कांग्रेस विधायक के गढ़ से भाजपा प्रत्याशी को चौकाने वाली बढ़त | BJP candidate’s shocking lead from Congress MLA’s stronghold | Patrika News h3>
वैसे देखा जाए तो राऊ भाजपा की सेहत बहुत ही खराब है। पूर्व विधायक जीतू जिराती और वरिष्ठ नेता मधु वर्मा समर्थकों के बीच यहां जबर्दस्त खींचतान है। टिकट वितरण के पहले तक दोनों ही साथ थे। एक ने राजेंद्र नगर वार्ड से संजय अड़सपुरकर का टिकट करवा लिया तो दूसरे ने अन्नपूर्णा वार्ड से बलराम वर्मा का, जहां से बाद में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बबलू शर्मा का टिकट घोषित कर दिया। राजेंद्र नगर में वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन ने अड़ कर प्रशात बड़वे को टिकट दिला दिया।
राजेंद्र नगर वार्ड में वर्मा समर्थकों ने विरोध में मोर्चा खोल दिया तो हेमंत तिवारी बागी होकर चुनाव लड़ लिए। यहां से जो बाड़ा बिगड़ा तो असर बिजलपुर होते हुए पालदा और कनाडिय़ा तक पहुंच गया। महापौर प्रत्याशी भार्गव के लिए अच्छी बात ये थी कि बागी व नाराज ने पार्षद प्रत्याशियों को जमा कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन उनके साथ में थे। असर ये होगा कि पार्षद को मिलने वाले वोटों से उनके वोट की संख्या ज्यादा होगी। एक तरह से देखा जाए तो भार्गव को राऊ भाजपा बड़ी राहत दे सकती है, लीड भी चौंकाने वाली हो सकती है। हालांकि ये भी तय है कि कांग्रेस पार्षदों की संख्या बढ़ जाएगी।
ये हैं वार्डों के हाल वार्ड-74 (विष्णुपुरी)
ये वार्ड भाजपा के वरिष्ठ नेता मधु वर्मा का गृह वार्ड है, जहां से भाजपा से सुनीता सुनिल हार्डिया लड़ रही हैं तो कांग्रेस ने शिखा भंडारी को मैदान में उतारा है। ये भाजपा के प्रभाव वाला वार्ड है और विधानसभा में नाराज रहे सिख समाज ने भाजपा का साथ दिया है। उस वजह से भाजपा को अच्छे वोट मिलने की उ्मीद है।
वार्ड-75 (पालदा)
राऊ में सबसे ज्यादा भितरघात किसी वार्ड में हुई है तो वह पालदा वाला वार्ड है। कुछ परंपरागत भितरघातियों के साथ में नई जमात और खड़ी हो गई, जिसने पूर्व पार्षद बसंत पारगी को हराने का
प्रयास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसका सीधा फायदा कांग्रेस के नए चेहरे कुणाल सोलंकी को मिला। इस बार कांग्रेस एकजुट थी। उस हिसाब से कांग्रेस यहां मजबूत स्थिति में है। हालांकि पारगी को अपने काम पर भरोसा है।
वार्ड-76 (बिचौली मर्दाना)
यहां से भाजपा से शिल्पा राजेश वानखेड़े को टिकट दिया गया है, वहीं कांग्रेस से सीमा सोलंकी मैदान में हैं। बाहरी होने की वजह से अंदरूनी तौर पर वानखेड़े का वार्ड के सभी नेता विरोध कर रहे थे। आखरी तक कई नेताओं को मन ठीक नहीं हुआ। दूसरी तरफ सोलंकी के समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधेश्याम पटेल ने खुलकर मैदान संभाला। वार्ड में बलाई समाज का भी अच्छा वोट बैंक है, जिसका उन्हें फायदा मिल सकता है।
वार्ड-77 (बिलावली)
खंडवा रोड वाले इस वार्ड से पूर्व पार्षद पुष्पेंद्र चौहान की रिश्तेदार प्रियंका चौहान भाजपा से मैदान में हैं तो कांग्रेस से ऋतु चौहान ने भाग्य आजमाया। भाजपा के वोट बैंक वाला वार्ड है, जिसकी वजह से चौहान को ज्यादा दिकत दिखाई नहीं दे रही लेकिन बड़ी लीड की उ्मीद नहीं है।
वार्ड-78 (चोइथराम)
