काशी से PM मोदी के खिलाफ उतरेंगे महंत विशंभर नाथ मिश्रा! जानिए क्यों तेज हुई चर्चा, क्या है अखिलेश का मिशन 2024?
काशी दौरे पर एक घंटे तक हुई थी बंद कमरे में वार्ता
सपा के मुखिया अखिलेश यादव राम चरित मानस पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद से ही खासे घिरे हुए हैं। मौजूदा विधान सभा सत्र में भी योगी आदित्यनाथ ने राम चरित मानस को लेकर लगातार अखिलेश पर हमलावर है। लेकिन अखिलेश यादव ने अपने काशी दौरे पर स्पष्ट कर दिया था की वो स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान का समर्थन करते है और साथ ही राम चरित मानस के कुछ चौपाई को हजारों वर्षो का विवाद तक बता दिया था। लेकिन काशी दौरे पर गोस्वामी तुलसीदास द्वारा स्थापित संकट मोचन मंदिर में जा कर मत्था भी टेका और मंदिर के महंत विश्वंभर नाथ मिश्र से एक घंटे बंद कमरे में बातचीत भी की।
मुलाकात के बाद से ट्विटर पर दिख रहा गठजोड़
वरिष्ठ पत्रकार अभ्युदय मिश्रा ने एनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में बताया की आप अगर अखिलेश यादव के काशी दौरे और उसके बाद बनारस को लेकर उनके उठाए मुद्दो पर गौर करे तो एक बात साफ हो जाती है की अखिलेश यादव ने रणनीति के तहत ही आजकल संकट मोचन मंदिर के महंत द्वारा ट्विटर पर उठाए जा रह मुद्दो को अपने ट्विटर टाइम लाइन पर जगह देना शुरू किया है। कुछ दिनों पहले काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के सामने गंगा में बढ़ते प्रदूषण का मामला हो या आज शिवाला के सामने पाणी के गंदा होने का मुद्दा हो । महंत विशंभर नाथ मिश्र जिस मुद्दो को ट्विटर पर एक समाजसेवी के तौर पर खुद को स्थापित करने के लिए उठाते है उसे अखिलेश यादव राजनैतिक हमला करने के लिए समर्थन में ट्वीट या रीट्वीट करते है ये जुगलबंदी कही ना कही 2024 का इशारा है।
लोक सभा चुनाव में महंत हो सकते है प्रत्याशी!
पत्रकार अभ्युदय मिश्रा के मुताबिक यूपी विधान सभा चुनाव के दौरान भी शहर दक्षिणी से सपा ने महा मृत्युंजय मंदिर के महंत किशन दीक्षित को मैदान में उतारा था। किशन दीक्षित ने भाजपा के तत्कालीन धर्मार्थ कार्य मंत्री नीलकंठ तिवारी को कड़ी टक्कर दी थी। जबकि इसी विधान सभा क्षेत्र में पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ धाम भी था।
कुछ इसी तर्ज पर लोक सभा में संकट मोचन मंदिर के महंत को टिकट दे कर अखिलेश यादव एक तीर से दो निशाने साध सकते है। एक तो तुलसी दास द्वारा स्थापित संकट मोचन मंदिर के महंत को अपने पाले में कर सॉफ्ट हिंदू होने का छवि बनाना और दुसरा महंत विशंभर नाथ मिश्र द्वारा लगातार गंगा पर उठाया मुद्दो को हवा दे कर पीएम मोदी को उनके ही संसदीय क्षेत्र में घेरना । बंद कमरे की एक घंटे की मुलकाता के बाद ट्विटर पर अखिलेश यादव और विशंभर नाथ मिश्र की जुगलबंदी कही ना कही इशारा कर रही है की महंत लोक सभा में सपा के प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं।