कॉलेज छात्राओं से मिलकर कभी टीचर तो कभी अभिभावक नजर आए सिंधिया, हार्वर्ड का रोचक किस्सा सुनाकर दिया गुरु मंत्र

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कॉलेज छात्राओं से मिलकर कभी टीचर तो कभी अभिभावक नजर आए सिंधिया, हार्वर्ड का रोचक किस्सा सुनाकर दिया गुरु मंत्र

कॉलेज छात्राओं से मिलकर कभी टीचर तो कभी अभिभावक नजर आए सिंधिया, हार्वर्ड का रोचक किस्सा सुनाकर दिया गुरु मंत्र

हाइलाइट्स

  • ग्वालियर के कमलाराजा कन्या महाविद्यालय पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया
  • सिंधिया ने छात्राओं के साथ किया संवाद, खुलकर दिए जवाब
  • छात्राओं को समझाया अपनी सोच विकसित करने का महत्व
  • छात्राओं, शिक्षकों और अतिथियों को दिलाई स्वच्छता की शपथ

ग्वालियर
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया शनिवार को ग्वालियर के कमलाराजा कन्या स्वशासी महाविद्यालय पहुंचे और छात्राओं के साथ संवाद (Jyotiraditya Scindia in Gwalior College) किया। इस दौरान उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान हुए रोचक किस्सा सुनाकर छात्राओं को अपनी सोच विकसित करने का गुरु मंत्र दिया। बातचीत के दौरान वे कभी टीचर, कभी अभिभावक तो कभी सीनियर मित्र के रूप में नजर आए। छात्राओं के साथ बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायकल हो रहा है।

सिंधिया ने वैश्वीकरण के दौर में ग्वालियर में अवसर और चुनौतियां विषय पर छात्राओं से संवाद किया। छात्राओं ने खुलकर अपने सवाल और तर्क रखे। सिंधिया ने भी अपने विद्यार्थी जीवन के संस्मरण सुनाकर उन्हें अपनी सोच विकसित करने का गुरु मंत्र दिया। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई के दिनों का एक रोचक किस्सा भी सुनाया। इसके जरिए उन्होंने छात्राओं को लगातार प्रयास करते रहने की सीख तो दी ही, देश की शिक्षा व्यवस्था की कमियां भी बता दीं।

सिंधिया ने बताया कि जब वे हार्वर्ड में पढ़ते थे तो उन्हें एक टॉपिक पर पेपर लिखने को कहा गया। वे जैसा भारत में करते थे, वैसा ही वहां भी किया। तीन-चार किताबों से उस टॉपिक पर एक-दो पैराग्राफ ले लिए और पेपर तैयार कर लिया। पेपर सबमिट करने के बाद टीचर ने उन्हें अलग से मिलने को कहा। जब वे केबिन में गए तो टीचर ने उन्हें कहा कि वे टॉपिक पर उनकी अपनी सोच जानना चाहती हैं। टीचर ने स्पष्ट बता दिया कि किताब में लिखी बातें वे कई बार पढ़ चुकी हैं। इसे पेपर में लिखने का कोई फायदा नहीं।

सिंधिया ने रोचक हाव-भाव के साथ बताया कि वे परेशान हुए क्योंकि उन्होंने पहले कभी ऐसा किया नहीं था। लेकिन उन्होंने ठान ली कि वे अब नया पेपर तैयार करेंगे। उन्होंने टॉपिक पर पूरा रिसर्च किया। फिर उसकी एनालिसिस की। फिर टॉपिक को लेकर उन्हें एक नजरिया मिला। इसी को आधार बनाकर उन्हें पेपर तैयार किया और टीचर से उन्हें ए-प्लस मिला।

सिंधिया ने किस्से के जरिए छात्राओं को यह बताया कि नए सिस्टम में काम करने का तरीका अलग हो सकता है। इस दौरान लगातार प्रयास करने के साथ अपना कॉन्फिडेंस बनाए रखना चाहिए। जीवन में चुनौतियां हर मोड़ पर मिलती हैं। चुनौतियों को अपनाकर आगे बढ़ने का रास्ता निकलता है।

कार्यक्रम के अंत में सिंधिया ने सभी छात्राओं, प्राध्यापकों और अतिथियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि शहर का हर नागरिक जब स्वच्छता दूत बनेगा, तभी ग्वालियर स्वच्छता में अव्वल बन सकेगा। हर नागरिक को अपनी भागीदारी तय करनी होगी। जहां भी कचरा दिखाई दे, उसे साफ करने के लिये हम खुद काम करेंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।

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