कांग्रेस-आप का ‘इंडिया’ गठबंधन पंजाब के लिए नुकसानदायक: शेरगिल | Congress-AAP’s ‘India’ alliance harmful for Punjab: Shergill | Patrika News h3>
चंडीगढ़ पंजाबPublished: Sep 05, 2023 05:53:32 pm
राज्य के उद्योगपति दूसरे राज्यों में पलायन की तैयारी कर रहे
कांग्रेस-आप का ‘इंडिया’ गठबंधन पंजाब के लिए नुकसानदायक: शेरगिल
चंडीगढ़. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने मंगलवार को कहा कि पंजाब की बिगड़ती कानून-व्यवस्था और पंजाब सरकार के उद्योग विरोधी फैसलों के कारण राज्य के उद्योगपति दूसरे राज्यों में पलायन की तैयारी कर रहे हैं।
श्री शेरगिल ने आप सरकार के कुछ बेहद गलत फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि उद्योग जगत को सबसे बड़ा झटका बिजली की दरों में बढ़ोतरी से लगा है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली उपलध कराने के चुनाव से पहले दिए गए भरोसे के बावजूद, जब स्लैब में अन्य शुल्कों को जोड़ा जाता है, तो यह दर सात से 12 रुपये प्रति यूनिट के बीच पहुंच जाती है। यह उद्योगों के साथ एक भद्दे मजाक के अलावा कुछ नहीं है।
उन्होंने इसी तरह लंबित वैट के मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि हजारों करदाताओं को पिछले दो वर्षों से अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने खुलासा किया कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने घोषणा की थी कि सभी लंबित वैट के मामलों का निपटारा 15 दिनों के भीतर किया जाएगा, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी उद्योगपति इससे जुड़े नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं।
श्री शेरगिल, जो पंजाब भाजपा के परमानेंट इनवाइटी मेंबर भी हैं, ने कहा कि सत्ता में आने से पहले आप ने औद्योगिक भाईचारे से ‘इंस्पेक्टरी राज’ को समाप्त करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता संभालने के बाद वे बड़ी आसानी से इस वादे को भूल गए हैं। इस संबंध में उद्योगपतियों को परेशान करने से जुड़ी एक अन्य उदाहरण का हवाला देते हुए, शेरगिल ने कहा कि लार्ज सप्लाई (एलएस) वाले कारखानों में पावर क्वालिटी मीटरों (पीक्यूएम) को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि उद्योगपतियों के अनुसार उक्त निर्णय पूरी तरह से अनुचित है, क्योंकि इन मीटरों की लागत लगभग साढे तीन लाख रुपये से चार लाख रुपये तक होती है, जिसे चुका पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है। उन्होने कहा कि पंजाब में औद्योगिक जमीन की कीमतें पहले से ही बहुत अधिक हैं, उसके ऊपर से जमीन की आरक्षित कीमतों में 50 प्रतिशत की और वृद्धि अनुचित है, जो नए निवेश प्राप्त करने में एक बड़ी बाधा बनेगी। शेरगिल ने मुख्यमंत्री को सचेत करते हुए कहा कि यदि सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए और उद्योगों से संबंधित मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया गया, तो वह दिन दूर नहीं जब मौजूदा इंडस्ट्री धीरे-धीरे बंद हो जाएगी।
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चंडीगढ़ पंजाबPublished: Sep 05, 2023 05:53:32 pm
राज्य के उद्योगपति दूसरे राज्यों में पलायन की तैयारी कर रहे
कांग्रेस-आप का ‘इंडिया’ गठबंधन पंजाब के लिए नुकसानदायक: शेरगिल
चंडीगढ़. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने मंगलवार को कहा कि पंजाब की बिगड़ती कानून-व्यवस्था और पंजाब सरकार के उद्योग विरोधी फैसलों के कारण राज्य के उद्योगपति दूसरे राज्यों में पलायन की तैयारी कर रहे हैं।
श्री शेरगिल ने आप सरकार के कुछ बेहद गलत फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि उद्योग जगत को सबसे बड़ा झटका बिजली की दरों में बढ़ोतरी से लगा है। उन्होंने कहा कि उद्योगों को पांच रुपये प्रति यूनिट बिजली उपलध कराने के चुनाव से पहले दिए गए भरोसे के बावजूद, जब स्लैब में अन्य शुल्कों को जोड़ा जाता है, तो यह दर सात से 12 रुपये प्रति यूनिट के बीच पहुंच जाती है। यह उद्योगों के साथ एक भद्दे मजाक के अलावा कुछ नहीं है।
उन्होंने इसी तरह लंबित वैट के मामलों का जिक्र करते हुए कहा कि हजारों करदाताओं को पिछले दो वर्षों से अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने खुलासा किया कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने घोषणा की थी कि सभी लंबित वैट के मामलों का निपटारा 15 दिनों के भीतर किया जाएगा, लेकिन एक महीना बीतने के बाद भी उद्योगपति इससे जुड़े नोटिफिकेशन का इंतजार कर रहे हैं।
श्री शेरगिल, जो पंजाब भाजपा के परमानेंट इनवाइटी मेंबर भी हैं, ने कहा कि सत्ता में आने से पहले आप ने औद्योगिक भाईचारे से ‘इंस्पेक्टरी राज’ को समाप्त करने का वादा किया था, लेकिन सत्ता संभालने के बाद वे बड़ी आसानी से इस वादे को भूल गए हैं। इस संबंध में उद्योगपतियों को परेशान करने से जुड़ी एक अन्य उदाहरण का हवाला देते हुए, शेरगिल ने कहा कि लार्ज सप्लाई (एलएस) वाले कारखानों में पावर क्वालिटी मीटरों (पीक्यूएम) को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। जबकि उद्योगपतियों के अनुसार उक्त निर्णय पूरी तरह से अनुचित है, क्योंकि इन मीटरों की लागत लगभग साढे तीन लाख रुपये से चार लाख रुपये तक होती है, जिसे चुका पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं है। उन्होने कहा कि पंजाब में औद्योगिक जमीन की कीमतें पहले से ही बहुत अधिक हैं, उसके ऊपर से जमीन की आरक्षित कीमतों में 50 प्रतिशत की और वृद्धि अनुचित है, जो नए निवेश प्राप्त करने में एक बड़ी बाधा बनेगी। शेरगिल ने मुख्यमंत्री को सचेत करते हुए कहा कि यदि सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए और उद्योगों से संबंधित मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान नहीं किया गया, तो वह दिन दूर नहीं जब मौजूदा इंडस्ट्री धीरे-धीरे बंद हो जाएगी।