केके पाठक नहीं लौटे, 31 जनवरी तक बढ़ाई छुट्टी; शिक्षा विभाग में नए अपर मुख्य सचिव की अटकलें तेज h3>
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बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) केके पाठक ने 31 जनवरी तक अपनी छुट्टी बढ़ाने का आवेदन दिया है। उन्होंने इस संबंध में सरकार से अपनी छुट्टी बढ़ाने का अनुरोध किया है। पाठक की मंगलवार को छुट्टी की अवधि खत्म हो चुकी है। इस संबंध में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि केके पाठक ने अपनी छुट्टी 16 जनवरी से 31 जनवरी तक बढ़ाने को लेकर आवेदन दिया है। इस बीच अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है। कयास लगाया जा रहा है कि जल्द ही केके पाठक की जगह शिक्षा विभाग को नया अपर मुख्य सचिव मिल सकता है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। केके पाठक अपने सख्त रवैये और आदेशों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। केके पाठक ने जून 2023 में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पदभार संभाला था।
बता दें कि केके पाठक 8 जनवरी से 14 जनवरी तक उपार्जित अवकाश पर जाने का आवेदन सरकार को दिया था। बाद में उसे 16 जनवरी तक बढ़ाने का अनुरोध किया था। 9 जनवरी को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया, जिसमें 8 जनवरी से 16 जनवरी तक शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव को केके पाठक का संपूर्ण दायित्व सौंपा गया। आज इसकी समय सीमा खत्म हो रही थी। बुधवार की शाम उन्होंने अपनी अवकाश की अवधि आगे बढ़ाने का आवेदन फिर से दिया है।
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के अच्छे दिन नहीं आए; अशोक चौधरी बोले- केके पाठक नीतीश की मंशा पूरी कर रहे हैं
केेके पाठक अपनी सख्त कार्यशैली के कारण राज्यपाल, शिक्षा मंत्री और विधायकों सहित कई लोगों की नाराजगी मोल ले ली। इस बीच केके पाठक के छुट्टी पर चले जाने के कारण शिक्षा विभाग में काम की गति धीमी हो गई है। बीपीएससी द्वारा नियुक्त हुए शिक्षकों के मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों के सत्यापन और उनकी पोस्टिंग का काम चल रहा है। साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकरी ने बताया है कि स्कूलों में शिक्षकों की पोस्टिंग में देरी हो सकती है। इसकी शुरुआत 15 अप्रैल से होनी थी, लेकिन नवनियुक्त शिक्षकों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। केके पाठक की देखरेख में ही यह पूरा कार्य चल रहा था। हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग ने 9 जनवरी को ही विशेष सचिव (शिक्षा) बैद्यनाथ यादव को विभाग का प्रभार सौंपने की अधिसूचना जारी कर दी थी, लेकिन कहा जा रहा है कि सरकार उनके प्रतिस्थापन की तलाश में है।
छुट्टी पर केके पाठक तो स्कूल में ही टीचर्स ने कर ली दारू पार्टी, फिर हथकड़ी में हुई विदाई
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि केके पाठक वापस लौटने के मूड में नहीं हैं और इसका मतलब है कि सरकार को देर-सबेर उनसे विकल्प के बारे में भी सोचना होगा। यह पहला मौका नहीं है जब 1990 बैच के आईएएस अधिकारी केके पाठक ने इस तरह से विभाग को छोड़ा है। अप्रैल 2016 में भी उन्होंने मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैना थे और बाद में उन्हें हटा दिया गया था। केके पाठक ने शिक्षकों और छात्रों की नियमित उपस्थिति पर सख्ती करके सुधार लाने की कोशिश की, लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान राजभवन, अपने ही विभाग के मंत्री, बीपीएससी, विधायकों और शिक्षक संघों के साथ लगातार टकराव होता रहा।
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बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) केके पाठक ने 31 जनवरी तक अपनी छुट्टी बढ़ाने का आवेदन दिया है। उन्होंने इस संबंध में सरकार से अपनी छुट्टी बढ़ाने का अनुरोध किया है। पाठक की मंगलवार को छुट्टी की अवधि खत्म हो चुकी है। इस संबंध में मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि केके पाठक ने अपनी छुट्टी 16 जनवरी से 31 जनवरी तक बढ़ाने को लेकर आवेदन दिया है। इस बीच अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है। कयास लगाया जा रहा है कि जल्द ही केके पाठक की जगह शिक्षा विभाग को नया अपर मुख्य सचिव मिल सकता है। हालांकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। केके पाठक अपने सख्त रवैये और आदेशों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। केके पाठक ने जून 2023 में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पदभार संभाला था।
बता दें कि केके पाठक 8 जनवरी से 14 जनवरी तक उपार्जित अवकाश पर जाने का आवेदन सरकार को दिया था। बाद में उसे 16 जनवरी तक बढ़ाने का अनुरोध किया था। 9 जनवरी को सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया, जिसमें 8 जनवरी से 16 जनवरी तक शिक्षा विभाग के सचिव वैद्यनाथ यादव को केके पाठक का संपूर्ण दायित्व सौंपा गया। आज इसकी समय सीमा खत्म हो रही थी। बुधवार की शाम उन्होंने अपनी अवकाश की अवधि आगे बढ़ाने का आवेदन फिर से दिया है।
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केेके पाठक अपनी सख्त कार्यशैली के कारण राज्यपाल, शिक्षा मंत्री और विधायकों सहित कई लोगों की नाराजगी मोल ले ली। इस बीच केके पाठक के छुट्टी पर चले जाने के कारण शिक्षा विभाग में काम की गति धीमी हो गई है। बीपीएससी द्वारा नियुक्त हुए शिक्षकों के मार्कशीट और अन्य दस्तावेजों के सत्यापन और उनकी पोस्टिंग का काम चल रहा है। साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकरी ने बताया है कि स्कूलों में शिक्षकों की पोस्टिंग में देरी हो सकती है। इसकी शुरुआत 15 अप्रैल से होनी थी, लेकिन नवनियुक्त शिक्षकों को अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। केके पाठक की देखरेख में ही यह पूरा कार्य चल रहा था। हालांकि सामान्य प्रशासन विभाग ने 9 जनवरी को ही विशेष सचिव (शिक्षा) बैद्यनाथ यादव को विभाग का प्रभार सौंपने की अधिसूचना जारी कर दी थी, लेकिन कहा जा रहा है कि सरकार उनके प्रतिस्थापन की तलाश में है।
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एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि केके पाठक वापस लौटने के मूड में नहीं हैं और इसका मतलब है कि सरकार को देर-सबेर उनसे विकल्प के बारे में भी सोचना होगा। यह पहला मौका नहीं है जब 1990 बैच के आईएएस अधिकारी केके पाठक ने इस तरह से विभाग को छोड़ा है। अप्रैल 2016 में भी उन्होंने मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के प्रधान सचिव के पद पर तैना थे और बाद में उन्हें हटा दिया गया था। केके पाठक ने शिक्षकों और छात्रों की नियमित उपस्थिति पर सख्ती करके सुधार लाने की कोशिश की, लेकिन अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान राजभवन, अपने ही विभाग के मंत्री, बीपीएससी, विधायकों और शिक्षक संघों के साथ लगातार टकराव होता रहा।