किसान ने डीजल डालकर खुद को लगाई आग: पुलिस कर्मियों ने आग पर पाया काबू, 550 वर्गमीटर का जैन समाज से चल रहा विवाद – Saharanpur News h3>
सहारनपुर में 550 वर्गमीटर जमीन विवाद में एक किसान ने डीजल डालकर खुद को आग लगा ली। पुलिस-प्रशासनिक टीम ने समय रहते कंबल व बोरी डालकर आग पर काबू पा लिया। इससे किसान की जान बच गई। आग से किसान 90 प्रतिशत जल गया। उसे जिला अस्पताल भेजा गया। जहां से किसान क
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किसान ने खुद पर डीजल डालकर आग लगा ली, पुलिसकर्मियों ने आग पर समय रहते काबू पा लिया।
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ट्यूबवेल के इंजन से डीजल लिया और लगा ली आग थाना चिलकाना क्षेत्र के सुल्तानपुर में वेदप्रकाश (60) के खेत के पास स्थित जैन मंदिर की 14 बीघा जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। इस विवाद में करीब 550 वर्गमीटर जमीन पर वेदप्रकाश और जैन मंदिर प्रबंध समिति के बीच मामला एसडीएम न्यायालय में विचाराधीन था।
हाल ही में न्यायालय ने फैसला जैन मंदिर प्रबंध समिति के पक्ष में सुनाया। जिसके अनुपालन के लिए शनिवार को एसडीएम सदर अंकुर वर्मा, एएसपी विवेक तिवारी पुलिस टीम धारा-24 के तहत जैन समाज को जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए पहुंच गए।
राजस्व टीम जब जमीन की पैमाइश और डोलबंदी कर रही थी, तभी वेदप्रकाश वहां पहुंचे और हंगामा करने लगे। उन्होंने अपनी आपत्ति जताई, लेकिन जब प्रशासनिक टीम ने अपना कार्य जारी रखा, तो वेदप्रकाश ने खेत पर रखे ट्यूबवेल के इंजन से डीजल लिया और खुद पर डालकर आग लगा ली। मौके पर मौजूद पुलिस और अधिकारियों ने कंबल व बोरी डालकर किसी तरह आग बुझाई।
इसके बाद थाना प्रभारी कपिल देव ने तुरंत अपनी गाड़ी से वेदप्रकाश को पिलखनी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत गंभीर देखते हुए उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया।
इस दौरान वेदप्रकाश के भाई लाजपत व अन्य परिजनों ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रशासन सिर्फ जैन मंदिर प्रबंध समिति के पक्ष में काम कर रहा है और उनकी बात नहीं सुनी जा रही।
10 दिन पहले भी हुई थी पंचायत गांव में 10 दिन पहले भी दोनों पक्षों को बैठाकर पंचायत हुई थी। लेकिन कोई मामला सुलझा नहीं था। एक पंचायत रविवार यानी आज होनी थी। जिसमें विधायक मुकेश चौधरी को बैठना था। विधायक की माने तो उन्होंने इस बारे में एसडीएम को बताया था, लेकिन अधिकारियों ने जल्दबाजी कर जमीन की पैमाइश करने पहुंच गए। यदि बात मानी जाती तो ये घटना नहीं होती।
3 मंजिल पर चढ़ गया था किसान, दी थी जान देने की धमकी
जमीन का पुराना चल रहा है। जैन मंदिर अपनी जमीन को कम बताकर कब्जे की बात कहता रहा है, जबकि वेदप्रकाश पक्ष अपनी जमीन कम होने का दावा करता आ रहा है। इसके वाद में अक्टूबर 2024 में जैन मंदिर के हक में फैसला आया था।
न्यायालय के फैसले का पालन कराने के लिए दो जनवरी 2025 को राजस्व टीम मय फोर्स के कब्जा दिलाने पहुंची थी। तब वेदप्रकाश ने अपनी घर ही तीसरी मंजिल पर चढ़कर जान देने की धमकी दी थी। पुलिस ने समझाकर नीचे उतारा था और राजस्व टीम वापस लौट गई थी।
31 जनवरी को दोबारा से राजस्व टीम ने दोबारा प्रयास किया था। इस बार घर के आदमी बाहर थे तो महिलाओं ने मोर्चा संभाल लिया था और विरोध के साथ पुलिस और प्रशासन की टीम को वापस लौटना पड़ा था। लेकिन शनिवार को जब टीम पैमाइश करने पहुंची तो टीम ने हंगामे की आशंका से पहले ही वेदप्रकाश की पत्नी ममता को थाने में बैठा लिया था।
वेदप्रकाश के अलावा उनके दो भाई लाजपत और भजनलाल हैं। दोनों भाइयों के बच्चे हैं, जबकि वेद प्रकाश और ममता के कोई संतान नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि राजस्व न्यायालय के आदेश का पालन किया जा रहा था। जैन मंदिर प्रबंध समिति को न्यायालय से जमीन पर कब्जे का आदेश मिला था, जिसके तहत ही टीम मौके पर पहुंची थी।
ये तस्वीर डीएम मनीष बंसल और एसएसपी रोहित सजवान की है।
550 वर्गमीटर जमीन के चक्कर में लगाई आग डीएम मनीष बंसल का कहना है कि राजस्व कोर्ट के आदेश पर विवादित जमीन की पैमाइश करने के लिए राजस्व विभाग की टीम पुलिस बल के साथ गई थी। दोनों पक्ष मौजूद थे। पैमाइश के दौरान अतिक्रमण करने वाला पक्ष वेदप्रकाश ने अपने ऊपर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगाने का प्रयास किया। पुलिस ने आग बुझाकर अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल उसका इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है।
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