कांग्रेस में ‘एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत’ का फॉर्मूला, अब प्रियंका के करीबी नेताओं को भी देना होगा इस्तीफा | One person one post formula was implemented in Rajasthan Congress | Patrika News

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कांग्रेस में ‘एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत’ का फॉर्मूला, अब प्रियंका के करीबी नेताओं को भी देना होगा इस्तीफा | One person one post formula was implemented in Rajasthan Congress | Patrika News

कांग्रेस में ‘एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत’ का फॉर्मूला, अब प्रियंका के करीबी नेताओं को भी देना होगा इस्तीफा | One person one post formula was implemented in Rajasthan Congress | Patrika News

वहीं दिलचस्प बात यह है कि ‘एक व्यक्ति एक पद’ सिद्धांत के फॉर्मूले में अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी माने जाने वाले नेता भी चपेट में आ गए हैं, जिससे अब इन नेताओं की बेचैनी बढ़ी हुई है। दरअसल कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान, धीरज गुर्जर और कुलदीप इंदौरा 2 पदों पर हैं।

ऐसे में इस फॉर्मूले के तहत अब उन्हें एक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान और धीरज गुर्जर को जहां कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के करीबी माना जाता है तो वहीं कुलदीप इंदौरा को प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट का बेहद करीबी माना जाता है।

देना होगा एक पद से इस्तीफा
इधर कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव जुबेर खान मेवात विकास बोर्ड के चेयरमैन हैं और उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया हुआ है। इसके अलावा धीरज गुर्जर भी बीज निगम के चेयरमैन हैं, इन्हें भी सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दिया हुआ है। वहीं कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव कुलदीप इंदौरा श्रीगंगानगर जिला के जिला प्रमुख हैं।

ऐसे में इन नेताओं को 2 में से एक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। अब इन नेताओं के सामने परेशानी यह है कि वो पार्टी के राष्ट्रीय सचिव पद से इस्तीफा दें या फिर बोर्ड-निगम चेयरमैन के पद से इस्तीफा दें।

पीसीसी के आधा दर्जन पदाधिकारियों का भी होना है इस्तीफा
इधर ‘एक व्यक्ति एक पद’ सिद्धांत के फॉर्मूले और लगातार 5 साल से एक पद पर रहने वाले पीसीसी के आधा दर्जन पदाधिकारियों के और इस्तीफे होने हैं। इन पदाधिकारियों में शोभा सोलंकी, जीआर खटाना, डॉ जितेंद्र सिंह, राजेंद्र चौधरी, लाखन मीणा और प्रशांत सहदेव शर्मा का नाम शामिल है।

शोभा सोलंकी 5 साल से ज्यादा समय से जहां लगातार दूसरी बार प्रदेश कांग्रेस की सचिव हैं तो जीआर खटाना भी लगातार 6 साल से ज्यादा समय से दूसरी बार प्रदेश कांग्रेस के महासचिव हैं। इसके अलावा जीआर खटाना एक बोर्ड के चेयरमैन भी हैं। प्रदेश कांग्रेस के महासचिव लाखन मीणा भी 2 पदों पर हैं। संगठन में महासचिव पद के साथ-साथ लाखन मीणा क्षेत्रीय विकास मंडल के चेयरमैन भी हैं।

वहीं वरिष्ठ विधायक डॉ जितेंद्र सिंह भी 2 पदों पर हैं। जितेंद्र सिंह संगठन में उपाध्यक्ष के साथ-साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार भी हैं। ऐसे में उन्हें भी एक पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। पूर्व मंत्री राजेंद्र चौधरी भी लगातार 6 साल से ज्यादा समय से प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं। ऐसे में उन्हें भी उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ेगा। लगातार 6 साल से भी ज्यादा समय से प्रदेश कांग्रेस के सचिव प्रशांत सहदेव शर्मा और शोभा सोलंकी को भी अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा।

अब तक इन नेताओं के हो चुके हैं इस्तीफे
प्रदेश कांग्रेस ‘एक व्यक्ति एक पद’ के फॉर्मूले के तहत तब तक तकरीबन एक दर्जन नेताओं के इस्तीफे हो चुके हैं। इनमें कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल, रामलाल जाट और महेंद्रजीत सिंह मालवीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। इसके अलावा लगातार दूसरी बार रिपीट हुए 4 जिलाध्यक्षों ने भी अपने पद से इस्तीफे दिए हैं।

वही लगातार दूसरी बार रिपीट हुए प्रदेश कांग्रेस के सचिव जसवंत गुर्जर और जियाउर रहमान ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।गौरतलब है कि कांग्रेस में लंबे समय से ‘एक व्यक्ति एक पद’ के सिद्धांत को लागू करने की वकालत चल रही थी, लेकिन इस बार उदयपुर में 13 से 15 मई तक हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय चिंतन शिविर में ‘एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत’ के फॉर्मूले को सख्ती के साथ लागू किया गया है, जिसका असर अब देखने को मिल रहा है।



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