कितना घातक है कोविड-19 का ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट, क्या होंगे इसके लक्षण? दिल्ली एम्स के डॉक्टर से जानें जवाब h3>
देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट के नए मामले सामने आने से डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंताएं बढ़ गई हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायरस का नया ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है।
यह नया ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट भारत में सबसे पहले सामने आए ‘डेल्टा या ‘B.1.617.2 वैरिएंट में म्यूटैंट से बना है। माना जता है कि भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आने की एक वजह ‘डेल्टा’ वैरिएंट भी था।
दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में बयोकेमेस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शुभ्रदीप कर्माकर ने मंगलवार को कहा कि जो नया डेल्टा वैरिएंट आया है ये काफी संक्रामक है। ये बीमारी दोबारा अक्सर नए वैरिएंट के साथ आती है जो और भी खतरनाक हो सकता है। इस वायरस की प्रकृति म्यूटेट करने की है।
But in India, the numbers are still very low. It is still a variant of interest & not a variant of concern yet, as the number of infected people is low: Dr Subhradip Karmakar, Associate Professor, Department of Biochemistry, AIIMS#COVID19
— ANI (@ANI) June 22, 2021
डॉ. कर्माकर ने कहा कि भारत सरकार जो वैक्सीन इस्तेमाल कर रही है वो बहुत प्रभावी है। इससे बहुत सुरक्षा मिलती है। जो भी लोग पात्र हैं वे वैक्सीन जरूर लगवाएं। इससे बीमारी की तीव्रता, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की संभावना बहुत कम हो जाती है। ऐसा स्टडी में पाया गया है।
उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस में अतिरिक्त म्यूटैंट K417N है, जो डेल्टा (B.1.617.2) को डेल्टा प्लस में बदलता है। ऐसी अटकलें हैं कि यह म्यूटैंट अधिक संक्रामक है और यह अल्फा वैरिएंट की तुलना में 35-60% अधिक संक्रामक है। यह संभावित रूप से संक्रामक हो सकता है, लेकिन भारत में यह संख्या अभी भी बहुत कम है। यह अब भी रुचि का एक वैरिएंट है और अभी चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि संक्रमित लोगों की संख्या कम है।
डॉ. कर्माकर ने बताया कि हर वैरिएंट एक अलग तरह की क्लीनिकल प्रतिक्रिया के साथ आता है। पिछले वैरिएंट में संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन लेवल गिर रहा था, लेकिन अभी हमें यह नहीं पता कि डेल्टा प्लस वैरिएंट में किस तरह के परिणाम देखने को मिलेंगे।
देश के कुछ राज्यों में कोविड-19 के अत्यधिक संक्रामक स्वरूप ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट के नए मामले सामने आने से डॉक्टरों और हेल्थ एक्सपर्ट्स की चिंताएं बढ़ गई हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि वायरस का नया ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है।
यह नया ‘डेल्टा प्लस’ वैरिएंट भारत में सबसे पहले सामने आए ‘डेल्टा या ‘B.1.617.2 वैरिएंट में म्यूटैंट से बना है। माना जता है कि भारत में संक्रमण की दूसरी लहर आने की एक वजह ‘डेल्टा’ वैरिएंट भी था।
दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में बयोकेमेस्ट्री विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शुभ्रदीप कर्माकर ने मंगलवार को कहा कि जो नया डेल्टा वैरिएंट आया है ये काफी संक्रामक है। ये बीमारी दोबारा अक्सर नए वैरिएंट के साथ आती है जो और भी खतरनाक हो सकता है। इस वायरस की प्रकृति म्यूटेट करने की है।
But in India, the numbers are still very low. It is still a variant of interest & not a variant of concern yet, as the number of infected people is low: Dr Subhradip Karmakar, Associate Professor, Department of Biochemistry, AIIMS#COVID19
— ANI (@ANI) June 22, 2021
डॉ. कर्माकर ने कहा कि भारत सरकार जो वैक्सीन इस्तेमाल कर रही है वो बहुत प्रभावी है। इससे बहुत सुरक्षा मिलती है। जो भी लोग पात्र हैं वे वैक्सीन जरूर लगवाएं। इससे बीमारी की तीव्रता, अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की संभावना बहुत कम हो जाती है। ऐसा स्टडी में पाया गया है।
उन्होंने कहा कि डेल्टा प्लस में अतिरिक्त म्यूटैंट K417N है, जो डेल्टा (B.1.617.2) को डेल्टा प्लस में बदलता है। ऐसी अटकलें हैं कि यह म्यूटैंट अधिक संक्रामक है और यह अल्फा वैरिएंट की तुलना में 35-60% अधिक संक्रामक है। यह संभावित रूप से संक्रामक हो सकता है, लेकिन भारत में यह संख्या अभी भी बहुत कम है। यह अब भी रुचि का एक वैरिएंट है और अभी चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि संक्रमित लोगों की संख्या कम है।
डॉ. कर्माकर ने बताया कि हर वैरिएंट एक अलग तरह की क्लीनिकल प्रतिक्रिया के साथ आता है। पिछले वैरिएंट में संक्रमित मरीजों में ऑक्सीजन लेवल गिर रहा था, लेकिन अभी हमें यह नहीं पता कि डेल्टा प्लस वैरिएंट में किस तरह के परिणाम देखने को मिलेंगे।