सबसे रोचक मुकाबला यहां हो रहा है, जहां पर भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी बिजलपुर निवासी खाती समाज के हैं। भाजपा ने पंचायत सचिव की नौकरी छोड़कर आए ओमप्रकाश आर्य को टिकट दिया तो कांग्रेस से महेंद्र पटवारी चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर कांटे का मुकाबला है। भाजपा प्रत्याशी अतिआत्मविश्वास में चुनाव
लड़े तो चुनाव संचालक से नाराज होकर कई कार्यकर्ता घर बैठ गए। भाजपा का पूरा चुनाव मिस मैनेजमेंट का शिकार हो गया। ये जरूर है कि भाजपा के महापौर प्रत्याशी को पार्षद प्रत्याशी से ज्यादा वोट आएंगे।
वार्ड-79 (सुखनिवास)
अजा महिला के लिए आरक्षित इस वार्ड में भाजपा ने लक्ष्मी वर्मा को टिकट दिया था तो कांग्रेस ने शीतल सिलदार को खड़ा किया। भाजपा के प्रभाव वाला क्षेत्र होने की वजह से कांग्रेस के लिए जीत आसान नहीं है। ये जरूर है कि भाजपा को कोई बड़ी लीड यहां नहीं मिलेगी।
वार्ड-80 (राजेन्द्र नगर)
यहां भाजपा से प्रशांत बड़वे तो कांग्रेस से तन्मय चौहान चुनाव लड़ रहे हैं। बड़वे का टिकट वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन की सिफारिश से हुआ, जिसके विरोध में हेमंत तिवारी बागी होकर लड़ लिए। इस वजह से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया। क्षेत्र के कई नेताओं ने तिवारी का साथ दिया। हालांकि महापौर की बात करें तो बड़वे और तिवारी को मिलने वाले वोट दोनों ही उन्हें मिलेंगे। उनके लिए अच्छी लीड वाला वार्ड साबित होगा।
वार्ड-81 (अन्नपूर्णा)
राऊ में एकतरफा भाजपा की जीत कहीं नजर आ रही है तो वह यह वार्ड है। यहां पर भाजपा से बबलू शर्मा तो कांग्रेस से नितिन जैन के बीच मुकाबला है। शर्मा की पत्नी पार्षद रह चुकी हैं। अयोध्या का राजा सहित कई सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों का संचालन भी करते हैं। उस वजह से वार्ड में जीवंत संपर्क रहता है।
वैसे देखा जाए तो राऊ भाजपा की सेहत बहुत ही खराब है। पूर्व विधायक जीतू जिराती और वरिष्ठ नेता मधु वर्मा समर्थकों के बीच यहां जबर्दस्त खींचतान है। टिकट वितरण के पहले तक दोनों ही साथ थे। एक ने राजेंद्र नगर वार्ड से संजय अड़सपुरकर का टिकट करवा लिया तो दूसरे ने अन्नपूर्णा वार्ड से बलराम वर्मा का, जहां से बाद में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बबलू शर्मा का टिकट घोषित कर दिया। राजेंद्र नगर में वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन ने अड़ कर प्रशात बड़वे को टिकट दिला दिया।
राजेंद्र नगर वार्ड में वर्मा समर्थकों ने विरोध में मोर्चा खोल दिया तो हेमंत तिवारी बागी होकर चुनाव लड़ लिए। यहां से जो बाड़ा बिगड़ा तो असर बिजलपुर होते हुए पालदा और कनाडिय़ा तक पहुंच गया। महापौर प्रत्याशी भार्गव के लिए अच्छी बात ये थी कि बागी व नाराज ने पार्षद प्रत्याशियों को जमा कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन उनके साथ में थे। असर ये होगा कि पार्षद को मिलने वाले वोटों से उनके वोट की संख्या ज्यादा होगी। एक तरह से देखा जाए तो भार्गव को राऊ भाजपा बड़ी राहत दे सकती है, लीड भी चौंकाने वाली हो सकती है। हालांकि ये भी तय है कि कांग्रेस पार्षदों की संख्या बढ़ जाएगी।
ये हैं वार्डों के हाल वार्ड-74 (विष्णुपुरी)
