि अनुमान है कि 4 जुलाई को ही तीसरी लहर आ चुकी है। पिछले 15 महीनों के संक्रमण के आंकड़ों और डेथ रेट (मृत्यु दर) के विश्लेषण के आधार पर उन्होंने यह बात कही थी।
सरकार करती रही है आगाह
सरकार लगातार लोगों से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर (कोरोना सम्मत व्यवहार) रखने की अपील करती रही है। हाल के दिनों में पर्यटन स्थलों और हिल स्टेशनों पर जुट रही भीड़ पर उसने चिंता जताई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कहता रहा है कि लोगों को अभी सावधान रहने की जरूरत है। कोरोना खत्म नहीं हुआ है।
वेव की इंटेंसिटी ज्यादा महत्वपूर्ण
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने शुक्रवार को कहा कि कितनी वेव आती हैं, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि इनकी इंटेंसिटी या तीव्रता किस तरह की रहती है। ऐसे में तीसरी या चौथी लहर मायने नहीं रखती है।