कान्ह-सरस्वती के लिए इंदौर को मिले 511 करोड़ | Indore got 511 crores for Kanh-Saraswati | Patrika News
इंदौरPublished: Feb 23, 2023 11:40:23 pm
– नदियों की सफाई के लिए नमामी गंगे प्रोजेक्ट के तहत केंद्र ने दी स्वीकृती
– बनेंगे 3 एसटीपी 13 किलोमीटर में डलेगी ट्रिटेड वाटर लाइन
कान्ह नदी
इंदौर. कान्ह और सरस्वती नदी की सफाई के लिए इंदौर को 511 करोड़ रुपए मिले हैं। केंद्र सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने स्वीकृती की सूचना भी भेज दी है। इस राशि से कान्ह और सरस्वती नदी सफाई के लिए 195 एमएलडी की क्षमता वाले तीन बड़े सीवरेज ट्रिटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनेंगे। इसके साथ ही इन प्लांट्स से साफ हुए पानी को दोबारा उपयोग में लाने के लिए 13 किलोमीटर की पाइप लाइन भी बिछाई जाएगी। साथ ही इंदौर में जो काम किए जाएंगे, उनके 15 साल के मेंटेेनेंस के लिए भी इस मद में पैसा स्वीकृत किया है।
इंदौर नगर निगम ने कान्ह एवं सरस्वती नदी की सफाई के लिए केंद्र सरकार के पास नमामी गंगे योजना का प्रोजेक्ट भेजा था। इसी प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार ने अनुमति दे दी है। केंद्र सरकार ने पूरे देश में नमामी गंगे के तहत 1,200 करोड़ के प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। इसमें से 511 करोड़ रुपए तो केवल इंदौर की योजना को ही मंजूरी दी गई है। इसके तहत कान्ह और सरस्वती नदी के साथ ही इनमें मिलने वाली सहायक नदियों के पानी को साफ करने के लिए भी एसटीपी बनेंगे।
सांसद को चिट्ठी लिख दी जानकारी
निगम से भेजा गया ये प्रोजेक्ट लंबे समय से केंद्र सरकार के पास अटका हुआ था। वहीं इंदौर के इस प्रोजेक्ट के बारे में सांसद शंकर लालवानी ने कई बार केंद्रीय जलशक्ती मिशन को चिट्ठी लिखी थी, साथ ही उन्होंने केंद्रीय जलशक्ती मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की भी थी। जिसके बाद इसकी स्वीकृती मिली है।
ये होगा निर्माण
– कबिट खेड़ी में 120 एमएलडी, लक्ष्मीबाई प्रतिमा के पास 35 एमएलडी और कनाडिया में 40 एमएलडी का एसटीपी प्लांट बनाया जाएगा।
– सभी प्लांट्स से साफ किए हुए पानी के पुर्नउपयोग के लिए 13 किलोमीटर की पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
– प्लांट्स के बनाने के साथ ही उनके 15 साल तक के मेंटेनेंस के लिए भी केंद्र सरकार 190 करोड़ रुपए देगी। इस दौरान निगम को केवल इनकी बिजली का बिल अदा करना होगा।
ये होगा फायदा
– कान्ह और सरस्वती नदी और उनमें मिलने वाली सहायक नदियों का पानी साफ करने के लिए और प्लांट्स बन पाएंगे।
– निर्माण, औद्योगिक उपयोग, उद्यान सहित अन्य कामों के लिए साफ किया हुआ पानी मिल पाएगा। जिससे नर्मदा और तालाबों सहित नलकुपों का पानी की बचत होगी। पानी बचाने का मुख्य साधन ये प्लांट्स बनेंगे।