कारोबारी बनकर आय दोगुना करेंगे किसान | FPOs made in seven development blocks of the district | Patrika News

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कारोबारी बनकर आय दोगुना करेंगे किसान | FPOs made in seven development blocks of the district | Patrika News

कारोबारी बनकर आय दोगुना करेंगे किसान | FPOs made in seven development blocks of the district | Patrika News

जिले में अभी तक सातों विकासखंडों में केंद्र सरकार की योजना के तहत सात एफपीओ का गठन हो चुका है। कुछ निजी एफपीओ भी गठित हो गए हैं। प्रत्येक संगठन में 250 से 300 किसान जुडे़ हैं। वहीं संचालक मंडल भी बना हुआ है। यह संगठन अपनी आय बढ़ाने के लिए गाइडलाइन के तहत उपाए कर रहे हैं। अभी इनसे जुडे़ किसानों को यूरिया और बीज बाजार मूल्य से कम पर मिल रहा है। सीधे कंपनी से बल्क में इसे मंगवाया जाता है। ऐसे में इसका लाभ निजी विक्रेता की जगह संगठन के शेयरधारक किसानों को मिल रहा है।

मिल रहा आर्थिक सहयोग

इन संगठनों को नाबार्ड और एनआरएलएम सहित दूसरी संस्थाओं से आर्थिक सहयोग भी मिल रहा है। दो से अधिक एफपीओ ऐसे हैं जिन्होंने अपना काम आगे बढ़ा लिया है। उनका वार्षिक टर्नओवर भी लाखों में हो गया है। वहीं कुछ अभी सदस्य संख्या बढ़ाने के अलावा कार्ययोजना तैयार कर रहे हैं। इन संगठनों को सहायता मिलती है लेकिन जितने किसान हैं, उनको निश्चित आर्थिक योगदान करना पड़ता है। ऐसे में कुछ किसान पीछे हो जाते हैं।

यह है उद्देश्य

एफपीओ लघु स्तर के उत्पादक यानी छोटे एवं सीमांत किसानों का संगठन है। यह किसानों को बीज, उर्वरक, मशीन की आपूर्ति एवं तकनीकी सहायता प्रदान करता है ताकि वे अपनी आय को दोगुना कर सकें। यह किसानों को प्रशिक्षण और उपज के लिए नेटवर्किंग मुहैया कराता है। इन्हे खड़ा होने में चार से पांच साल लग जाते हैं। क्योंकि इसमें प्रभावशाली नहीं बल्कि सीमांत किसान होते हैं।

यह है िस्थति

– जिले के सात विकासखंडों में बने एफपीओ।

-15 सौ से ज्यादा किसान जुडे़ संगठन से।

– बीज, खाद, कीटनाशक रियायती दामों में।

क्या कहते हैं संचालक शेयरधारक किसानों को बाजार मूल्य से 20 से 30 प्रतिशत कम दाम पर खाद, बीज और कीटनाशक उपलब्ध कराया जा रहा है। किसानों की आय बढ़ाने के लिए उपज की पैकेजिंग की योजना बनाई है। वे अपने ब्रॉन्ड से इसका विक्रय करेंगे। इसके लिए फूड लाइसेंस भी लिया जा रहा है।

राघवेंद्र सिंह पटेल, सीईओ, मैकलसुता एफपीओ संगठन में 300 से अधिक किसानों ने पंजीयन करवा लिया है। क्षेत्र में मटर व्यापक पैमाने पर होता है। यह कच्ची फसल होती है, ऐसे में कई बार लाभ नहीं मिल पाता। इसलिए एक कोल्ड स्टोरेज की योजना बनाई गई है। इसी प्रकार राइस मिल भी किसान मिलकर चलाने की योजना है।

गोधन सिंह, डायरेक्टर, नटवारा एफपीओ एफपीओ का गठन किया है। अभी कुछ संख्या में किसान जुडे़ हैं। लेकिन ज्यादातर छोटे किसान हैं। वे इसमें अपना आर्थिक योगदान नहीं दे सकते। पहले कृषि विभाग ने सहयोग किया लेकिन अब कोई पूछता नहीं। इसलिए इसे आगे बढ़ाने में परेशानी जा रही है।

अभय सिंह ठाकुर, सीईओ, रेवाखंड एफपीओ जिले में सात एफपीओ का गठन प्रत्येक विकासखंड में किया गया है। उनका बेहतर संचालन हो रहा है। इसी प्रकार कुछ निजी एफपीओ भी गठित किए जा रहे हैं। शासन की योजना के तहत उनकी सहायता की जाती है।

अपूर्व गुप्ता, डिप्टी डेवलपमेंट मैनेजर, नाबार्ड



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