केवल पुष्य नक्षत्र के क्षणों में ही बनाया गया अनूठा शिवालय | shiv Aaradhna in Jabalpur | Patrika News h3>
50 वर्ष लगे मंदिर निर्माण में, तीन पीढिय़ों ने दिया योगदान
जबलपुर
Published: August 02, 2022 06:16:00 pm
जबलपुर। संस्कारधानी में ऐसे कई मंदिर हैं जो अपनी अनोखी निर्माण परम्परा और वास्तु शैली के लिए जाने जाते हैं। यहां एक ऐसा ऐतिहासिक शिवालय भी है, जिसकी निर्माण प्रक्रिया सिर्फ पुष्य नक्षत्र में ही की गई थी। साल में केवल 12 दिनों के कुछ घंटों में ही निर्माण कार्य होता था। इस कारण ही इसके निर्माण में 50 साल का समय और तीन पीढियां लग गईं। गढ़ा बाजार से देवताल के मार्ग पर यह 150 साल पुराना शिव मंदिर स्थित है। सावन में यहां भक्तों का मेला लगता है।
पंचदेव पूजन का है केंद्र- क्षेत्रीय बुजुर्ग बताते हैं कि मंदिर को तैयार करने के पहले मेरू श्रीयंत्र का अध्ययन किया गया। उसी के अनुसार इसे तैयार किया गया।
यहां गर्भगृह में भोलेनाथ अपने गणों के साथ, सामने गणपति रिद्धि सिद्धि के साथ, बायीं ओर दक्षिणमुखी हनुमान, मंदिर के पिछले हिस्से में मां नर्मदा व दाहिनी ओर भैरव बाबा की मूर्ति है। पंचदेव पूजन के लिए यह शिव मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। सावन में यहां रुद्राभिषेक करने वालों की भीड़ लगती है।
दीवारों में दरार तक नहीं- इस ऐतिहासिक मंदिर की खासियत यह भी है कि डेढ़ सौ साल से पुराना होने के बावजूद इसकी दीवारों में अभी तक दरारें नहीं पड़ी हैं। मंदिर की मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक इसमें कोई टूट फुट नहीं हुई। बताया जाता है कि इसके संस्थापक केशवानंद और हरिहरानंद श्रीशक्ति के उपासक थे। उन्होंने ही निर्माण शुरू कराया था। उनके बाद अगली दो पीढियों ने इसके निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया। अब यह शिवालय गढ़ा उपनगरीय क्षेत्र का प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यहां शिवरात्रि व सावन के महीने में शिवभक्त सुबह से ही जल अर्पित करने आते हैं।
पाटन मंडी परिसर में बम बम भोले की गूंज
सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में सुबह से ही भक्तों के पहुंचने का क्रम जारी हो गया था। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का पूजन अर्चन किया। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कृषि उपज मंडी पाटन में महादेव परिवार और गल्ला व्यापारी संघ की ओर से असंख्य शिवलिंग निर्माण रुद्राभिषेक और भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भगवान शिव की भक्ति में सराबोर भक्तों ने धर्म लाभ लिया। भगवान शिव की शोभायात्रा का आयोजन भी किया गया। शिव की जीवंत झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।
भूतनाथ धाम बरेला में पूजन अर्चन
बरेला के शिवालयों में सोमवार को भगवान शिव का पूजन अर्चन कर हर हर महादेव के जयकारे गुंजायमान होते रहे। नगर के वार्ड नम्बर 2 स्थित भगवान भूतनाथ धाम बड़े शंकर मंदिर में भक्तों द्वारा भगवान शिव का विशेष पूजन अर्चन किया गया। मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु भक्तों का तांता लगा रहा। भगवान शिव का महाअभिषेक किया गया। रात्रि में महा आरती का आयोजन किया गया। नगर के श्रद्धालु भक्त गण एवं मंदिर समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।