ये वार्ड भाजपा के वरिष्ठ नेता मधु वर्मा का गृह वार्ड है, जहां से भाजपा से सुनीता सुनिल हार्डिया लड़ रही हैं तो कांग्रेस ने शिखा भंडारी को मैदान में उतारा है। ये भाजपा के प्रभाव वाला वार्ड है और विधानसभा में नाराज रहे सिख समाज ने भाजपा का साथ दिया है। उस वजह से भाजपा को अच्छे वोट मिलने की उ्मीद है।
वार्ड-75 (पालदा)
राऊ में सबसे ज्यादा भितरघात किसी वार्ड में हुई है तो वह पालदा वाला वार्ड है। कुछ परंपरागत भितरघातियों के साथ में नई जमात और खड़ी हो गई, जिसने पूर्व पार्षद बसंत पारगी को हराने का
प्रयास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसका सीधा फायदा कांग्रेस के नए चेहरे कुणाल सोलंकी को मिला। इस बार कांग्रेस एकजुट थी। उस हिसाब से कांग्रेस यहां मजबूत स्थिति में है। हालांकि पारगी को अपने काम पर भरोसा है।
वार्ड-76 (बिचौली मर्दाना)
यहां से भाजपा से शिल्पा राजेश वानखेड़े को टिकट दिया गया है, वहीं कांग्रेस से सीमा सोलंकी मैदान में हैं। बाहरी होने की वजह से अंदरूनी तौर पर वानखेड़े का वार्ड के सभी नेता विरोध कर रहे थे। आखरी तक कई नेताओं को मन ठीक नहीं हुआ। दूसरी तरफ सोलंकी के समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राधेश्याम पटेल ने खुलकर मैदान संभाला। वार्ड में बलाई समाज का भी अच्छा वोट बैंक है, जिसका उन्हें फायदा मिल सकता है।
वार्ड-77 (बिलावली)
खंडवा रोड वाले इस वार्ड से पूर्व पार्षद पुष्पेंद्र चौहान की रिश्तेदार प्रियंका चौहान भाजपा से मैदान में हैं तो कांग्रेस से ऋतु चौहान ने भाग्य आजमाया। भाजपा के वोट बैंक वाला वार्ड है, जिसकी वजह से चौहान को ज्यादा दिकत दिखाई नहीं दे रही लेकिन बड़ी लीड की उ्मीद नहीं है।
सबसे रोचक मुकाबला यहां हो रहा है, जहां पर भाजपा व कांग्रेस के प्रत्याशी बिजलपुर निवासी खाती समाज के हैं। भाजपा ने पंचायत सचिव की नौकरी छोड़कर आए ओमप्रकाश आर्य को टिकट दिया तो कांग्रेस से महेंद्र पटवारी चुनाव लड़ रहे हैं। यहां पर कांटे का मुकाबला है। भाजपा प्रत्याशी अतिआत्मविश्वास में चुनाव
लड़े तो चुनाव संचालक से नाराज होकर कई कार्यकर्ता घर बैठ गए। भाजपा का पूरा चुनाव मिस मैनेजमेंट का शिकार हो गया। ये जरूर है कि भाजपा के महापौर प्रत्याशी को पार्षद प्रत्याशी से ज्यादा वोट आएंगे।
वार्ड-79 (सुखनिवास)
अजा महिला के लिए आरक्षित इस वार्ड में भाजपा ने लक्ष्मी वर्मा को टिकट दिया था तो कांग्रेस ने शीतल सिलदार को खड़ा किया। भाजपा के प्रभाव वाला क्षेत्र होने की वजह से कांग्रेस के लिए जीत आसान नहीं है। ये जरूर है कि भाजपा को कोई बड़ी लीड यहां नहीं मिलेगी।
वार्ड-80 (राजेन्द्र नगर)
यहां भाजपा से प्रशांत बड़वे तो कांग्रेस से तन्मय चौहान चुनाव लड़ रहे हैं। बड़वे का टिकट वरिष्ठ नेता सुमित्रा महाजन की सिफारिश से हुआ, जिसके विरोध में हेमंत तिवारी बागी होकर लड़ लिए। इस वजह से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया। क्षेत्र के कई नेताओं ने तिवारी का साथ दिया। हालांकि महापौर की बात करें तो बड़वे और तिवारी को मिलने वाले वोट दोनों ही उन्हें मिलेंगे। उनके लिए अच्छी लीड वाला वार्ड साबित होगा।
वार्ड-81 (अन्नपूर्णा)
राऊ में एकतरफा भाजपा की जीत कहीं नजर आ रही है तो वह यह वार्ड है। यहां पर भाजपा से बबलू शर्मा तो कांग्रेस से नितिन जैन के बीच मुकाबला है। शर्मा की पत्नी पार्षद रह चुकी हैं। अयोध्या का राजा सहित कई सामाजिक व धार्मिक गतिविधियों का संचालन भी करते हैं। उस वजह से वार्ड में जीवंत संपर्क रहता है।