कूनो नेशनल पार्क से बार-बार बाहर क्यों निकल रहा चीता ओबान, क्या होगा यदि बाघ से उसकी भिड़ंत हो गई, जानिए हर सवाल का जवाब h3>
भोपालःमध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित कूनो नेशनल पार्क से नर चीता ओबान फिर बाहर निकल गया है। जानकारी के मुताबिक ओबान ग्वालियर जिले में स्थित माधव नेशनल पार्क के टाइगर एरिया में पहुंच गया है। इसके बाद से वन विभाग और प्रोजेक्ट चीता से जुड़े अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बाघ और चीता की आमने-सामने की भिड़ंत न हो जाए। सवाल उठ रहे हैं कि यदि भिड़ंत हुई तो कौन किस पर भारी पड़ेगा। प्रश्न यह भी है कि ओबान की इस घुमक्कड़ी का कारण क्या है और वह कूनो से बार-बार बाहर क्यों निकल रहा है।
नई टेरिटरी बना रहा ओबान या फिर गर्मी है कारण
वाइल्ड लाइफ के जानकारों का मानना है कि चीता स्वाभाविक रूप से थोड़ा चंचल होता है। बाघ की तरह वह भी अपनी टेरिटरी बनाता है और आम तौर पर उसके अंदर ही रहता है। यदि उसे भोजन की कमी होती है तो वह नई टेरिटरी की तलाश करता है। एक्सपर्ट ओबान के बाहर निकलने का एक कारण अभी पड़ रही भीषण गर्मी को भी मानते हैं। उनका कहना है कि इंसान की तरह जानवर भी गर्मी से परेशान होते हैं। ओबान के मामले में भोजन की कमी की संभावना कम है। कूनो नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट चीता से जुड़े अधिकारी उस पर चौबीसों घंटे नजर रखते हैं और उसकी हर जरूरत का ख्याल रखते हैं।
आमने-सामने भिड़ंत की कितनी संभावना
ओबान का टाइगर की टेरिटरी में जाना इसलिए खतरनाक है क्योंकि टाइगर अपने इलाके में किसी दूसरे जानवर की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं करता। झारखंड में पलामू टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर आशुतोष कुमार ने बताया कि चीता आम तौर पर बाघ के सामने आने से परहेज करता है, लेकिन ओबान के मामले में कुछ भी अंदाजा लगाना मुश्किल है। इसका कारण यह है कि भारत में करीब 70 साल बाद चीतों को लाया गया है। उनके व्यवहार के बारे में अभी खास जानकारी नहीं है। दूसरा कारण यह भी है कि ओबान को नामीबिया से यहां लाया गया है। नामीबिया में वह किस माहौल में था और अब किस माहौल में रहता है, इसके बारे में जानकारी होने पर ही कुछ कहा जा सकता है कि वह बाघ से भिड़ सकता है या नहीं।
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भिड़ंत हुई तो कौन भारी पड़ेगा
वाइल्ट लाइफ एक्सपर्ट नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि आमने-सामने की भिड़ंत हुई तो ज्यादा संभावना इसी बात की है कि चीते को नुकसान पहुंचे। उन्होंने आशंका जताई कि बाघ, चीते की जान ले सकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि चीता, बाघ से फुर्तीला हो सकता है, लेकिन ताकत के मामले में वह बाघ से कमजोर होता है। यदि चीता, बाघ के सामने आया तो उस पर हमला होना तय है।
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नई टेरिटरी बना रहा ओबान या फिर गर्मी है कारण
वाइल्ड लाइफ के जानकारों का मानना है कि चीता स्वाभाविक रूप से थोड़ा चंचल होता है। बाघ की तरह वह भी अपनी टेरिटरी बनाता है और आम तौर पर उसके अंदर ही रहता है। यदि उसे भोजन की कमी होती है तो वह नई टेरिटरी की तलाश करता है। एक्सपर्ट ओबान के बाहर निकलने का एक कारण अभी पड़ रही भीषण गर्मी को भी मानते हैं। उनका कहना है कि इंसान की तरह जानवर भी गर्मी से परेशान होते हैं। ओबान के मामले में भोजन की कमी की संभावना कम है। कूनो नेशनल पार्क में प्रोजेक्ट चीता से जुड़े अधिकारी उस पर चौबीसों घंटे नजर रखते हैं और उसकी हर जरूरत का ख्याल रखते हैं।
आमने-सामने भिड़ंत की कितनी संभावना
ओबान का टाइगर की टेरिटरी में जाना इसलिए खतरनाक है क्योंकि टाइगर अपने इलाके में किसी दूसरे जानवर की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं करता। झारखंड में पलामू टाइगर रिजर्व के डायरेक्टर आशुतोष कुमार ने बताया कि चीता आम तौर पर बाघ के सामने आने से परहेज करता है, लेकिन ओबान के मामले में कुछ भी अंदाजा लगाना मुश्किल है। इसका कारण यह है कि भारत में करीब 70 साल बाद चीतों को लाया गया है। उनके व्यवहार के बारे में अभी खास जानकारी नहीं है। दूसरा कारण यह भी है कि ओबान को नामीबिया से यहां लाया गया है। नामीबिया में वह किस माहौल में था और अब किस माहौल में रहता है, इसके बारे में जानकारी होने पर ही कुछ कहा जा सकता है कि वह बाघ से भिड़ सकता है या नहीं।
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भिड़ंत हुई तो कौन भारी पड़ेगा
वाइल्ट लाइफ एक्सपर्ट नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि आमने-सामने की भिड़ंत हुई तो ज्यादा संभावना इसी बात की है कि चीते को नुकसान पहुंचे। उन्होंने आशंका जताई कि बाघ, चीते की जान ले सकता है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि चीता, बाघ से फुर्तीला हो सकता है, लेकिन ताकत के मामले में वह बाघ से कमजोर होता है। यदि चीता, बाघ के सामने आया तो उस पर हमला होना तय है।