कांग्रेस नेताओं की वजह से ही खतरे में शहर की सरकार, महापौर सहित 50 पार्षदों ने दिया इस्तीफा

22
कांग्रेस नेताओं की वजह से ही खतरे में शहर की सरकार, महापौर सहित 50 पार्षदों ने दिया इस्तीफा

कांग्रेस नेताओं की वजह से ही खतरे में शहर की सरकार, महापौर सहित 50 पार्षदों ने दिया इस्तीफा

जयपुर: कांग्रेस और कलह अब एक दूसरे के पर्याय हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर पिछले चार साल से सियासी जंग चल रही है। विधायक और मंत्री एक दूसरे पर करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। पीसीसी चीफ और विधायक सार्वजनिक बैठकों में दुश्मनों की तरह उलझते हैं। अब जयपुर शहर कांग्रेस में भी घमासान मच गया है। जयपुर हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर सहित कांग्रेस के 50 पार्षदों ने अपने इस्तीफा मुख्यमंत्री को भेज दिए हैं। महिला महापौर और महिला पार्षदों सहित दर्जनों जनप्रतिनिधि शुक्रवार रात से धरने पर बैठे। यह धरना शनिवार को भी जारी है।

अफसरों पर अपशब्द कहने और मनमानी का आरोप

हेरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर और कांग्रेस के पार्षदों का आरोप है कि अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र प्रसाद का व्यवहार महापौर और पार्षदों के प्रति ठीक नहीं है। उन पर तू-तड़ाके से बात करने और अपशब्द कहने के आरोप लगाए गए। महापौर मुनेश गुर्जर का कहना है कि शुक्रवार को वे कांग्रेस के कुछ पार्षदों के साथ अतिरिक्त आयुक्त के चेम्बर में गई थी। उस दौरान अतिरिक्त आयुक्त ने अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए जनप्रतिनिधियों को भला बुरा कहने लगे। अतिरिक्त आयुक्त के इस रवैये से नाराज होकर महापौर और सभी पार्षद बाहर आ गए और वहीं धरने पर बैठ गए। खुद महापौर और कई पार्षद रातभर धरने पर बैठे रहे।

अतिरिक्त आयुक्त को बनाया बंधक

हाल ही में नगर निगम की ओर से पार्षदों को उनके इलाके में काम करने के लिए 5-5 अस्थायी कर्मचारी दिए जाने के निर्देश जारी किए। इसके लिए अतिरिक्त आयुक्त के निर्देशन में गठित टीम टेंडर प्रक्रिया करने वाली थी, लेकिन पार्षदों का आरोप है कि अतिरिक्त आयुक्त ने पिछले 15 दिन से फाइल अटका रखी है। कांग्रेस के सभी पार्षद यह शिकायत लेकर शुक्रवार को महापौर के पास गए। महपौर ने अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा को अपने चेम्बर में बुलाया लेकिन वर्मा नहीं आए। बाद में सभी पार्षद वर्मा के चेम्बर में जाकर उन्हें महापौर के चेम्बर में लेकर आए। यहां आने के बाद भी वर्मा ने किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसके बाद महापौर और पार्षदों ने राजेन्द्र वर्मा को वहीं बंधक बना लिया।

पार्षदों ने मुख्यमंत्री को भेजा मांग पत्र

महापौर और कांग्रेसी पार्षदों की ओर से धरना दिए जाने की जानकारी मिलने के बाद मंत्री महेश जोशी नगर निगम मुख्यालय पहुंचे। उन्होंने महापौर सहित कांग्रेस के अन्य पार्षदों के साथ चर्चा की। बाद में देर रात को पुलिस की मौजूदगी में अतिरिक्त आयुक्र राजेन्द्र वर्मा को निगम कार्यालय से सुरक्षित निकाला गया। कांग्रेसी पार्षदों ने मंत्री महेश जोशी से मांग की है कि अतिरिक्त आयुक्त राजेन्द्र वर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए। पार्षदों और महापौर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र भेजकर अतिरिक्त आयुक्त के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News