कोयले के संकट ने आपकी जेब पर डाला डाका, बढ़ी बिजली की दरें, यहां जाने नई कीमत | Electricity Bill Increased because of Coal Crises New rates Here | Patrika News

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कोयले के संकट ने आपकी जेब पर डाला डाका, बढ़ी बिजली की दरें, यहां जाने नई कीमत | Electricity Bill Increased because of Coal Crises New rates Here | Patrika News

कोयले के संकट ने आपकी जेब पर डाला डाका, बढ़ी बिजली की दरें, यहां जाने नई कीमत | Electricity Bill Increased because of Coal Crises New rates Here | Patrika News

कोयला संकट के नाम पर भारत सरकार ने यूपी समेत सभी राज्यों पर विदेशी कोयले की खरीदने का दबाव बढ़ा दिया है। इसके टेंडर के लिए 31 मई तक की समयसीमा तय कर दी गई है। खास बात यह है कि विदेशी कोयले की खरीद सीमित अवधि के लिए नहीं बल्कि पूरे एक वर्ष के लिए करने के निर्देश दिए गए हैं। उत्पादन निगम की ओर से शासन को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 10 प्रतिशत विदेशी कोयले की खरीद से प्रदेश के सभी बिजलीघरों पर लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और दरों में बढ़ोतरी करनी पड़ेगी।

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टेंडर की 31 मई अंतिम तिथि
कोयला संकट के नाम पर भारत सरकार ने यूपी समेत सभी राज्यों पर विदेशी कोयले की खरीदने का दबाव बढ़ा दिया है। इसके टेंडर के लिए 31 मई तक की समयसीमा तय कर दी गई है। खास बात यह है कि विदेशी कोयले की खरीद सीमित अवधि के लिए नहीं बल्कि पूरे एक वर्ष के लिए करने के निर्देश दिए गए हैं। मौजूदा समय में ढुलाई के साथ राज्य विद्युत उत्पादन निगम को कोल इंडिया से 3000 रुपये प्रति टन की दर से कोयला मिल रहा है। जबकि विदेशी कोयला कम से कम 17000 रुपये टन की दर से मिलेगा। इसका प्रभाव आम लोगों पर होगा।

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इतनी बढ़ेंगी कीमत
एक साल में कुल खपत का 10 प्रतिशत आयातित कोयला मंगाने पर लगभग 11,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त भार पड़ेगा। इससे बिजली की उत्पादन लागत में औसतन एक रुपये प्रति यूनिट तक की वृद्धि हो सकती है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि विदेशी कोयले को घरेलू कोयले के साथ मिश्रित करके उत्पादन इकाइयों में इस्तेमाल किया जाएगा इसलिए पावर कार्पोरेशन को बेची जाने वाली बिजली की दर में करीब 85 पैसे प्रति यूनिट की ही वृद्धि होगी।

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पहले भी हो चुका कोयला संकट विदेशी कोयले की खरीद का विरोध करने वाले राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि 2009-10 में विदेशी कोयला खरीदने की चर्चा शुरू हुई थी तो केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने आठ सदस्यीय अध्ययन समिति बनाई थी। समिति ने विदेशी कोयले के इस्तेमाल के बारे में तकनीकी रिपोर्ट दी थी। उसमें यह कहा गया था की पुरानी इकाइयों को अपग्रेडेशन करने के बाद ही विदेशी कोयले से चलाया जा सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि विदेशी कोयले की ढुलाई का रेलवे रैक भी अलग तरीके का होता है। इसके साथ अन्य तकनीकी पहलुओं का जिक्र किया गया था।



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