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50 वर्ष लगे मंदिर निर्माण में, तीन पीढिय़ों ने दिया योगदान
जबलपुर
Published: August 02, 2022 06:16:00 pm
जबलपुर। संस्कारधानी में ऐसे कई मंदिर हैं जो अपनी अनोखी निर्माण परम्परा और वास्तु शैली के लिए जाने जाते हैं। यहां एक ऐसा ऐतिहासिक शिवालय भी है, जिसकी निर्माण प्रक्रिया सिर्फ पुष्य नक्षत्र में ही की गई थी। साल में केवल 12 दिनों के कुछ घंटों में ही निर्माण कार्य होता था। इस कारण ही इसके निर्माण में 50 साल का समय और तीन पीढियां लग गईं। गढ़ा बाजार से देवताल के मार्ग पर यह 150 साल पुराना शिव मंदिर स्थित है। सावन में यहां भक्तों का मेला लगता है।
पंचदेव पूजन का है केंद्र- क्षेत्रीय बुजुर्ग बताते हैं कि मंदिर को तैयार करने के पहले मेरू श्रीयंत्र का अध्ययन किया गया। उसी के अनुसार इसे तैयार किया गया।
यहां गर्भगृह में भोलेनाथ अपने गणों के साथ, सामने गणपति रिद्धि सिद्धि के साथ, बायीं ओर दक्षिणमुखी हनुमान, मंदिर के पिछले हिस्से में मां नर्मदा व दाहिनी ओर भैरव बाबा की मूर्ति है। पंचदेव पूजन के लिए यह शिव मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र है। सावन में यहां रुद्राभिषेक करने वालों की भीड़ लगती है।
दीवारों में दरार तक नहीं- इस ऐतिहासिक मंदिर की खासियत यह भी है कि डेढ़ सौ साल से पुराना होने के बावजूद इसकी दीवारों में अभी तक दरारें नहीं पड़ी हैं। मंदिर की मजबूती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभी तक इसमें कोई टूट फुट नहीं हुई। बताया जाता है कि इसके संस्थापक केशवानंद और हरिहरानंद श्रीशक्ति के उपासक थे। उन्होंने ही निर्माण शुरू कराया था। उनके बाद अगली दो पीढियों ने इसके निर्माण कार्य को आगे बढ़ाया। अब यह शिवालय गढ़ा उपनगरीय क्षेत्र का प्रसिद्ध शिव मंदिर है। यहां शिवरात्रि व सावन के महीने में शिवभक्त सुबह से ही जल अर्पित करने आते हैं।
पाटन मंडी परिसर में बम बम भोले की गूंज
सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में सुबह से ही भक्तों के पहुंचने का क्रम जारी हो गया था। श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का पूजन अर्चन किया। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी कृषि उपज मंडी पाटन में महादेव परिवार और गल्ला व्यापारी संघ की ओर से असंख्य शिवलिंग निर्माण रुद्राभिषेक और भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भगवान शिव की भक्ति में सराबोर भक्तों ने धर्म लाभ लिया। भगवान शिव की शोभायात्रा का आयोजन भी किया गया। शिव की जीवंत झांकी लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी रही।
भूतनाथ धाम बरेला में पूजन अर्चन
बरेला के शिवालयों में सोमवार को भगवान शिव का पूजन अर्चन कर हर हर महादेव के जयकारे गुंजायमान होते रहे। नगर के वार्ड नम्बर 2 स्थित भगवान भूतनाथ धाम बड़े शंकर मंदिर में भक्तों द्वारा भगवान शिव का विशेष पूजन अर्चन किया गया। मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु भक्तों का तांता लगा रहा। भगवान शिव का महाअभिषेक किया गया। रात्रि में महा आरती का आयोजन किया गया। नगर के श्रद्धालु भक्त गण एवं मंदिर समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।
50 वर्ष लगे मंदिर निर्माण में, तीन पीढिय़ों ने दिया योगदान
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